पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने हाल ही में क्रिकेटर उमर अकमल पर 3 साल का प्रतिंबध लगाया गया है। उमर पर ये प्रतिबंध भ्रष्ट संपर्कों की सूचना नहीं देने के लिए लगाया गया है। उमर को पाकिस्तान सुपर लीग के 5वें सीजन से पहले सटोरियों ने संपर्क किया था जिसकी सूचना पाकिस्तानी क्रिकेटर ने बोर्ड को नहीं दी थी। हालांकि कयास लगाए जा रहे हैं कि इस मामलें में उमर को राहत मिल सकती है। माना जा रहा है कि पीसीबी उमर की ज्यादातर प्रतिबंध को निलंबित कर सकता है।
इस बीच उमर अकमल को लेकर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष नजम सेठी ने बड़ा खुलासा किया है। नजम सेठी का कहना है कि उमर अकमल को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। सेठी ने बताया कि उमर को मिर्गी की समस्या है और उसने इसका इलाज कराने से भी मना कर दिया था। सेठी 2013 से 2018 तक पीसीबी के अध्यक्ष और कार्यकारी समिति के प्रमुख रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब वह बोर्ड के अध्यक्ष बने तो उन्होंने जिस पहली समस्या का सामना किया वह उमर से जुड़ी थी।
सेठी ने एक टीवी चैनल से कहा, ‘‘हमारे पास चिकित्सा रिपोर्ट थी जिसमें पुष्टि की गयी थी उसे मिर्गी के दौरे पड़ते हैं और हमने उसे वेस्टइंडीज से वापस बुला दिया। जब मैं उससे मिला तो मैंने उससे कहा कि यह गंभीर समस्या है और उसे विश्राम लेकर उचित उपचार कराने की जरूरत है। लेकिन वह यह मानने के लिये तैयार ही नहीं था।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जो भी हो मैंने उसे दो महीने तक खेलने से रोक दिया लेकिन बाद में हमने चिकित्सा रिपोर्ट चयनकर्ताओं के पास भेज दी और उन पर फैसला छोड़ दिया क्योंकि मुझे उनके काम में हस्तक्षेप करना पसंद नहीं था। ’’ मिर्गी केंद्रीय तंत्रिता तंत्र (न्यूरोलॉजिकल) से जुड़ी बीमारी है जिसमें मस्तिष्क की गतिविधियां असामान्य हो जाती है। सेठी ने इसके साथ ही कहा कि उमर बेहद प्रतिभाशाली क्रिकेटर है लेकिन वह खुद को टीम से बड़ा समझता है। उन्होंने कहा, ‘‘उसे अनुशासन में रहना पसंद नहीं है। वह टीम के लिये नहीं खुद के लिये खेता है। वह अनुशासन की परवाह नहीं करता।’’
भारत के महान बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। सचिन ने अपने करियर में अनगिनत बार अपने दमदार खेल से भारतवासियों के चेहरे पर मुस्कान बिखेरी है। उनकी ऐसी ही कुछ पारियां हैं जिनकी यादें क्रिकेट फैंस के जहन में आज भी कायम है और उसे कभी भुलाया भी नहीं जा सकता है। सचिन ने ऐसी ही एक दमदार पारी साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली थी, जिसे 'डेजर्ट स्ट्रॉम' के नाम से भी जाना जाता है। साल 1998 में भारत, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच कोका कोला ट्राइंगुलर कप खेला गया था।
कोकाकोला कप में 22 अप्रैल 1998 को भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक मुकाबला खेला गया था। भारतीय टीम के लिए यह मैच करो या मरो का था। टीम इंडिया को फाइनल में पहुंचने के लिए किसी भी हाल में जीत दर्ज करनी थी।
दोनों टीमों के बीच यह मैच शारजाह में खेला जा रहा था। ऑस्ट्रेलिया ने भारतीय टीम को पहले बल्लेबाजी करते हुए जीत के लिए 285 रनों का लक्ष्य दिया। भारतीय टीम जब लक्ष्य का पीछा करने उतरी तो मैच के दौरान रेतीले तूफान की वजह से खेल को रोकना पड़ा। आलम यह हुआ कि भारतीय टीम को 46 ओवर में 275 रनों का संशोधित लक्ष्य मिला।
रेतीला तूफान थम चुका था। एक बार फिर से खेल शुरू करने की तैयारी हो रही थी लेकिन किसे पता था कि एक बड़े तूफान का आना अभी बांकी है। इस नए तूफान का सामना भारतीय टीम को नहीं बल्कि विपक्षी और उस समय की नंबर एक टीम ऑस्ट्रेलिया को करना था और तूफान बनकर आए सचिन तेंदुलकर, सचिन इस मैच में ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजों पर कहर बनकर टूटे और 131 गेंदों में 143 रनों की तूफानी पारी खेली। सचिन की इस पारी को बाद में 'डेजर्ट स्ट्रॉम' का नाम दिया गया।
अपनी इस दमदार पारी को लेकर सचिन ने हाल ही में 'स्टार स्पोर्ट्स' के एक शो में कुछ दिलचस्प यादों को साझा किया। सचिन ने इस दौरान बताया कि जब कोका कोला कप जीतकर भारत वापस लौटे उन्हें उनके भाई से क्यों डांट पड़ी थी।
सचिन ने कहा, ''जब मैं अपने घर वापस आया तो मेरे भाई अजित तेंदुलकर ने मुझे काफी डांटा था, इसके पीछे वजह यह थी कि मैं ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ उस मैच में बल्लेबाजी के दौरान वीवीएस लक्ष्मण पर चिल्लाया था।''
उन्होंने कहा, ''डेजर्ट स्टॉर्म वाले मुकाबले में जब मेरे साथ लक्ष्मण बल्लेबाजी कर रहे थे तो मैंने उन पर रन लेने के लिए चिल्लाया था। मैंने उनसे कहा था कि तुम रन लेने के लिए दौड़ क्यों नहीं पा रहे हो। दबाव भरे मैच में कभी-कभी आप खुद पर काबू नहीं रख पाते हैं और ऐसा हो जाता है।''
सचिन ने कहा, ''इस घटना के बाद जब मैं घर वापस आया तो मेरे भाई ने मुझसे कहा कि तुम्हें लक्ष्मण पर इस तरह से नहीं चिल्लाना चाहिए था। वह भी टीम के लिए खेलता है और तुम भी, वह तुम्हारे अकेले का मैच नहीं था। वह भी तो तुम्हारे साथ खेल रहा था।''
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ इस मैच में सचिन और लक्ष्मण के बीच पांचवे विकेट के लिए 104 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी हुई थी। लक्ष्मण ने इस मैच में 34 गेंदे में 23 रनों का योगदान दिया था।
हालांकि भारतीय टीम यह मैच 26 रनों से हार गई लेकिन इसके बावजदू वह रन रेट के आधार पर फाइनल में पहुंचने में कामयाब रही थी।
सचिन ने कहा, ''हालांकि हम फाइनल में पहुंच चुके थे लेकिन मेरे दिमाग में हमेशा से यह चल रहा था कि हम मैच जीतकर यहां पहुंचते। मैच जीतकर फाइनल में जाने से हमें एक अलग आत्मविश्वास मिलता।''
उन्होंने कहा, ''जब आप किसी मैच को जीतकर क्वालीफाई करते हो और जब आप रन रेट के आधार करते हो दोनों में बड़ा अंतर हो जाता है। यहां दिमागी तौर विपक्षी टीम पर असर पड़ता है लेकिन ऐसा नहीं सका। इसके बाद फिर मैंने सोचा कि फाइनल में हम जीतने की कोशिश करेंगे।''
फाइनल मुकाबले में भी भारतीय टीम की भिड़ंत ऑस्ट्रेलिया के साथ ही हुआ। इस मैच में भी सचिन ने धमाकेदार शतक जड़ा और भारतीय टीम को खिताब दिलाने में कामयाब रहे।
रॉस टेलर को न्यूजीलैंड क्रिकेट अवॉर्ड्स में साल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया। रॉस टेलर को सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी के तौर पर सर रिचर्ड हेडली मेडल से सम्मानित किया गया। टेलर को तीसरी बार ये पुरस्कार मिला है। टेलर के लिए साल 2019 मील का पत्थर साबित हुआ। टेलर ने साल 2019 में न्यूजीलैंड को लगातार दूसरे विश्व कप फाइनल में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई।
इस साल रॉस टेलर ने टेस्ट रन के मामलें में न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान स्टीफन फ्लेमिंग को पीछे छोड़ा और क्रिकेट के तीनों प्रारूपों में 100 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बने। पिछले 12 महीने की बात करें तो टेलर तीनों फॉर्मेट में कुल 32 मैचों में कुल 1,389 रन बनाए।
पुरस्कार जीतने के बाद रॉस टेलर ने कहा, " ये काफी उतार-चढ़ाव भरा रहा। वर्ल्ड कप फाइनल में पहुंचकर हारना, बॉक्सिंग डे टेस्ट, जिसका हिस्सा बनकर मैं काफी गौरवान्वित महसूस कर रहा था। इतने सारे कीवी फैंस का हमको सपोर्ट करना। ये अहसास मैं कभी नहीं भूल सकता। इस सीजन जिस निरंतरता के साथ मैं रन बना रहा था और जब भी आप टीम के प्रदर्शन में योगदान देते हैं तो ये काफी स्पेशल होता है।"
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दूसरी तरफ टिम साउदी को शुक्रवार को हुए वर्चुअल समारोह में टेस्ट प्लेयर ऑफ द ईयर चुना गया, जबकि किम कॉटन को अंपायर ऑफ द ईयर का पुरस्कार मिला। 31 साल के टिम साउथी ने पुरस्कार अवधि के दौरान 8 टेस्ट मैच में 40 विकेट हासिल किए। इनमें से 14 विकेट उन्होंने इस साल भारत के खिलाफ खेले 2 मैचों की टेस्ट सीरीज के दौरान चटकाए। इस सीरीज में मेजबान न्यूजीलैंड ने भारत को 2-0 से मात दी थी।
ब्राजील के राष्ट्रपति जायर बोलसोनारो देश में कोरोना वायरस के कई मामलों के बावजूद फुटबॉल प्रतियोगिताओं की वापसी चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि खिलाड़ियों की अपनी शारीरिक फिटनेस के कारण कोविड-19 से मरने की संभावना बहुत कम है।
बोलसोनारो अब भी दुनिया के उन कुछेक नेताओं में शामिल हैं जो कोरोना वायरस के जोखिम को बहुत अधिक मानकर नहीं चल रहे हैं और इसे एक ‘फ्लू’ के रूप में देख रहे हैं। ब्राजील में 15 मार्च से ही सभी फुटबॉल टूर्नामेंट निलंबित हैं।
ब्राजीली चैंपियनशिप मई में शुरू होनी थी लेकिन इसकी संभावना कम लगती है क्योंकि लेटिन अमेरिकी देशों में ब्राजील कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित है। ब्राजील में इस वायरस से अब तक 5900 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
बोलसोनारो ने रेडियो गुइबा को दिये गये साक्षात्कार में कहा, ‘‘फुटबॉल से जुड़े बहुत से लोग इस खेल की वापसी चाहते हैं क्योंकि क्लबों पर भी बेरोजगारी खतरा मंडराने लगा है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘फुटबॉलर अगर संक्रमित भी होते हैं तो उनके मरने की संभावना बहुत कम है। ऐसा उनकी शारीरिक फिटनेस के कारण है क्योंकि वे खिलाड़ी हैं। फुटबॉल को शुरू करने का फैसला मेरा नहीं होगा लेकिन हम मदद कर सकते हैं। ’’
कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में खेलों के आयोजन पर रोक लगी हुई है। ऐसे में पुर्तगाल की सरकार ने देश में फुटबाल लीग को 30 मई से फिर से शुरू करने की मंजूरी देने का फैसला किया है। इससे पहले लीग को कोरोना वायरस महामारी के कारण बीच में ही स्थगित कर दिया गया था।
पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने गुरुवार को लॉकडाउन के बाद की योजनाओं का खुलासा करते हुए ये ऐलान किया। हालांकि उन्होंने कहा कि लीग को फिर से शुरू करने से पहले स्टेडियमों में वायरस को फैलने से रोकने के उपायों पर गौर किया जाएगा।
चिकित्सा अधिकारी द्वारा प्रत्येक स्टेडियम की जांच करेंगे और उसके बाद ही मंजूरी दी जाएगी। मैच के दौरान स्टेडियम में दर्शकों नहीं होंगे। बता दें, पुर्तगाल की फुटबॉल लीग में अभी पोर्टो ने बेनफिसा पर एक अंक की बढ़त बना रखी है।
कतर में 2022 में होने वाले विश्व कप फुटबॉल के एक ‘ब्रांड एंबेसडर’ को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। टूर्नामेंट के आयोजकों ने इसकी पुष्टि की। कतर के पूर्व मिडफील्डर 54 साल के आदेल खमीस इस टूर्नामेंट के एंबेसडर हैं।
टूर्नामेंट की शीर्ष समिति ने ट्वीट किया, ‘‘दुर्भाग्य से आदेल खमीस को कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया है। हम सभी संक्रमित व्यक्तियों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करते हैं। ’’
विश्व कप के लिये तैयार किये जा रहे स्टेडियमों में काम कर रहे कर्मचारियों में से आठ को भी कोविड-19 से संक्रमित पाया गया था।
आयोजकों ने हालांकि 17 अप्रैल के बाद इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। कतर में कोविड-19 के 13,409 मामले हैं जिसमें 1372 ठीक हो गये हैं जबकि दस लोगों की मौत हुई है।
Shortening of the 2019-20 season due to the Covid-19 outbreak has forced organizers to allow exempt players to retain their playing status for 2020-21 regardless of where they finish in FedEx Cup standings
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Retired Qatari midfielder Adel Khamis, 54, "was unfortunately diagnosed with the novel coronavirus," the Supreme Committee for the organisation of the 2022 tournament.
