कोरोनावायरस के कहर की वजह से इस समय कहीं भी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच नहीं खेला जा रहा है। कुछ देशों ने अपने यहां खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू कर दी, लेकिन यह अभी भी खतरे से खाली नहीं है। पिछले दिनों आईसीसी क्रिकेट समिति ने क्रिकेट के बहाल होने पर लार पर बैन लगा दिया था। आईसीसी के नए दिशानिर्देशों पर जसप्रीत बुमराह ने एतराज जताते हुए कहा है कि मैदान छोटे पर छोटे हुए जा रहे हैं, विकेट फ्लैट पर फ्लैट हुई जा रही है, तो हमें भी कुछ चाहिए ना।
आईसीसी की वीडियो सीरीज इनसाइड आउट इंटरव्यूज में जसप्रीत बुमराह ने नए दिशानिर्देशों के बारे में बात करते हुए कहा 'मैं वैसे ज्यादा गले नहीं मिलता और ना मैं ऐसा इंसान हूं जो खुशी से ताली मारे, तो इससे मुझे कोई दिक्कत नहीं है। केवल लार ही ऐसी चीज है जिसमें मैं दिलचस्पी ले रहा हूं। मुझे नहीं पता की वापसी करने के बाद हमें क्या दिशानिर्देश फॉलो करने हैं, लेकिन मुझे लगता है कि इसका (लार का) कोई विकल्प होना चाहिए। अगर गेंद को अच्छे तरीके से बनाया नहीं रखा गया तो गेंदबाजों को काफी कठिनाई होगी।
बुमराह ने आगे कहा 'मैदान छोटे पर छोटे हुए जा रहे हैं, विकेट फ्लैट पर फ्लैट हुई जा रही है, तो हमें भी कुछ चाहिए ना। गेंदबाजों को कोई विकल्प तो चाहिए जिससे वह गेंद को बनाए रखें शायद इससे रिवर्स स्विंग या फिर पारंपरिक स्विंग मिले।'
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टेस्ट क्रिकेट में कंडीशन गेंदबाज के पक्ष में होती है। इस पर बुमराह ने कहा 'टेस्ट मैच में हां ऐसा होता है। तभी वह मेरा पसंदीदा फॉर्मेट है क्योंकि हमें वहां कुछ तो मिलता है। लेकिन वनडे क्रिकेट में दो नई गेंद होती है जिससे अंत में रिवर्स स्विंग कराना काफी कठिन होता है।'
हाल ही में भारतीय टीम ने न्यूजीलैंड का दौरा किया था जहां मैदान काफी छोटे थे। इस मैदान पर गेंदबाजों को काफी कठिनाईयों को सामना करना पड़ता है।. इसका उदहारण देते हुए बुमराह ने कहा 'हमने न्यूजीलैंड में खेला जहां मैदान 50 मीटर के होते हैं। वहां अगर आप छक्का लगाने के बारे में सोच भी नहीं रहे होते हैं तो फिर भी आपको छक्का मिल जाता है। टेस्ट क्रिकेट में मुझे कोई दिक्कत नहीं है, मुझे खुशी है जिस तहर से इस फॉर्मेट में चीजें चल रही है।'
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