ब्राजील भले ही कोरोना वायरस महामारी से बुरी तरह ग्रस्त है लेकिन वहां के राष्ट्रपति जेरे बोलसोनारो फुटबॉल की जल्द से जल्द वापसी चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि फुटबालरों पर कोविड-19 बीमारी का ज्यादा असर नहीं पड़ेगा। ब्राजील को फुटबॉल का पर्याय माना जाता रहा है जिसने विश्व फुटबॉल को पेले से लेकर नेमार तक कई दिग्गज फुटबॉलर दिये हैं। लेकिन अभी ब्राजील लेटिन अमेरिकी देशों में कोरोना वायरस प्रकोप का केंद्र बना हुआ है।
ब्राजील में इस महामारी के कारण मरने वालों का आधिकारिक आंकड़ा शुक्रवार तक 27,878 था और सर्वाधिक मौतों के मामले में वह पांचवें स्थान पर पहुंच गया है। इस देश में मार्च के मध्य से ही फुटबॉल मैच नहीं हो रहे हैं लेकिन राष्ट्रपति बोलसोनारो ने हाल में रेडियो गुइबा से कहा कि फुटबॉलरों की कोविड-19 से गंभीर रूप से बीमार होने की संभावना कम है।
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बोलसोनारो, ‘‘फुटबॉलर क्योंकि युवा खिलाड़ी होते हैं इसलिए अगर उन्हें कोरोना वायरस पकड़ लेता है तो उनकी मौत की संभावना बहुत कम होगी। ’’ बोलसोनारो ने इससे पहले मार्च में दावा किया था कि वह पूर्व में खिलाड़ी रहे हैं और अगर उन्हें यह वायरस जकड़ लेता है तब भी उन्हें हल्की जुकाम ही लगेगी।
राष्ट्रपति ने कहा कि फुटबॉल की वापसी के पीछे उनका मुख्य उद्देश्य बेरोजगारी और उससे जुड़ी परेशानियों को दूर कर करना है। उन्होंने कहा कि शीर्ष खिलाड़ियों के पास धन की कमी नहीं है लेकिन छोटी क्षेत्रीय लीग के खिलाड़ियों का अपने परिवार चलाने के लिये खेलना जरूरी है।
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मार्च में जब फुटबॉल मैच रोके गये थे तब क्षेत्रीय स्तर के मैच चल रहे थे। राष्ट्रीय चैंपियनशिप मई में शुरू होनी थी लेकिन उसके लिये अब तक कोई ठोस योजना नहीं बनायी गयी है।
बोलसोनारो और उनके बेटे ने 19 मई को रियो के दो शीर्ष क्लबों वास्को डि गामा और फ्लेमेंगो के प्रमुखों से बात की थी। रियो के मेयर मार्सेलो क्रीवेला ने जून में अभ्यास शुरू करने की अनुमति दे दी है और उन्हें लगता है कि जुलाई में किसी समय खाली स्टेडियमों में मैचों का आयोजन शुरू हो सकता है।
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