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न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के स्टार बल्लेबाज हेनरी निकोल्स कोविड-19 राहत कोष में फंड जुटाने के लिए पिछले साल विश्व कप फाइनल में पहनी हुई अपनी जर्सी को दान करेंगे। निकोल्स अपनी हाफ स्लीव जर्सी देंगे जिसमें टीम के सभी खिलाड़ियों के हस्ताक्षर हैं। एक लोकल बेवसाइट की रिपोर्ट के मुताबिक उनकी जर्सी की नीलामी से इकट्ठा हुए फंड को यूनाइटेड नेशन की संस्था यूनिसेफ के पास जाएगा।
फंड के लिए अपनी जर्सी देने के बाद निकोल्स ने कहा, ''पिछले साल विश्व कप के फाइनल में जो कुछ भी हुआ वह शानदार और यादगार था।''
इंग्लैंड और न्यूजीलैंड के बीच खेला गया विश्व कप का फाइनल मैट टाई हो गया था। जिसके बाद विवादित रूप से बाउंड्री काउंट के नियम के आधार पर इंग्लैंड को विजेता घोषित किया गया। निकोल्स फाइनल मैच में न्यूजीलैंड के लिए सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज थे।
उन्होंने कहा, ''मैंने सोचा कि मैं इस मुश्किल समय में लोगों की मदद के लिए अपने शर्ट को दान कर सकता हूं। इससे जो फंड जमा होगा वह कोविड- 19 से प्रभावित लोगों की मदद के लिए जाएगा।''
निकोल्स की इस शर्ट पर आने वाले सोमवार तक बोली लगाई जा सकती है। इस दौरान जो सबसे अधिक बोली लगाएगा उसे यह शर्ट दी जाएगी।
निकोल्स ने कहा, ''मैं नहीं चाहता था कि मैं इस तरह से शर्ट के लिए ऑक्शन लगवाउंगा जहां सबसे अधिक बोली लगाने वाले की जीत होती है।''
उन्होंने कहा, ''मैं चाहता था कि एक ऐसा ड्रॉ बनाया जाए जिसमें कोई भी 5 या 10 डॉलर दान कर अपना नाम इसमें शामिल कर लें और फिर इसमें किसी एक को विजेता घोषित की जाए। यह ऑक्शन से थोड़ा बेहतर हो सकता था।''
उन्होंने कहा, ''न्यूजीलैंड में बहुत ऐसे परिवार हैं जो इस समय मुश्किल में हैं। मेरी तरफ से उनके लिए यह एक छोटा सा योगदान है जो कि एक बड़ा बदलाव कर सकता है।''
हाल ही में इंग्लैंड के विकेटकीपर जोस बटलर ने भी कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ जारी जंग में मदद के लिए विश्व कप फाइनल में पहनी अपनी शर्ट को नीलाम किया था। इस नीलामी में उन्होंने 65100 पाउंड इकट्ठा किए थे जिन्हें लंदन के दो हॉस्पिटल में दान दिया गया।
कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में खेल गतिविधियां ठप है। ऐसे में खेलों के आयोजन को लेकर स्थानीय सरकारें सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुए गंभीरता से विचार कर रही हैं। कोरोना महामारी की वजह से दुनिया के लोकप्रिय खेल आयोजन में से एक फार्मूसा वन रेस भी काफी प्रभावित हुई है। इसी को ध्यान में रखते हुए ऑस्ट्रिया सरकार ने आस्ट्रियाई ग्रां प्री फार्मूला वन रेस के आयोजन को लेकर बड़ा बयान दिया है। ऑस्ट्रिया सरकार ने कहा है कि देश में फॉर्मूला वन रेस को मंजूरी तब ही दी जाएगी जब इसका आयोजन दर्शकों के बिना होगा।
कोरोना वायरस के कारण फार्मूला वन विश्व चैंपियनशिप कैलेंडर बुरी तरह से प्रभावित है और पांच जुलाई को होने वाली आस्ट्रियाई ग्रां प्री उसकी इस सत्र की पहली रेस हो सकती है। लेकिन आस्ट्रिया के स्वास्थ्य मंत्री रूडोल्फ एन्सोबर ने कहा कि कुछ शर्तें मानने पर ही इस रेस को सरकार से मंजूरी मिलेगी।
उन्होंने रेडियो ओ1 से कहा, ‘‘इस रेस का आयोजन पूरी तरह से आयोजकों की सुरक्षा योजना पर निर्भर करेगा। हम इस तरह की प्रतियोगिता को बेहद कड़ी शर्तों के साथ ही मंजूरी देंगे और मुझे लगता है कि यह कहने की जरूरत नहीं है इसका आयोजन दर्शकों के बिना होना चाहिए।’’
ऑस्ट्रेलिया के स्टार ओपनर बल्लेबाज डेविड वार्नर को नहीं लगता कि जब कोविड-19 महामारी खत्म होने के बाद दुनिया में क्रिकेट बहाल होगा तो गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल को रोकने की जरूरत होगी। उन्हें लगता है कि यह साथी खिलाड़ियों के साथ ड्रेसिंग रूम साझा करने से कम या ज्यादा जोखिम भरा नहीं है।
ऐसी अटकलें हैं कि संक्रमण के जोखिम से बचने के लिये गेंद को चमकाने के लिये लार के इस्तेमाल को रोक दिया जायेगा। वार्नर ने ‘क्रिकेट डॉट कॉम डॉट एयू’ से कहा, ‘‘आप ड्रेसिंग रूम साझा कर रहे हो और इसके अलावा भी आप सब चीजें साझा करते हो तो मुझे नहीं लगता कि इसे बदलने की जरूरत क्यों है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘यह सब सैकड़ों सालों से चल रहा है, मुझे याद नहीं कि ऐसा करने से कोई बीमार हुआ हो। अगर आपको संक्रमित होना है तो मुझे नहीं लगता कि जरूरी नहीं कि यह सिर्फ इसी से हो। ’’
वार्नर ने कहा, ‘‘मैं हालांकि इसे लेकर ज्यादा सुनिश्चित भी नहीं हूं लेकिन यह टिप्पणी करना मेरा काम नहीं है कि गेंद को चमकाने के लिये लार का इस्तेमाल करना चाहिए या नहीं। यह आईसीसी (अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद) और संचालन संस्थाओं का काम है कि वे फैसला करें।’’
हालांकि पूर्व तेज गेंदबाज शॉन टैट मानते हैं कि बदलाव को स्वीकार करना अहम है और थूक का इस्तेमाल पुरानी बात हो सकती है।
कोरोना वायरस के कारण पूरी दुनिया में खेलों के आयोजन पर रोक लगी है जिसके कारण कई बड़े खिलाड़ियों की वापसी पर खतरा मंडरा रहा रहा है। साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर एबी डिविलियर्स इस साल इंटरनेशनल क्रिकेट में वापसी की योजना बना रहे थे लेकिन कोरोना महामारी ने इस पर पानी फेर दिया है। इसी को लेकर एबी डिविलियर्स का बयान आया है।
डिविलियर्स ने कहा है कि टी-20 विश्व कप के लिए वह राष्ट्रीय टीम में वापसी करने के इच्छुक हैं लेकिन इसके लिए वह अच्छी फॉर्म में रहना चाहते हैं। साथ ही वह अन्य खिलाड़ी से बेहतर होना चाहते हैं। हालांकि कोरोना वायरस के कारण इस साल अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी-20 विश्व कप पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं।
डिविलियर्स ने क्रिकेट कनेक्टेड कार्यक्रम में कहा, "हां, यही मेरी भी मेरी चिंता का विषय है कि अगले 12 महीनों के लिए यह स्पष्ट नहीं है क्योंकि वायरस बढ़ ही रहा है और दुनियाभर के क्रिकेट कार्यक्रम में क्या होने वाला है कुछ पता नहीं है।" उन्होंने कहा, " यह मेरी सबसे बड़ी चिंता है और यही कारण है कि इस समय मैं किसी भी तरह की क्रिकेट के बारे में नहीं सोच रहा हूं। मैं अपना ध्यान केंद्रित रखना चाहता हूं। लेकिन अगले 12 महीने के दौरान क्रिकेट कार्यक्रम को लेकर बहुत सारी अनिश्चितताएं है। अब हमें देखना होगा कि आगे क्या होने वाला है।"
साउथ अफ्रीका के पूर्व क्रिकेटर एबी डिविलियर्स ने साल 2018 में इंटरनेशनल क्रिकेट को अलविदा कह दिया था, लेकिन इसके बाद उन्होंने सीमित ओवरों के क्रिकेट में फिर से खेलने की इच्छा जताई थी। डिविलियर्स ने हाल ही में कहा था कि क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका (सीएसए) ने उन्हें फिर से राष्ट्रीय टीम की कमान संभालने का प्रस्ताव दिया था, लेकिन वह टीम में तभी वापसी करना चाहते हैं जब वह अपनी शीर्ष फार्म में होंगे।
पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज ने कहा था, "मेरी इच्छा है कि मैं दक्षिण अफ्रीका के लिए फिर से खेलूं और क्रिकेट दक्षिण अफ्रीका मुझे फिर से टीम की अगुआई करने के बारे में पूछ चुका है। मेरे लिए सबसे अहम चीज यह है कि मुझे अपने शीर्ष फार्म में होना होगा और साथ ही मेरे साथ में जो खिलाड़ी है, मुझे उससे बेहतर होना होगा।"
उन्होंने कहा, " अगर मुझे लगता है कि मैं टीम में जगह बनाने का हकदार हूं तो यह मेरे लिए आसान होगा क्योंकि इससे मैं महसूस करूंगा कि मुझे अंतिम एकादश का हिस्सा होना चाहिए।" 36 वर्षीय डिविलियर्स ने हालांकि स्वीकार किया कि वह टी 20 विश्व कप में अपनी भागीदारी को लेकर अनिश्चित हैं और इस टूर्नामेंट को अगले साल के लिए टाल दिया जाना चाहिए।
न्यूजीलैंड क्रिकेट के सालाना अवॉर्ड समारोह में कप्तान केन विलियमसन को पूरे साल में लगातार अच्छा प्रदर्शन करने के लिये सर्वश्रेष्ठ वनडे खिलाड़ी चुना गया। वहीं रॉस टेलर को पुरुष टी20 जबकि सोफी डिवाइन को महिला टी20 के लिये वर्ष का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी का पुरस्कार मिला।
सूजी बेट्स महिला वर्ग में वर्ष की सर्वश्रेष्ठ वन खिलाड़ी का पुरस्कार हासिल करने में सफल रही। कोविड-19 महामारी के कारण पहली बार इन पुरस्कारों को ऑनलाइन दिया गया।
विलियमसन ने पिछले साल बहुत अच्छा प्रदर्शन किया और कप्तान के तौर पर न्यूजीलैंड की टीम को विश्व कप फाइनल में भी पहुंचाया। 29 साल के खिलाड़ी ने विश्व कप में दो शतकों की मदद से 578 रन बनाये और उन्हें टूर्नामेंट का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना गया था।
न्यूजीलैंड के मुख्य कोच गैरी स्टीड ने कहा, ‘‘पिछले साल आईसीसी विश्व कप में केन ने बेजोड़ प्रदर्शन किया। वह इस पुरस्कार का हकदार था। ’’
अनुभवी टेलर ने खेल के सबसे छोटे प्रारूप में 130 की स्ट्राइक रेट से 330 रन बनाये। बेट्स ने महिला वनडे में साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज में दो अर्धशतक बनाये जबकि डिवाइन ने महिला टी20 में अपना पहला शतक लगाया और 71 के औसत से 429 रन बनाये।
पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने हाल ही में उमर अकमल पर 3 साल का बैन लगाया था। अब इस मामलें में अकमल को राहत मिल सकती है। पीसीबी के सूत्रों के मुताबिक, बोर्ड का अनुशासनात्मक पैनल उमर अकमल को लेकर जब जल्द ही अपना विस्तृत फैसला सुनाएगा। इस फैसले में उमर के बैन का कुछ हिस्सा निलंबित हो सकता है।
बता दें, पाकिस्तान सुपर लीग के 5वें सीजन से पहले सटोरियों ने उमर अकमल से संपर्क किया था जिसकी जानकारी उन्होंने बोर्ड को नहीं दी थी। इसीलिए पीसीबी ने उमर पर 3 साल का बैन लगाया था। सोमवार को लाहौर में पैनल की एक घंटे तक चली सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति (सेवानिवृत) मिरान चोहान ने यह फैसला सुनाया था। उमर स्वयं सुनवाई के लिये पहुंचे थे।
सूत्रों ने पीटीआई से कहा, ‘‘लोग तीन साल के प्रतिबंध को लेकर सीधे नतीजों पर पहुंच गये लेकिन अभी विस्तृत फैसला नहीं आया है। उमर पर तीन साल का प्रतिबंध लग सकता है लेकिन इसमें दो साल या ऐसा ही कुछ निलंबित प्रतिबंध शामिल हो सकता है। ’’ उन्होंने कहा कि इसकी पूरी संभावना है क्योंकि उमर पर भ्रष्टाचार निरोधक इकाई ने जिन नियमों के तहत आरोप तय किये उसे देखते हुए जज तीन साल के प्रतिबंध के अधिकतर हिस्से को निलंबित रख सकते हैं।
यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन (यूईएफए) की मेडिकल टीम के अध्यक्ष ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के कारण एक महीने से भी अधिक समय से बर्बाद हुए फुटबॉल सीजन को फिर से शुरू करना 'निश्चित रूप से संभव है'। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने यूईएफए की मेडिकल टीम के चेयरमैन और जर्मन प्रोफेसर टिम मेयर के हवाले से कहा, " सभी फुटबॉल संघ जो अपनी प्रतियोगिताओं को फिर से शुरू करने की योजना बना रहे हैं वे प्रोटोकॉल के दिशानिदेशरें का पालन करेंगे। फुटबॉल को फिर से शुरू करने की स्थिति में खेलों में शामिल लोगों के स्वास्थ्य की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए।"
उन्होंने कहा, " इन शर्तों के साथ और स्थानीय कानूनों का सम्मान करते हुए 2019-20 सीजन के दौरान स्थगित प्रतियोगिताओं को फिर से शुरू करना निश्चित रूप से संभव है।"
मेयर का बयान उस बयान के एक दिन बाद आया है, जिसमें फ्रांस के प्रधानमंत्री एडुअर्ड फिलिपे ने कहा था कि शीर्ष डिवीजन फुटबॉल लीग फ्रेंच लीग-1 और दूसरी डिवीजन लीग-2 दोबारा शुरू नहीं होंगी क्योंकि देश की सरकार ने सितंबर तक सभी तरह की खेल गतिविधियों को बंद करने का फैसला किया है।
हालांकि विश्व फुटबॉल की नियामक संस्था-फीफा की चिकित्सा समिति के चेयरमैन माइकल डी हूगे ने हाल ही में कहा कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान फुटबॉल नहीं खेला जाना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि राष्ट्रीय संघों को इसके बजाय अगले सीजन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
डी हूगे ने बीबीसी से कहा था, " मेरा सुझाव है कि अगर यह संभव है तो अगले कुछ सप्ताह तक प्रतिस्पर्धी फुटबॉल खेलने से बचना चाहिए। इसके बजाय अगले सीजन में अच्छी तरह से प्रतियोगिता शुरू करने की तैयारियां करनी चाहिए।"
अर्जेंटीना के अपने जमाने के दिग्गज फुटबॉलर डिएगो माराडोना ने ‘हैंड ऑफ गॉड’ से विश्व को कोरोना वायरस महामारी से मुक्ति दिलाने की प्रार्थना की जिससे सभी लोग फिर से सामान्य जिंदगी जी सकें। विश्व कप विजेता माराडोना ने 1986 के विश्व कप की उस घटना का जिक्र किया जब उन्होंने हाथ की मदद से गोल किया था।
बाद में उन्होंने इसे ‘हैंड ऑफ गॉड’ यानि ईश्वर का हाथ करार दिया था। माराडोना ने इंग्लैंड के खिलाफ किये गये विवादास्पद गोल का संदर्भ जोड़ते हुए कहा, ‘‘आज हमारे साथ यह हुआ है और कई लोग कह रहे हैं कि यह ईश्वर का नया हाथ (हैंड ऑफ गॉड) है। लेकिन आज मैं इस हाथ से यह महामारी समाप्त करने के लिये कह रहा हूं ताकि लोग फिर से स्वस्थ और खुशियों से भरी जिंदगी जी सकें। ’’
माराडोना 1986 में मैक्सिको में खेले गये विश्व कप में अर्जेंटीना के कप्तान थे। उन्होंने क्वार्टर फाइनल में अर्जेंटीना की इंग्लैंड के खिलाफ 2-1 से जीत के बाद कहा था, ‘‘यह ईश्वर का हाथ यानि ‘हैंड ऑफ गॉड’ था।’’
उनका यह कथन खेल जगत की सबसे चर्चित टिप्पणियों में शामिल है। अर्जेंटीना में फुटबॉल का वर्तमान सत्र समाप्त कर दिया गया है इससे माराडोना की टीम जिमनेसिया दूसरी डिवीजन में खिसकने से बच गयी।
अर्जेंटीना में कोरोना वायरस के कारण 20 मार्च से लॉकडाउन है। वहां अभी 4114 लोग इस बीमारी से संक्रमित हैं जबकि 207 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं।
नई दिल्ली। "कोरोना महामारी से ओलंपिक की तैयारियों पर खर्च हुआ मेरा पूरा पैसा, समय सब बर्बाद हो गया और अब मुझे नये सिरे से शुरूआत के लिये मदद मिलेगी या नहीं, यह भी तय नहीं है ,’’यह कहना है एशियाई खेलों की दोहरी रजत पदक विजेता भारत की शीर्ष फर्राटा धाविका दुती चंद का।
कोरेाना वायरस महामारी और उसके बाद दुनिया भर में लागू लॉकडाउन के कारण खेल ठप होने से न सिर्फ ओडिशा की इस एथलीट की तैयारियों को झटका लगा बल्कि कोचों और विदेश में प्रशिक्षण की व्यवस्था पर अपनी जेब से तीस लाख रूपये भी खर्च करना पड़ा। दुती ने भुवनेश्वर से भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा,‘‘मैं अक्टूबर से एक टीम बनाकर अभ्यास कर रही थी जिसमें कोच, सहायक कोच, ट्रेनर , रनिंग पार्टनर समेत 10 सदस्यों की टीम थी और हर महीने उन पर साढ़े चार लाख रूपये खर्च हो रहा था जिसमें मेरी खुराक भी शामिल थी। अब तक 30 लाख रूपये खर्च कर चुकी हूं।’’
जकार्ता एशियाई खेल 2018 में 100 मीटर की रजत पदक विजेता दुती खेल मंत्रालय की टारगेट ओलंपिक पोडियम योजना (टॉप्स) का हिस्सा नहीं है। उनका प्रायोजन ओडिशा सरकार और केआईआईटी कर रहे थे लेकिन वह तोक्यो ओलंपिक 2020 तक ही था। ओलंपिक स्थगित होने के बाद मौजूदा हालात को देखते हुए उसके आगे जारी रहने पर भी दुती को संदेह है।
ओडिशा माइनिंग कारपोरेशन में कार्यरत इस एथलीट ने कहा,‘‘कोरोना महामारी के कारण देश प्रदेश ही नहीं, दुनिया की अर्थव्यवस्था चरमरा रही है। अब मूलभूत सुविधाओं पर पूरा फोकस है और ऐसे में आगे प्रायोजन मिलेगा या नहीं, कुछ कह नहीं सकते।’’
उन्होंने कहा,‘‘मैने जर्मनी में तीन महीने अभ्यास के लिये हवाई टिकट बुक करा ली थी जिसका पैसा वापिस नहीं मिला। इसके अलावा वहां 20 लाख रूपये अग्रिम दे दिया था जो अभी तक वापिस नहीं मिला।’’ दुती ने यह भी कहा कि अभ्यास रूकने से उनकी लय भी टूट गई है और अब उन्हें रफ्तार पकड़ने में छह महीने लगेंगे।
उन्होंने कहा,‘‘हमारा अभ्यास शेड्यूल ऐसा था कि अक्टूबर से धीरे धीरे रफ्तार पकड़ते हैं और मार्च से कड़ा अभ्यास शुरू होता है जबकि अप्रैल में पूरी रफ्तार पकड़ लेते हैं। मैने मार्च से जून तक जर्मनी में अभ्यास के बाद सीधे तोक्यो जाने की सोची थी लेकिन सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया।’’
उन्होंने कहा कि अगले साल ओलंपिक होंगे या नहीं , इसे लेकर भी संशय की स्थिति है। दुती ने कहा,‘‘अभी तक कोरोना महामारी का प्रभाव कम नहीं हुआ है और ना ही इसकी कोई वैक्सीन बनी है। मुझे नहीं लगता कि वैक्सीन आने तक कोई खेल होगा। विदेश जाने का तो सवाल ही नहीं होता और भारत में एथलेटिक्स के अभ्यास के लिये उतनी सुविधायें नहीं हैं और ना ही कोई बड़ा टूर्नामेंट होना है।’’
उन्होंने कहा कि ओलंपिक क्वालीफिकेशन के लिये विदेशों में तैयारी बहुत जरूरी है। दुती ने कहा,‘‘जितने भी भारतीय एथलीटों ने ओलंपिक के लिये क्वालीफाई किया है, विदेशों में तैयारी के दम पर ही किया है चाहे वह नीरज चोपड़ा (भालाफेंक) हो या 400 रिले टीम हो।’’
भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता ऋषि कपूर का 67 उम्र में निधन हो गया। ऋषि कपूर के निधन पर पूरा सिनेमा जगत शोक में डूब में गया है। वहीं खेल जगत की छोटी- बड़ी हस्तियां भी उनके निधन के बाद गमगीन है। भारतीय क्रिकेट टीम के दिग्गज खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर ने उनके निधन पर अपना शोक प्रकट किया।
सचिन ने ट्वीट कर लिखा, ''ऋषि कपूर जी के निधन की खबर सुनकर मैं आहत हूं। मैं उनकी फिल्मों को देखकर बड़ा हुआ हूं वह एक बेहतरीन इंसान थे मैं जब भी उनसे मिलता था एक अलग एहसास होता था। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। उनकी पत्नी नीतू जी, बेटे रणबीर और पूरे कपूर परिवार को मेरी सांत्वना है।''
Very very sad to hear about the passing away of Rishi ji. I grew up watching his movies and he was always very gracious when we met over the years. May his soul Rest in Peace.
सचिन के अलावा भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान विराट कोहली ने भी ऋषि कपूर के निधन पर अपना शोक प्रकट किया। उन्होंने ट्वीट कर लिखा, ''यह सच नहीं हो सकता विश्वास नहीं हो रहा है। कल इरफान खान और आज ऋषि जी, इसे स्वीकार करना काफी मुश्किल है कि एक और महान कलाकार हमारे बीच नहीं रहे। उनके परिवार के साथ मेरी सांत्वना है, भगवान उनकी आत्मा को शांति दें।''
This is unreal and unbelievable. Yesterday Irrfan Khan and today Rishi Kapoor ji. It's hard to accept this as a legend passes away today. My condolences to the family and may his soul rest in peace 😟💔
ऋषि कपूर लंबे समय से बीमार चल रहे थे। उन्हें कैंसर था और वह विदेश में इसका इलाज करा रहे थे। वे हाल ही में भारत वापस लौटे थे। इसके बाद उन्हें सांस लेने में तकलीफ के बाद एचएन. रिलायंस फाउंडेशन अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां आज उनका निधन हो गया।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने गुरूवार को 2020-21 सत्र के लिए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का ऐलान कर दिया है जिसमें 20 पुरुष खिलाड़ियों को जगह दी गई है। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया द्वारा घोषित इस नए सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में बाएं हाथ के बल्लेबाज उस्मान ख्वाजा का नाम शामिल नहीं है। पिछले पांच वर्षों में यह पहली बार है जब ख्वाजा को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर का रास्ता दिखाया गया है। ख्वाजा पिछले साल अगस्त में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज के बाद से ही टीम से बाहर चल रहे हैं।
ख्वाजा के अलावा नाथन कुल्टर-नाइल, पीटर हैंड्सकॉम्ब, मार्कस हैरिस, शॉन मार्श, मार्कस स्टोइनिस और एश्टन टर्नर नाम भी सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से गायब है। 20 खिलाड़ियों की इस सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट सूची में 6 नए नाम भी जुड़े है। इनमें मारनस लाबुशेन, मिशेल मार्श, एश्टन एगर, जो बर्न्स, केन रिचर्डसन और मैथ्यू वेड शामिल हैं। बता दें, लाबुशेन ने ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 2018 में डेब्यू करने के बाद से अब तक 14 टेस्ट मैचों में 63 से अधिक औसत से 1459 रन बनाये हैं।
इस बीच, क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने 15 महिला खिलाड़ियों के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट का भी ऐलान किया। इस सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से निकोल बोल्टन, एलिसे विलानी, एरिन बर्न्स और मौली स्ट्रानो का नाम गायब है।
सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में शामिल पुरुष खिलाड़ी: एश्टन एगर, जो बर्न्स, एलेक्स कैरी, पैट कमिंस, एरॉन फिंच, जोश हेजलवुड, ट्रैविस हेड, मारनस लाबुशेन, नाथन लियोन, मिशेल मार्श, ग्लेन मैक्सवेल, टिम पेन, जेम्स पैटिनसन, झाय रिचर्डसन, केन रिचर्डसन, स्टीव स्मिथ, मिशेल स्टार्क, मैथ्यू वेड, डेविड वार्नर, एडम ज़म्पा।
टीम इंडिया के सलामी बल्लेबाज़ और सीमित ओवरों के उपकप्तान रोहित शर्मा गुरूवार (30 अप्रैल, 2020) को 33 साल के हो गए। रोहित ने अपने 13 साल के लंबे क्रिकेट करियर में फैंस को कई यादगार क्षण दिए हैं, खासकर नीली जर्सी में। फिर चाहे वो भारत के लिए वनडे में में तीन दोहरे शतक लगाने का कारनामा हो या फिर 2019 विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने की उपलब्धि। रोहित के नाम कई शानदार रिकॉर्ड दर्ज हैं जिन्हें तोड़ना भविष्य में किसी भी बल्लेबाज के लिए आसान नहीं होगा। आइए एक नजर डालते हैं ऐसे ही कुछ रिकॉर्ड्स पर.....
रोहित शर्मा वनडे क्रिकेट में तीन दोहरे शतक लगाने वाले दुनिया के इकलौते क्रिकेटर हैं। रोहित के बल्ले से पहला दोहरा शतक साल 2013 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मैच में निकला था जिसमें उन्होंने 209 रन की शानदार पारी खेली थी। इसके एक साल बाद ही रोहित ने ईडन गार्डन में श्रीलंका के खिलाफ तूफानी दोहरा शतक लगाते हुए 264 रन बनाए। सासल 2017 में रोहित ने तीसरी बार 200 के आंकड़े को पार किया और ये दोहरा शतक भी श्रीलंका के खिलाफ आया।
रोहित एकमात्र ऐसे बल्लेबाज हैं, जिन्होंने वनडे क्रिकेट में आठ बार 150 से ज्यादा का स्कोर बनाने का कारनामा किया है। इस मामलें में ऑस्ट्रेलिया के डेविड वार्नर दूसरे जबकि भारत के ही सचिन तेंदुलकर तीसरे नंबर पर हैं। वॉर्नर ने 6 बार जबकि सचिन ने 5 बार वनडे में 150 से ज्यादा का स्कोर बनाया है।
रोहित शर्मा के नाम वनडे क्रिकेट में 29 शतक दर्ज हैं। इस दौरान उनका प्रति पारी औसत 139.28 का रहा है जो शतक लगाने के बाद किसी भी बल्लेबाज का सर्वाधिक औसत है। रोहित के बाद सर विवियन रिचर्ड्स (135.09), डेविड वार्नर (134.78) और साथी खिलाड़ी एमएस धोनी (129.70) का नंबर आता है।
रोहित के नाम वनडे क्रिकेट में सर्वाधिक व्यक्तिगत स्कोर का रिकॉर्ड है। रोहित ने अपनी इस करिश्माई पारी में 173 गेंदें खेलते हुए 264 रन का स्कोर बनाया था जिसमें 33 चौके और नौ छक्के शामिल थे। इस पारी के दौरान उनका स्ट्राईक रेट 152.60 का था।
रोहित शर्मा के नाम एक वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा 5 लगाने का भी रिकॉर्ड है जो उन्होंने इंग्लैंड में खेले गए 2019 वर्ल्ड कप में बनाया था। इससे पहले ये उपलब्धि श्रीलंका के कुमार संगाकारा के नाम दर्ज थी। संगाकारा ने 2015 वर्ल्ड कप में 4 शतक जड़े थे।
वर्ल्ड कप में सबसे ज्यादा शतक लगाने के मामलें भी भारतीय उप-कप्तान रोहित शर्मा संयुक्त रुप से पहले नंबर पर हैं। रोहित ने वर्ल्ड कप में कुल 6 शतक लगाए हैं जबकि सचिन तेंदुलकर के नाम भी इतने ही शतक दर्ज हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के उपकप्तान और ओपनर बल्लेबाज 'हिट मैन' रोहित शर्मा आज 33 साल के हो गए हैं। आधुनिक क्रिकेट में रोहित शर्मा दुनिया के सबसे बेहतरीन बल्लेबाजों में से एक माने जाते हैं। रोहित दुनिया के इलकौते बल्लेबाज हैं जिन्होंने वनडे क्रिकेट में तीन बार दोहरा शतक लगाने का कारनामा किया है। वनडे इंटरनेशनल क्रिकेट में सबसे बड़े निजी स्कोर (264) का रिकॉर्ड भी रोहित शर्मा के ही नाम है।
रोहित शर्मा के करियर की शुरुआत साल 2007 में आयरलैंड के खिलाफ के खिलाफ हुई थी। इसी साल महेंद्र सिंह धोनी की अगुआई में रोहित को इंग्लैंड में खेले गए पहले टी-20 विश्व कप में भी खेलने का मौका मिला था। इस विश्व कप के फाइनल में भारत ने पाकिस्तान पर रोमांचक जीत दर्ज कर खिताब पर अपना कब्जा जमाया। फाइनल मैच में रोहित ने भारतीय टीम के लिए 16 गेंद में 30 रनों की महत्वपूर्ण पारी खेली थी।
हालांकि इस समय तक रोहित मध्यक्रम में बल्लेबाजी करते थे क्योंकि तब भारतीय टीम के पास सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर जैसे स्थापित ओपनर बल्लेबाज मौजूद थे।
विश्व कप 2011 में रोहित को नहीं मिली थी जगह
साल 2007 विश्व कप के बाद रोहित ने अपना लय खो दिया और उन्हें टीम से बाहर होना पड़ा। इस बीच साल 2011 विश्व कप में भी उनके खराब फॉर्म की वजह से जगह नहीं मिली जिसके कारण वह बहुत दुखी हुए थे।
हालांकि इसके बावजूद रोहित लगातार अपने खेल में सुधार के लिए मेहनत करते रहे। साल 2011 विश्व कप के बाद रोहित ने एक बार फिर से भारतीय टीम में वापसी की और कप्तान धोनी ने उन्हें ओपनिंग करने करने का मौका दिया।
इसके बाद से फिर रोहित ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा और ओपनिंग करते हुए उन्होंने अपने जोड़ीदार शिखर धवन के साथ मिलकर धोनी की कप्तानी में भारतीय टीम को साल 2013 चैंपियंस ट्रॉफी का खिताब दिलाया।
ओपनिंग करते हुए रोहित भारत के लिए लगातार मैच जिताऊ पारी खेलते रहे जिसके कारण वह सचिन, सहवाग और गंभीर जैसे दिग्गजों के बाद टीम इंडिया के स्थापित ओपनर बल्लेबाज बन गए।
टेस्ट में नहीं चला रोहित का बल्ला
साल 2013 चैंपियंस ट्रॉफी के बाद इसी साल रोहित ने टेस्ट क्रिकेट में अपना डेब्यू किया और वेस्टइंडीज के खिलाफ दोनों ही पारियों में शतकीय पारी खेली लेकिन इसके बाद लाल गेंद के खिलाफ उनका बल्ला खामोश ही रहा। इसके बाद वह लंबे समय तक टीम इंडिया के लिए इस फॉर्मेट में नहीं खेले।
हालांकि 2019 में रोहित ने एक बार फिर से क्रिकेट के सबसे बड़े फॉर्मेट में वापसी की और उन्हें ओपनिंग बल्लेबाजी का मौका मिला और साउथ अफ्रीका और बांग्लादेश के खिलाफ धमाकेदार प्रदर्शन किया।
वनडे क्रिकेट में रोहित शर्मा का दोहरा शतक
रोहित शर्मा वनडे में अपना पहला दोहरा शतक 2 नवंबर 2013 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ जड़ा था। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रोहित शर्मा ने पहली बार 209 रनों की पारी खेली थी।
इसके एक साल बाद ही रोहित ने अपने इस रिकॉर्ड को तोड़ दिया और वनडे क्रिकेट के इतिहास में सबसे बड़ी खेली। रोहित ने श्रीलंका के खिलाफ कोलकाता के ईडन गार्डन्स में 264 रनों की तूफानी पारी खेलकर इतिहास रच दिया।
इसके बाद रोहित ने श्रीलंका के खिलाफ ही साल 2017 में 208 रनों की पारी खेलकर और इस तरह उन्होंने वनडे क्रिकेट में तीसरी बार दोहरा शतक जड़ा।
विश्व कप 2019 में रोहित ने मचाया धमाल
पिछले साल इंग्लैंड में खेले गए विश्व कप में रोहित शर्मा के बल्ले से जमकर रन बरसे थे। रोहित इस टूर्नामेंट में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज बने। रोहित पूरे विश्व कप में 81 की औसत से कुल 648 पर बनाए जिसमें से रिकॉर्ड पांच शतक भी शामिल रहा।
रोहित भारत के लिए अबतक कुल 224 वनडे मैच खेल चुके हैं जिसमें उन्होंने 49.3 की बेहतरीन औसत से 9,115 रन बना चुके हैं। इस दौरान उन्होंने 29 शतक और 43 अर्द्धशतक लगाए हैं। वहीं टी-20 में रोहित ने 108 मैचों में 138.8 के स्ट्राइक रेट से 2,773 रन बनाए।
वनडे और टी-20 के अलावा रोहित के भारत के लिए 32 टेस्ट मैच भी खेल चुके हैं। इस फॉर्मेट में उन्होंने 46.5 की औसत से कुल 2,141 रन बनाए हैं।
भारतीय क्रिकेट टीम के स्पिनर युजवेंद्र चहल का मानना है कि पाकिस्तान के बल्लेबाज शोएब मलिक ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान स्टीव स्मिथ की तुलना में स्पिन गेंदबाजी के बेहतर खिलाड़ी हैं। चहल ने इंस्टाग्राम लाइव चैट में स्पिन खेलने में माहिर शीर्ष बल्लेबाजों को लेकर ये बात कही। चहल की नजर में विराट कोहली और रोहित शर्मा भी उन खिलाड़ियों में शामिल हैं जो स्पिन गेंदबाजी को काफी बेहतर तरीके से खेलते हैं।
चहल ने कहा, स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ पाकिस्तान के शोएब मलिक जो तकनीक इस्तेमाल करते हैं वो दुनिया के नंबर 1 टेस्ट खिलाड़ी स्टीव स्मिथ से काफी बेहतर है। रोहित और विराट भी स्पिन गेंदबाजी के शानदार खिलाड़ी हैं।" चहल ने इंस्टाग्राम पर कहा, "इसके अलावा विलियमसन स्पिन गेंदबाजों के लिए काफी मुश्किल बल्लेबाज हैं क्योंकि वह वास्तव में देर से गेंद खेलते हैं, खासकर धीमी गति वाली पिच पर।"
चहल ने एशिया कप 2018 में शोएब मलिक का सामना किया था और वह उनकी बल्लेबाजी से काफी प्रभावित हुए। चहल ने कहा, "मैं एशिया कप के दौरान शोएब मलिक के खिलाफ गेंदबाजी कर रहा था और जिस तरह से वह अच्छा प्रदर्शन कर रहा था मैं उससे बहुत प्रभावित था। मैंने महसूस किया कि इस खिलाड़ी के पास काफी अनुभव है और मुझे लगता है कि स्पिन गेंदबाजी के खिलाफ वह स्टीव स्मिथ से बेहतर है।”
इससे पहले, कोहली ने सोशल मीडिया पर कुछ ज्यादा ही एक्टिव रहने वाले चहल को एक जोकर करार दिया था। रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर टीम के साथी और दक्षिण अफ्रीका महान खिलाड़ी एबी डिविलियर्स के साथ लाइव चैट में कोहली ने चहल के टिक टोक को लेकर ये बात कही थी। तीनों खिलाड़ी इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में आरसीबी के लिए एक साथ खेलते हैं।
कोहली ने कहा, “एबी क्या आपने उनके टिक टोक वीडियो देखे हैं? आपको युजवेंद्र चहल के टिक टोक वीडियो को देखना चाहिए। आपको विश्वास नहीं होगा कि यह लड़का अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट खेल रहा है और वह 29 साल का है। बस जाओ और उसके वीडियो देखो। वह एक जोकर है।"
कोरोना वायरस के कारण महिला पीजीए चैम्पियनशिप को स्थगित कर दिया गया है। अब यह अक्टूबर में आयोजित होगा। अमेरिका स्थित एलपीजीए टूर ने बुधवार को ये घोषणा की। जानकारी के मुताबिक, एलपीजीए टूर की योजना अपने 2020 गोल्फ सत्र को जुलाई के मध्य में दोबारा शुरू करने की है।
महिला गोल्फ के पांच मेजर टूर्नामेंटों में से एक महिला पीजीए चैंपियनशिप पेनसिलवेनिया के अरोनिमिंक गोल्फ क्लब में जून के अंत में होगी थी लेकिन अब यह आठ से 11 अक्टूबर तक खेली जाएगी। इससे पहले मिशिगन, अरकांसास और ओहियो में जून और जुलाई की शुरुआत में होने वाली प्रतियोगिताओं को भी स्थगित कर दिया गया है।
पाकिस्तान के विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान अकमल लंबे समय से टीम से बाहर चल रहे हैं। अकमल अपने विकेटकीपिंग के साथ-साथ आक्रमक बल्लेबाजी के लिए भी जाने जाते हैं लेकिन पिछले कुछ सालों से लगातार खराब फॉर्म के चलते थे उन्हें नेशनल टीम में जगह नहीं मिल पा रही है। इसके अलावा विकेटकीपिंग के दौरान स्टंप के पीछे उनके अपील करने का अंदाज भी खूब मसहूर है।
वहीं एक समय ऐसा भी था जब वह मैदान पर भारतीय खिलाड़ियों के साथ उलझने के कारण अचानक सुर्खियों में आ गए थे। भारत-पाकिस्तान मुकाबले के दौरान खिलाड़ी पर पहले से अतिरिक्त दवाब रहता है। ऐसे में मैच के दौरान आपसी नोक झोक दर्शकों के रोमांच को और बढ़ाने का काम कर दिया था।
दरअसल कामरान अकमल ने 'काउ कॉर्नर और क्रॉनिकल' नाम के एक चैट शो दौरान 2010 एशिया कप में भारतीय ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर और फिर इसके बाद 2012-13 में खेले गए टी-20 मुकाबले के दौरान तेज गेंदबाज इशांत शर्मा के साथ मैदान पर हुए अपने तकरार की कहानी बताई।
अकमल ने इस चैट के शो दौरान कहा, ''मैदान पर जो कुछ भी हुआ वह सिर्फ एक गलतफहमी थी और हीट ऑफ द मुमेंट में हमारी बहस हो गई। गौतम और मैं बहुत अच्छे दोस्त हैं क्योंकि हमने साथ में बहुत सारा 'ए' क्रिकेट खेला है। हम अक्सर मिलते थे और साथ खाना खाते थे।''
इसके बाद उन्होंने इशांत शर्मा के साथ हुए अपनी लड़ाई का भी जिक्र किया और बताया कि जब वह मुझसे बात कर रहे थे मुझे बिल्कुल समझ नहीं आया था वह क्या कहना चाह रहे हैं जिसकी वजह से बात आगे बढ़ गई।
उन्होंने कहा, ''इशांत के साथ भी पूरी तरह से गलतफहमी ही था। यह घटना बेंगलुरु की है। आप मुझे जानते हैं मैं फील्ड पर जादा कुछ नहीं कहता हूं। इशांत और गौतम दोनों ही बहुत अच्छे हैं। मैं उनका सम्मान करता हूं और वे भी मेरा सम्मान करते हैं। उस समय जो फील्ड पर हुआ वह हीं रह गया।''
मैदान पर खिलाड़ियों के साथ उलझने के अलावा अकमल के लिए भारत के खिलाफ करांची टेस्ट में खेली गई 133 रनों की पारी भी यादगार है। इस मैच में भारतीय पेसर इरफान पठान ने हैट्रिक लेकर पाकिस्तानी टीम की कमर तोड़ दी थी और टीम इंडिया को धमाकेदार जीत दिलाई थी।
पाकिस्तान इस मैच में 39 रन पर अपने 6 विकेट गंवा चुकी थी लेकिन अकमल ने अब्दुल रज्जाक के साथ मिलकर पारी को संभाल और 245 रनों के सम्मानजनक स्कोर तक पहुंचाया।
अकमल पाकिस्तान के लिए कुल 53 टेस्ट, 157 वनडे और 58 टी-20 मैचों में प्रतिनिधित्व किया है। वह आखिरी बार लिमिटेड ओवरों में पाकिस्तान के लिए साल 2017 में खेलने मैदान पर उतरे थे।
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पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर का मानना है कि वीरेंद्र सहवाग के दौर में खेलने वाले पाकिस्तानी खिलाड़ी इमरान नजीर इस आक्रामक भारतीय से ज्यादा प्रतिभाशाली थे लेकिन ज्यादा समझदार नहीं थे और साथ ही उन्हें देश के क्रिकेट प्रशासन से भी सहयोग नहीं मिला। अख्तर को लगता है कि पाकिस्तान ने नजीर की प्रतिभा की कद्र नहीं की।
उन्होंने स्थानीय मीडिया से कहा, ‘‘मुझे नहीं लगता कि इमरान नजीर उतने समझदार थे जितने सहवाग। मुझे नहीं लगता कि सहवाग में इतनी प्रतिभा थी, जितनी नजीर में थी। प्रतिभा के मामले में कोई तुलना नहीं हो सकती। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘जब उसने भारत के खिलाफ एक अभ्यास मैच में आक्रामक शतक लगाया था तो मैंने इमरान नजीर को लगातार खिलाने की बात कही लेकिन प्रशासन ने बात नहीं सुनी। ’’
नजीर ने पाकिस्तान के लिये केवल आठ टेस्ट मैच खेले और उनमें 427 रन बनाये जबकि 79 वनडे में उन्होंने देश के लिये 1895 रन जोड़े। वहीं सहवाग ने भारत के लिये 104 टेस्ट में 8586 रन और 251 वनडे में 8273 रन बनाये।
रावलपिंडी एक्सप्रेस ने पाकिस्तान क्रिकेट अधिकारियों की आलोचना करते हुए कहा कि उनके पास जो खिलाड़ी थे, उनकी उन्होंने ठीक से कद्र नहीं की।
अख्तर ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम नहीं जानते कि अपनी प्रतिभाओं का ख्याल कैसे रखा जाये। हमारे पास इमरान नजीर के रूप से वीरेंद्र सहवाग से ज्यादा बेहतर खिलाड़ी हो सकता था। वह सभी शॉट बेहतरीन तरीके से खेलता था जबकि एक अच्छा फील्डर भी था। हम उसका अच्छी तरह इस्तेमाल कर सकते थे लेकिन हम ऐसा नहीं कर सके। ’’
उन्होंने कहा कि नजीर के करियर में पूर्व महान बल्लेबाज जावेद मियांदाद ने अहम भूमिका निभायी। उन्होंने कहा, ‘‘ जब भी इमरान नजीर अच्छा खेलता, तो यह जावेद मियांदाद की वजह से होता। जब भी वह खराब शॉट खेलता तो जावेद भाई उसे संदेश भेजते। ’’
ऑस्ट्रेलिया के पूर्व बल्लेबाज माइकल हसी ने बुधवार को टेस्ट की 'सर्वश्रेष्ठ विराधी एकादश' टीम का ऐलान किया। हसी ने अपनी 'सर्वश्रेष्ठ विराधी एकादश' टीम में उन खिलाड़ियों को शामिल किया है जिनके खिलाफ उन्होंने साल 2005 से 2013 के बीच टेस्ट मैच खेले थे। इस टीम में भारत के 3 शानदार खिलाड़ियों को जगह मिली है, जिनमें दिग्गज सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और मौजूदा कप्तान विराट कोहली शामिल हैं।
हसी ने तूफानी बल्लेबाज सहवाग और साउथ अफ्रीका के पूर्व कप्तान ग्रीम स्मिथ को अपनी सलामी जोड़ी बनाया है। मिडिल ऑर्डर में उन्होंने ब्रायन लारा, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, जैक कैलिस और कुमार संगकारा को जगह दी है। गेंदबाजी की बात करें तो, हसी ने दक्षिण अफ्रीका के डेल स्टेन, मोर्ने मोर्कल, इंग्लैंड के जेम्स एंडरसन और श्रीलंकाई स्पिन दिग्गज मुथैया मुरलीधरन को अपनी टीम के लिए चुना है। हालांकि हसी चेन्नई सपर किंग्स के अपने साथी खिलाड़ी महेंद्र सिंह धोनी टीम में शामिल नहीं कर पाए जिस पर उन्होंने कहा कि क्रिकेट के लंबे प्रारूप में संगाकारा पूर्व भारतीय कप्तान धोनी पर भारी पड़े।
हसी ने कहा, ‘‘कुमार संगकारा, महेंद्र सिंह धोनी और एबी डिविलियर्स को लेकर मुझे काफी माथापच्ची करनी पड़ी। लेकिन मेरा मानना है कि धोनी और डिविलियर्स ने टी20 और वनडे में अधिक प्रभाव छोड़ा है। संगकारा ने टेस्ट क्रिकेट में काफी प्रभाव छोड़ा है।’’ हसी से ग्लेन मैकग्रा, शेन वार्न और ब्रेट ली जैसे गेंदबाजों का नेट्स पर सामना करने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह बहुत मुश्किल होता था। उन्होंने कहा, ‘‘अगर आपने नेट सत्र आसानी से झेल दिया तो फिर आप टेस्ट क्रिकेट की कैसी भी परिस्थिति से पार पा सकते हो। मैं जब खेला करता था तब यह आस्ट्रेलियाई क्रिकेट की वास्तविक मजबूती थी। ’’
माइकल हसी की सर्वश्रेष्ठ विरोधी एकादश टीम इस प्रकार है:- वीरेंद्र सहवाग, ग्रीम स्मिथ, ब्रायन लारा, सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, जॉक कैलिस, कुमार संगकारा, डेल स्टेन, मोर्ने मोर्कल, जेम्स एंडरसन और मुथैया मुरलीधरन।
श्रीलंका के पूर्व दिग्गज खिलाड़ी अरविंदा डि सिल्वा ने आज ही के दिन टेस्ट क्रिकेट में अपनी बेहतरीन बल्लेबाजी एक बड़ा रिकॉर्ड अपने नाम किया था। 29 अप्रैल 1997 को पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए कोलंबो टेस्ट मैच में डि सिल्वा दोनों पारियों में नाबाद शतक जड़ने वाले दुनिया पहले बल्लेबाज बने थे।
पाकिस्तान के खिलाफ इस मुकाबले में डि सिल्वा उस समय बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे थे जब श्रीलंकाई टीम 124 रनों के स्कोर पर अपने 2 विकेट गंवा चुकी थी। लगातार गिरते विकटों के बीच डिसिल्वा ने शानदार बल्लेबाजी करते हुए अपनी टीम के लिए 208 गेंदों में 138 रनों की पारी खेली, जिसकी बदौलत मेजबान टीम अपनी पहली पारी में 331 रनों का स्कोर खड़ा पाई। डि सिल्वा ने अपनी इस पारी में कुल 19 चौके लगाए थे।
श्रीलंका के इस स्कोर के जवाब में पाकिस्तानी टीम 292 रन पर ऑलआउट हो गई। इस तरह मेजबान श्रीलंका को पहली पारी में 39 रनों की महत्वपूर्ण बढ़त हासिल हुई।
इस मैच के दूसरी पारी में भी डि सिल्वा ने 99 गेंदों में 103 रनों की पारी खेली जिसके दमपर श्रीलंका ने 4 विकेट पर 386 बनाकर अपनी पारी घोषित कर दी और इस तरह पाकिस्तान को मैच जीतने के लिए 426 रनों का लक्ष्य मिला।
पाकिस्तान अपनी दूसरी पारी के आखिरी दिन के समाप्ति तक 5 विकेट गंवाकर 285 रन ही बना सकी और इस तरह मुकाबला ड्रॉ हो गया।
आपको बता दें कि डि सिल्वा कुल 93 टेस्ट मैचों में श्रीलंका का प्रतिनिधित्व किया जिसमें उन्होंने 42.97 की औसत से 6361 रन बनाए। वहीं वह अपने देश के लिए 308 वनडे मैचों में भी मैदान पर उतरे। इस फॉर्मेट में उन्होंने 34.90 की औसत से 9284 रन बनाए।
इसके अलावा वे साल 1996 विश्व कप विजेता टीम के भी हिस्सा रह चुके हैं।
Former pacer Shoaib Akhtar has lashed out at the Pakistan Cricket Board for not taking serious action against people who get themselves involved in match-fixing.
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Javier Tebas was also critical of the decision to end France's Ligue 1 season and he compared matches behind closed doors to working on an assembly line.
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कोरोना वायरस महामारी के कारण खेल आयोजन का स्थगित और रद्द होने का सिलसिला लगातार जारी है। इस कड़ी में अब साईकिलिंग टूर भी शामिल हो गया है। कोरोना के चलते इस साल 20 से 23 अगस्त के बीच होने वाले डाइचलैंड साईक्लिंग टूर को रद्द कर दिया गया है। आयोजकों ने ये जानकारी दी है।
बता दें, कोविड-19 की रोकथाम लिये जर्मनी में 31 अगस्त तक सार्वजनिक आयोजनों पर रोक लगा दी गयी है जिसके मद्देनजर साईक्लिंग टूर के आयोजकों ने यह निर्णय लिया। रेस के निदेशक क्लाउड राच ने बयान में कहा, ‘‘हम बेहद निराशा के साथ यह घोषणा कर रहे हैं कि वर्तमान परिस्थितियों और जर्मन सरकार के फैसले के कारण यह साफ हो गया कि इस साल डाइचलैंड टूर नहीं हो सकता है।’’
अगले साल होने वाली रेस भी 2020 के ही रास्ते पर आयोजित की जाएगी। इसका मतलब है कि यह स्ट्रालसंड से शुरू होकर नुरेमबर्ग में खत्म होगी। कोरोना के चलते पहले ही टोक्यो ओलंपिक को 1 साल के स्थगित कर दिया गया है।
पेरिस सेंट जर्मेन (पीएसजी) के अध्यक्ष ने कहा है कि अगर फ्रांस के कोरोना वायरस को लेकर नये दिशानिर्देशों के कारण उनकी टीम चैंपियन्स लीग के मैच स्वदेश में नहीं खेल पाती है तो वह इन मैचों को विदेश में खेलने के लिये तैयार है।
फ्रांसीसी प्रधानमंत्री एडवार्ड फिलिप ने कहा था कि सितंबर तक पेशेवर फुटबॉल की शुरुआत नहीं हो सकती जिसके बाद पीएसजी के अध्यक्ष नासिर अल खलीफी ने यह घोषणा की। सरकार के नये दिशानिर्देशों के बाद लीग 1 सत्र के भी रद्द होने की संभावना बन गयी है।
अल खलीफी ने बयान में कहा, ‘‘हम फ्रांस सरकार के निर्णय का सम्मान करते हैं। यूएफा (यूरोपीय फुटबॉल संघ) के साथ करार को देखते हुए हम कहीं भी और किसी भी समय चैंपियन्स लीग में खेलने के लिये तैयार हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘अगर फ्रांस में खेलना संभव नहीं है तो अपने खिलाड़ियों और सहयोगी स्टाफ के लिये पूरी तरह स्वस्थ्य सुरक्षा की सुविधा मुहैया करने के बाद हम विदेशों में अपने मैच खेलेंगे।’’
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में लॉकडाउन की स्थिति है जिसकी वजह से खेल गतिविधियां बंद पड़ी है। इस मुश्किल घड़ी में मौजूदा और पूर्व खिलाड़ी क्रिकेट से जुड़ी अपनी पुरानी यादें फैंस के साथ साझा कर रहे हैं। इसी कड़ी में भारत के पूर्व क्रिकेटर वीवीएस लक्ष्मण ने सचिन तेंदुलकर से जुड़ा एक दिलचस्प वाकया साझा किया है। लक्ष्मण ने स्टार स्पोर्ट्स के शो क्रिकेट कनेक्टिड में साल 1998 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चेन्नई में खेले गए टेस्ट मैच से जुड़ा एक बड़ा खुलासा किया जिसकी पहली पारी में सचिन सिर्फ 4 रन पर आउट हो गए थे और उसके बाद उन्होंने खुद को कमरे में बंद कर लिया था।
वीवीएस लक्ष्मण ने बताया, "सचिन चेन्नई टेस्ट के लिए वास्तव में अच्छी तरह से तैयार थे। पहली पारी में वह महज 4 रन पर आउट हो गए। उन्होंने पहले एक चौका लगाया और फिर वॉर्न की गेंद पर टर्न के खिलाफ मिड ऑन के ऊपर से एक बड़ा शॉट खेलने की कोशिश में मार्क टेलर के हाथों कैच आउट हो गए।"
लक्ष्मण ने बताया कि इस तरह से आउट होने पर सचिन इतना निराश हुए कि उन्होंने खुद को एक कमरे में बंद कर लिया और रोने लगे। उन्होंने कहा, "मुझे याद है कि सचिन ने खुद को फिजियो के कमरे में बंद कर लिया था और लगभग एक घंटे के बाद ही बाहर आये। जब वह बाहर आये, तो हमने देखा कि उनकी आँखें लाल थीं। मैंने महसूस किया कि वह बहुत भावुक थे क्योंकि वह जिस तरह से आउट हुए थे, उन्हें उससे काफी दुख पहुंचा था।"
लक्ष्मण ने आगे बताया, "सचिन ने दूसरी पारी में धमाल मचा दिया। इस दौरान उन्होंने शेन वार्न की काफी धुनाई की जो लेग स्टंप के बाहर काफी रफ बॉलिंग कर रहे था। वार्न क्रीज की गहराई का इस्तेमाल कर रहे थे और जब वह ऐसा करते तो सचिन मिड ऑफ और मिड ऑन की तरफ बड़ा हिट लगा देते। इस तरह सचिन ने नाबाद 155 रन की शानदार पारी खेली। मेरी नजर में ये वॉर्न और सचिन के बीच हुआ सर्वश्रेष्ठ मुकाबला था।"
विश्व फुटबॉल की सर्वोच्च संस्था फीफा की मेडिकल समिति के अध्यक्ष माइकल डी’हूगे कोरोना वायरस महामारी के दौरान फुटबॉल लीग को शुरू करने को लेकर आशंकित हैं और उन्होंने सुझाव दिया है कि अब अगले सत्र पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।
जर्मनी में बुंडेसलिगा और इंग्लैंड की प्रीमियर लीग खाली स्टेडियमों में आयोजित करने पर चर्चा चल रही है। लेकिन फीफा मेडिकल पैनल के प्रमुख डी’हूगे ने मंगलवार को बीबीसी से कहा, ‘‘मेरा सुझाव है कि अगर यह संभव है तो अगले कुछ सप्ताह तक फुटबॉल खेलने से बचना चाहिए। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इसके बजाय अगले सत्र में अच्छी तरह से प्रतियोगिता शुरू करने की तैयारियां करनी चाहिए। ’’ बेल्जियम के रहने वाले डी’हूगे ने कहा कि फुटबॉल की जल्द वापसी करने पर भयंकर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक डॉक्टर के तौर पर बात कर रहा हूं, मुझे मैचों के आयोजक के रूप में बोलने की जरूरत नहीं है, लेकिन स्वास्थ्य सुरक्षा के दृष्टिकोण से मैं मैचों के आयोजन को लेकर बेहद आशंकित हूं। ’’
डी’हूगे ने कहा कि जब तक टीका तैयार नहीं हो जाता तब तक फुटबॉल खेलने से समस्याएं पैदा होंगी। उन्होंने खिलाड़ियों की मैच के दौरान थूकने की आदत पर भी रोक लगाने के लिये कहा।
उन्होंने कहा, ‘‘हम सीधे संपर्क से कैसे बचेंगे। यह मेरा सवाल है। हमें टीका बनने तक इंतजार करना होगा। अब समय आ गया है जबकि हमें स्वच्छता को लेकर नियम बनाने होंगे। जैसे हमें थूकने से बचना होगा। यह ऐसी चीज है जिस पर हमें वास्तव में विचार करना चाहिए क्योंकि यह भविष्य के लिये वास्तविक खतरा है। ’’
दुनिया के पूर्व नंबर एक खिलाड़ी एंडी मरे ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी से निबटने के बाद भी टेनिस की वापसी के लिये जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। इस वैश्विक महामारी के कारण पुरुष एटीपी और महिला डब्ल्यूटीए टूर 13 जुलाई तक निलंबित है। इस वजह से इस साल होने वाला विंबलडन टूर्नामेंट रद्द कर दिया गया है।
मरे का मानना है कि टेनिस खिलाड़ियों को बहुत अधिक यात्राएं करनी पड़ती हैं और इसलिए इस खेल की वापसी जनजीवन पूरी तरह से सामान्य होने के बाद सबसे आखिर में होनी चाहिए।
मरे ने कहा, ‘‘मैं समझता हूं कि सभी टेनिस खिलाड़ी जल्द से जल्द कोर्ट पर वापसी करना चाहते हैं लेकिन खेलना अभी सबसे महत्वपूर्ण चीज नहीं है। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहले हम सभी अपने आम जनजीवन की वापसी चाहते हैं। जब हम बिना किसी डर के बाहर जा सकें, दोस्तों से मिल सकें, रेस्टोरेंट जा सकें और सामान्य दिनों की तरह खुलकर जी सकें। ’’
मरे ने कहा, ‘‘और तब उम्मीद है कि यात्रा करने में भी दिक्कत नहीं होगी और खेल भी पहले की तरह आयोजित किये जाने लगेंगे। लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसा जल्दी होने वाला है।’’
मरे का मानना है कि टेनिस की पूर्ण वापसी के लिये वायरस पर नियंत्रण बेहद जरूरी है। यूएस ओपन और फ्रेंच ओपन के आयोजकों ने इन टूर्नामेंट के लिये अगस्त और सितंबर की तारीखें तय कर रखी हैं लेकिन मरे ने कहा, ‘‘पहले हमें वायरस के प्रसार को रोकने के उपाय ढूंढने होंगे और एक बार ऐसा होने के बाद हम सामान्य जिंदगी जीना शुरू कर सकते हैं। ’’
ऑस्ट्रेलिया के सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर का मानना है कि कोरोनोवायरस महामारी के कारण इंग्लैंड और स्कॉटलैंड का आगामी दौरा होने की संभावना नहीं है। ऑस्ट्रेलिया का 29 जून को स्कॉटलैंड के खिलाफ एक टी-20 मुकाबला और 3 जुलाई से इंग्लैंड के खिलाउ तीन T20I और 3 वनडे मैचों की सीरीज खेलनी है।
कोरोना के चलते इंग्लैंड ने एक जुलाई तक देश में पेशेवर क्रिकेट के सभी प्रारूपों को निलंबित कर दिया है। वहीं, वेस्टइंडीज और इंग्लैंड के बीच जून में खेले जाने वाली तीन मैच की टेस्ट सीरीज को भी टाल दिया गया है। क्रिकेट डॉट कॉम ने वॉर्नर के हवाले से कहा, "फिलहाल इसकी बहुत कम संभावना है कि हम वहां जाने वाले हैं। इसमें कोई संदेह नहीं है कि आप चाहेंगे कि आप जहां जाएं और जहां आप खेलें, वहां कोई भी भीड़ न हो।"
उन्होंने कहा, "मुझे इंग्लैंड में खेलना बहुत पसंद है, यह का माहौल शानदार है। आपको कोई ऐसा व्यक्ति मिलता है, जो हमेशा आपको जोश दिलाने की कोशिश करता है। यहां माहौल बहुत गर्म होता है और यही चीज मेरे लिए बहुत है।"
हाल ही में इंग्लैंड के प्रधानमंत्री बोरिस जानसन भी कोरोना टेस्ट में पॉजिटिव पाए गए थे लेकिन अब उनकी हालत में लगातार सुधार हो रहा है। वार्नर ने कहा कि कोरोनोवायरस दुनिया भर में एक गंभीर समस्या बनी हुई है और ये खेलों के आयोजन से ज्यादा महत्वपूर्ण है।
वॉर्नर ने कहा, "सबसे बड़ी चीज ये है कि हम कोरोना के ग्राफ को समतल करने के लिए सही तरीके से काम कर रहे हैं। हमने अब तक बहुत अच्छा काम किया है और सभी ऑस्ट्रेलियाई लोगों को इसका श्रेय दिया जाना चाहिए।" बता दें, वार्नर आखिरी बार इस साल की शुरुआत में न्यूजीलैंड के खिलाफ तीन मैचों की सीरीज के दौरान खेलते नजर आए थे। पहले वनडे मुकाबले के बाद ही सीरीज को कोरोना वायरस के कारण स्थगित कर दिया गया था।
न्यूजीलैंड के स्टार खिलाड़ी टिम साउदी और टॉम लाथम को टेस्ट क्रिकेट में उनके शानदार प्रदर्शन के लिए एनजेडसी अवॉर्ड में सम्मानित किया गया। वहीं घरेलू क्रिकेट में अपना दम दिखाने वाले डेवॉन कॉन्वे और महिला क्रिकेटर केटी गुर्रे को डोमेस्टिक प्लेयर ऑफ ईयर चुना गया। कोरोना वायरस महामारी के कारण पहली बार इस अवॉर्ड की घोषणा ऑनलाइन की गई।
साउदी पिछले साल टेस्ट फॉर्मेट में न्यूजीलैंड के लिए 22 की औसत से कुल 41 विकेट लिए थे। साउदी के इस दमदार प्रदर्शन के लिए विन्सर कप के सम्मान से नवाजा गया है। साउदी को तीसरी बार यह अवॉर्ड मिला है।
साउदी को यह ऑनलाइन अवॉर्ड न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के मौजूदा कोच गैरी स्टीड ने दिया। इस अवॉर्ड के बाद उन्होंने कहा, '' मेरे यह एक सम्मान की बात है। ''
उन्होंने कहा, ''पिछले सीजन में हमने अपने घर में जिस तरह से टेस्ट क्रिकेट खेला वह शानदार था। सबसे पहले हमने इंग्लैंड को हराया और फिर उसके बाद मजबूत भारतीय टीम को मात दी। यह दोनों ही जीत काफी संतोषजनक था।''
वहीं साउदी के अलावा टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज लाथम को टेस्ट क्रिकेट शानदार बल्लेबाजी के लिए रीपाथ कप दिया गया। लाथन ने पिछले साल 12 टेस्ट मैचों में 875 रन बनाए जिसमें तीन शतक शामिल है। इसमें श्रीलंका के खिलाफ के खिलाफ वह शतक भी शामिल है जिसकी वजह से न्यूजीलैंड की टीम मैच बचाने में कामयाब रही थी। लाथम को यह पहला रीपाथ कप मिला है।
लाथम को मिले इस सम्मान पर टीम के कोच ने कहा, ''पिछले सीजन में हमने दुनिया के सबसे मुश्किल गेंदबाजी आक्रमण का सामना किया था और लाथम ने उसका शानदार तरीके से सामना किया और टीम के लिए लगातार रन बनाए।''
वहीं वेलिंग्टन फायरबर्ड्स के बल्लेबाज कॉन्वे को साल का सर्वश्रेष्ठ घरेलू क्रिकेटर चुना गया है जबकि महिला क्रिकेट में यह सम्मान केटी गुर्रे को मिला।
इसके अलावा न्यूजीलैंड के पूर्व विकेटकीपर और कमेंटेटर इयान स्मिथ को क्रिकेट में दिए हए उनके बेहतरीन योगदान के लिए उन्हें बर्ट सुटक्लिफ मेडल से सम्मानित किया गया।
इंग्लैंड क्रिकेट टीम के टेस्ट कप्तान जो रूट ने एक रेडियो इंटरव्यू में बताया कि कैसे क्रिकेट के मैदान पर बल्लेबाजी के दौरान विपक्षी टीम उन्हें जोकर कहकर स्लेज करते थे। रूट ने बीबीसी रेडियो नंबर एक के साथ खास बात-चीत में कहा कि विपक्षी टीम के खिलाड़ी उन्हें अमेरिकी कॉमेडियन और चैट शो के होस्ट एलेन डिजेनरेस का नाम का लेकर स्लेज किया गया ताकि उनका ध्यान भंग हो जाए।
इसके अलावा रूट ने खुलासा किया कि जब वह बल्लेबाजी कर रहे होते थे तो फील्डिंग के दौरान विपक्षी टीम के खिलाड़ी कई दफा उन्हें अपशब्द भी कहे लेकिन रूट यह समझते थे कि विरोधी टीम के इस व्यवहार से कैसे निपटा जा सकता है।
रूट ने कहा, मुझे कई मौकों पर अमेरिकी कॉमेजडियन एलेन डिजेनरेस के नाम से पुकारा गया जो कि काफी निराशाजनक था।'' बीसीसी रेडियो के साथ इस खास बात चीत के दौरान रूट ने अपने कुछ पसंदीदा म्यूजिक के बारे में भी बताया।
रूट ने इस दौरान रॉक बैंड आर्कटिक मॉन्की के द्वारा बनाया गया 'मार्डी बम' और कूक्स बैंड के 'शी मूव्स इन हर ओन वे' को अपना पसंदीदा ट्रैक बताया। वहीं मैनकेव एंथम्स को भी उन्होंने अपनी लिस्ट में शामिल किया।
इसके अलावा उनके लिस्ट में 'द ग्रेटेस्ट शो' भी शामिल है जिसे उन्होंने इंग्लैंड के स्टार ऑलराउंडर बेन स्टोक्स को समर्पित किया।
आपको बता दें कि कोरोना वायरस के कारण इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने देश में जुलाई तक सभी तरह के क्रिकेट आयोजनों को टाल दिया है।
स्टार इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स ने टीम के साथी खिलाड़ी जोस बटलर की प्रशंसा करते हुए कहा कि ये विकेट कीपर बल्लेबाज़ इस समय वाइट बॉल क्रिकेट में दुनिया के सबसे बहुमुखी खिलाड़ियों में से एक है। स्टोक्स ने राजस्थान रॉयल्स पॉडकास्ट के एपिसोड 5 में टीम के स्पिन सलाहकार और न्यूजीलैंड के स्पिनर ईश सोढ़ी के साथ बातचीत के दौरान ये बात कही।
स्टोक्स ने कहा, "मेरे लिए जोस बटलर इस समय दुनिया के सबसे बहुमुखी और सर्वश्रेष्ठ वनडे खिलाड़ियों में से एक हैं। तुम्हें पता है कि वह तुम्हें ध्वस्त कर सकता है। वह आपको मैदान कहीं भी हिट कर सकता है। वह विश्व कप फाइनल में भी उस तरह की पारी खेल सकता है। वनडे खिलाड़ी के तौर पर उसका कौशल विपक्षी कप्तान या गेंदबाज के लिए एक बुरे सपने की तरह है।"
मेजबान इंग्लैंड ने 2019 में बाउंड्री नियम के आधार पर न्यूजीलैंड को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था। जीत के लिए 242 रनों का पीछा करते हुए स्टोक्स ने नाबाद 84 रनों की पारी खेली जिसकी बदौलत मेजबान टीम मैच को सुपर ओवर तक ले गई। इसके बाद सुपर ओवर में जबरदस्त रोमांच देखने को मिला और आखिर में खिताब इंग्लैंड की झोली में गया। इस सुपर ओवर में बटलर और स्टोक्स ने कीवी गेंदबाज ट्रेंट बोल्ट के ओवर में बिना कोई विकेट खोए 15 रन बटोरे थे।
स्टोक्स ने बटलर की फिटनेस की सराहना करते हुए कहा, "जब आप जोस जैसे व्यक्ति को अपनी फिटनेस पर 45 मिनट से एक घंटा अतिरिक्त समय देते हुए देखते हो तो मुझे भी लगता है कि मैं भी बहुत कुछ कर सकता हूं।" बता दें, बेन स्टोक्स और जोस बटलर आईपीएल में एक ही टीम रॉजस्थान रॉयल्स का हिस्सा हैं।
Lyon president Jean-Michel Aulas feels that more league matches could still be played, with even a series of play-offs to decide European places and relegation a possibility.
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Australia opening batsman David Warner has said that the side's upcoming tour of England and Scotland is unlikely to go ahead due to the coronavirus pandemic.
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कोरोना वायरस महामारी के बीच क्रिकेट में एक नई बहस छिड़ी हुई है। हाल ही में आईसीसी ने संकेत दिया था कि आने वाले समय में गेंदबाज गेंद पर लार का इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे बल्कि लार की जगह उन्हें आर्टिफिशियल पदार्थ उपलब्ध कराया जाएगा। इस बीच कुछ लोगों ने लार के इस्तेमाल को रोकने के लिए बॉल टैम्परिंग को वैध करने पर भी अपनी सहमति जताई है जिसकी वेस्टइंडीज के महान तेज गेंदबाज माइकल होल्डिंग ने कड़ी आलोचना की है।
होल्डिंग का मानना है कि जब खिलाड़ी सुरक्षा को ध्यान में रखकर खेलेंगे तो ऐसे में लार का गेंद पर इस्तेमाल ज्यादा बड़ा मुद्दा नहीं होना चाहिए। होल्डिंग ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा, "मैंने पढ़ा है कि आईसीसी कोरोनावायरस के कारण खिलड़ियों को गेंद को चमकाने के लिए लार का उपयोग करने से रोकने पर बात कर रही है। मैं इसके पीछे का तर्क नहीं समझ पा रहा हूं।" उन्होंने कहा, "इससे पहले कि वो इस बिंदु पर पहुंचे थे ,उन्होंने कहा था कि वह क्रिकेट को एक सुरक्षित माहौल में शुरू करेंगे।"
उन्होंने कहा, "जब आप कह रहे हैं कि बायो सिक्योर वातावारण में आप क्रिकेट शुरू करेंगे, आप एक ही होटल में रहेंगे और ज्यादा समय के लिए नहीं जाएंगे, अगर ऐसा है तो आप किसी की लार को लेकर चिंता क्यों कर रहे हो।"
नई दिल्ली| भारतीय बैडमिंटन संघ (बीएआई) ने विश्व बैडमिंटन महासंघ (बीडब्ल्यूएफ) से कहा है कि वो सरकार की मंजूरी के बाद इंडिया ओपन को दिसंबर-2020 या जनवरी-2021 में आयोजित करा सकती है।
बीएआई के महासचिव अजय कुमार ने मंगलवार को आईएएनएस से कहा, "अगर स्थिति सुधरती है और हमें सरकार से मंजूरी मिल जाती है तो हमने उन्हें दिसंबर और जनवरी का समय बताया है। हमने कहा है कि हमारी तरफ से हम इन महीनों में टूर्नामेंट का आयोजन करने को तैयार हैं।"
इंडिया ओपन वैसे 24 से 29 मार्च के बीच राष्ट्रीय राजधानी में खेला जाना था लेकिन कोरोनावायरस के कारण इसे रद्द कर दिया गया। इसके बाद बीडब्ल्यूएफ ने बाकी अन्य कई टूर्नामेंट को भी रद्द कर दिया था जिसमें योनेक्स स्विस ओपन, ओरलें मास्टर्स-2020, सेलकॉम एक्सियाटा मलेशिया ओपन-2020, सिंगापुर ओपन-2020 जैसे टूर्नामेंट शामिल थे।
टी-20 क्रिकेट के तूफानी बल्लेबाज क्रिस गेल ने सोमवार को अपने यूट्यूब चैनल वेस्टइंडीज के पूर्व खिलाड़ी रामनरेश सरवन पर तीखा हमला बोला है। गेल ने यूट्यूब पर 3 भाग के वीडियो में रामनरेश को कोरोना वायरस से भी खतरनाक करार दिया है। बता दें, इस साल कैरिबियन प्रीमियर लीग में जमैका थलाईवाज ने गेल को रिटेन नहीं करने का फैसला किया था जिससे बाद सेंट लूसिया जूक्स ने इस तूफानी क्रिकेटर को अपनी टीम में मार्की खिलाड़ी के रूप में शामिल किया।
सीपीएल में गेल की ये तीसरी टीम है। इससे पहले गेल जमैका थलाईवाज के अलावा सेंट किट्स एंड नेविस पैट्रियट्स की और से अपना जलवा दिखा चुके हैं। इस सीजन जमैका द्वारा रिटेन न किए जाने से गेल काफी नाराज थे और अब उन्होंने रामनरेश सरवन को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है।
गेल ने पहले वीडियो में कहा, “जब मैं थलाईवाज वापस आया, सरवन सहायक कोच थे। मेरी और सरवन की बात भी हुई थी, वह मुख्य कोच बनना चाहते थे। जब मैंने जमैका थलाईवाज को छोड़ा, तो टीम में काफी उत्साह था। रसेल उस समय कप्तान थे। उस वक्त सरवन के साथ समस्या थी जिसके कारण खिलाड़ियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था। गेल ने आगे यह भी कहा कि उन्होंने बाद में सरवन को बताया था कि मुख्य कोच बनने के लिए उसके पास पर्याप्त अनुभव नहीं था।
गेल ने दूसरे वीडियो में कहा, "सरवन आप ही थे जिन्होंने मेरे जन्मदिन की पार्टी में एक बड़ा भाषण दिया कि हम कितने दूर आ गए हैं। सरवन तुम एक साँप हो। आप ये जानते हैं कि आप कैरिबियन में सबसे अधिक प्रिय व्यक्ति नहीं हो। तुम बदले की भावना रखते हो, तुम अभी भी परिपक्व नहीं हुए हो। तुम पीठ पीछे वार करते हो।"
गेल ने आगे कहा, "हर किसी की नज़र में आप खुद को ऐसे पेश करते हो जैसे कि आप संत हैं। यह अच्छा व्यक्ति .... सरवन, आप बुरे हैं, आप दुष्ट हैं, आप जहर हैं।" उन्होंने यह भी कहा कि सरवन खिलाड़ियों पर कर्फ्यू लगाना चाहते थे और यह भी पूछा कि फ्रेंचाइजी में बहुत सारे जमैका में खेलने वाले लोग क्यों थे।
Chris Lynn said that while the players are praying for the T20 World Cup to go ahead, they have to look at the current situation and take a call accordingly.
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ब्यूनस आयर्स| अर्जेंटीना में कोरोनावायरस के कारण फुटबाल सीजन को रद्द कर दिया गया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, अर्जेंटीना की टॉप क्लब लीग अर्जेंटीना सुपरलीगा में स्वास्थ्य संकट के कारण 2022 तक रेलिगेशन निलंबित रहेगा।
अर्जेंटीना फुटबाल संघ (एएफए) के अध्यक्ष क्लॉडियो तेपिया ने टीएनटी टेलीविजन से कहा, "हम टूर्नामेंट खत्म कर रहे हैं। लीग को फिर से शुरू करने के बारे में तब सोचा जाएगा जब प्रशासन अधिक सुरक्षा के साथ हमें इसकी इजाजत देगा।"
तेपिया ने कहा कि इसकी आधिकारिक घोषणा मंगलवार को की जाएगी। उन्होंने कहा कि लॉवर डिवीजन की टीमों को अभी भी प्रमोट किया जाएगा। तेपिया का बयान अर्जेंटीना के राष्ट्रपति अल्बटरे फर्नांडीज के उस बयान के बाद आया है, जिसमें उन्होंने देश में जारी लॉकडाउन को 10 मई तक बढ़ाने की बात कही है।
कोरोना वायरस के कारण टोक्यो ओलंपिक को भले ही 1 साल के लिए आगे बढ़ा दिया गया है लेकिन खेलों के महाकुंभ पर अभी भी खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। टोक्यो ओलंपिक आयोजन समिति के अध्यक्ष ने आशंका जताई है कि अगर कोरोना का प्रकोप इसी तरह जारी रहा तो ओलंपिक को रद्द करने के आलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा।
जापान के खेल दैनिक ‘निक्कन स्पोर्ट्स’ से साक्षात्कार के दौरान जब मोरी से पूछा गया कि अगर महामारी का खतरा अगले साल भी बना रहता है तो क्या खेलों को 2022 तक टाला जा सकता है, उन्होंने कहा, ‘‘नहीं। अगर ऐसा होता है तो फिर इन्हें रद्द कर दिया जाएगा। ’’
मोरी ने कहा कि इससे पहले युद्ध के समय ही खेलों को रद्द किया गया था। उन्होंने कोरोना वायरस से लड़ाई को ‘एक अदृश्य दुश्मन के खिलाफ जंग’ करार दिया। उन्होंने कहा, ‘‘अगर वायरस पर नियंत्रण पा लिया जाता है तो हम अगली गर्मियों में ओलंपिक का आयोजन करेंगे।’’
गौरतलब है कि टोक्यो ओलंपिक का आगाज अब 23 जुलाई 2021 से होगा लेकिन टोक्यो 2020 के अध्यक्ष योशिरो मोरी का मानना है कि अब इस दोबारा स्थगित करना मुमकिन नहीं होगा। कोरोना वायरस के कारण दुनियाभर में खेल गतिविधियां ठप पड़ी हुई है जिससे खेल संस्थाओं का आर्थिक नुकसान झेलना पड़ा है। इस आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए खिलाड़ियों और स्टॉफ के वेतन में कटौती की जा रही है।
सचिन तेंदुलकर ने भले ही क्रिकेट को अलविदा कह दिया हो लेकिन उनके खेल से जुड़े किस्से और घटनाएं आज भी फैंस को रोमांचित कर देती हैं। क्रिकेट की दुनिया में सचिन के कद का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विपक्षी टीम के खिलाड़ी उनके खिलाफ खेलने से ही खुद को सौभाग्यशाली समझते थे। यही नहीं, उस दौरान किसी भी गेंदबाज के लिए सचिन को आउट करना उसके लिए सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक गिना जाता था। इस दौरान कई बार ऐसा भी होता कि गेंदबाज सचिन का विकेट हासिल करने से चूक जाता और लंबे समय तक उसे इस बात का मलाल रहता।
कुछ ऐसा ही हुआ था साल 2011 के वर्ल्ड कप सेमीफाइनल मुकाबले में जब भारत की भिड़ंत पाकिस्तान से हुई थी। उस मैच में पाकिस्तान के पूर्व ऑफ स्पिन गेंदबाज सईद अजमल भारत के दिग्गज खिलाड़ी सचिन को आउट करने से चूक गए थे। इस घटना को याद करते हुए अब सईद अजमल ने बड़ा बयान दिया है।
सईद अजमल उस सेमीफाइनल में सचिन तेंदुलकर का विकेट नहीं मिल पाने की निराशा से अब तक नहीं उबर पाये हैं क्योंकि उन्हें आज भी लगता है कि उन्होंने भारतीय स्टार को आउट कर दिया था। इंग्लैंड के अंपायर इयान गाउल्ड ने भी हाल में कहा था कि तेंदुलकर तब आउट थे लेकिन तीसरे अंपायर ने उनका फैसला पलट दिया था। तेंदुलकर ने मोहाली में खेले गये इस सेमीफाइनल मुकाबले में 85 रन की अहम पारी खेली थी जिसकी बदौलत भारत यह मैच जीतकर फाइनल में पहुंचने में सफल रहा था। तेंदुलकर जब 23 रन पर खेल रहे थे तब गाउल्ड ने अजमल की गेंद पर उन्हें LBW आउट दिया था लेकिन तीसरे अंपायर बिली बोडेन ने ‘रिव्यू’ के बाद इसे पलट दिया था।
आईसीसी एलीट पैनल के सदस्य रहे गाउल्ड ने हाल में कहा था कि वह तेंदुलकर को आउट देने के अपने फैसले पर कायम हैं। अजमल ने उस घटना को याद करते हुए कहा, ‘‘यह सीधी गेंद थी और विकेटों के आगे उनके पैड से टकरायी थी। मुझे पूरा विश्वास था कि वह आउट है। शाहिद अफरीदी, कामरान अकमल, वहाब रियाज और अन्य खिलाड़ियों ने मुझसे पूछा था कि क्या वह (तेंदुलकर) आउट है और मैंने कहा कि हां उसकी पारी समाप्त हो गयी है।’’
उन्होंने कहा कि जब तीसरे अंपायर ने फैसला बदला तो उनका दिल टूट गया था। अजमल ने कहा, ‘‘मुझे टेस्ट मैचों में कभी उन्हें गेंदबाजी करने का मौका नहीं मिला इसलिए मुझे जब भी सीमित ओवरों की क्रिकेट में उनके खिलाफ खेलने का मौका मिलता था तो मैं अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करना चाहता था।’’
उन्होंने एक टेलीविजन चैनल से कहा, ‘‘सबसे अधिक निराशा यह रही कि हम सेमीफाइनल में हार गये और निश्चित तौर पर तेंदुलकर के 85 रन ने अंतर पैदा किया था।’’ अजमल ने कहा, ‘‘यहां तक कि आज भी तीसरे अंपायर का फैसला मुझे हैरान कर देता है। लेकिन उस दिन भाग्य उनके साथ था और उन्होंने अपनी टीम के लिये महत्वपूर्ण पारी खेली।’’
गौरतलब है कि सईद अजमल को पाकिस्तान की तरफ से 35 टेस्ट, 113 वनडे और 64 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने का मौका मिला। अजमल का करियर बांग्लादेश दौरे के बाद बीच में ही उस वक्त समाप्त हो गया था जब उनके गेंदबाजी एक्शन पर 2014 में सवाल उठाए गए थे। इसके बाद वह वापसी करने में नाकाम रहे और 2017 में उन्होंने क्रिकेट को अलविदा कह दिया।
भारत के महान खिलाड़ी सचिन तेंदुलकर का लोहा पूरी दुनिया मानती है। इसकी एक बड़ी वजह है दुनिया के दिग्गज गेंदबाजों के खिलाफ सचिन का बेहतरीन रिकॉर्ड जो निर्विवाद रुप से उन्हें शानदार बल्लेबाज बनाता है। सचिन तेंदुलकर और शेन वॉर्न के बीच मैदानी प्रतिद्वंद्विता जगजाहिर रही है। इसी प्रतिद्वंद्विता को लेकर ऑस्ट्रेलिया के पूर्व तेज गेंदबाज ब्रेट ली ने कहा है कि महान सचिन तेंदुलकर ने अपने पूरे करियर के दौरान शेन वार्न के साथ बिल्ली और चूहे का खेल खेला था।
ब्रेट ली ने स्टार स्पोर्ट्स के शो 'क्रिकेट कनेक्टेड' में सचिन तेंदुलकर के खिलाफ गेंदबाजी के अपने शुरुआती अनुभव के बारे में कहा, “मुझे 22 साल की उम्र में लिटिल मास्टर के खिलाफ खेलने का पहला मौका मिला। मैंने उनका विकेट चटकाया और मुझे लगा कि मैंने कुछ बड़ा हासिल कर लिया है। मुझे टेस्ट मैच की परवाह नहीं थी क्योंकि मैं सचिन तेंदुलकर को आउट करके बहुत खुश था।”
ब्रेट ली ने शेन वार्न के खिलाफ सचिन तेंदुलकर की बल्लेबाजी तकनीक को लेकर भी खुलासा किया। ली ने कहा, “वह विकेट के थोड़ा आगे खेलते थे और वार्न को थोड़ा शॉर्ट गेंद रखने की लिए मजबूर करते थे। कभी-कभी, वह बैक फुट पर धैर्यपूर्वक इंतजार करते थे और बेहतरीन शॉट खेलते थे। वह वॉर्न के साथ बिल्ली और चूहे जैसा खेल खेलते थे। वॉर्न के खिलाफ ऐसा करना हर किसी बल्लेबाज के लिए संभव नहीं था। उस समय सचिन तेंदुलकर कंगारू स्पिनर वार्न के साथ चूहे-बिल्ली जैसा खेल खेलते थे और ऐसा अक्सर होता नहीं है।”
ली ने आगे कहा, "सचिन जिस तरह से गेंदबाजों को पढ़ते थे। अलग-अलग गेंदों को खेलने के लिए वह जिस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया करते थे, वह शानदार था। कई बार वॉर्न हवा के जरिए गेंद में बारीक बदलाव करने की कोशिश करते और इसमें वह कई बार कामयाब भी हो जाते। लेकिन वो केवल सचिन ही थे जो इसको भांप जाते थे। दुनिया भर के बल्लेबाजों को परेशान करने वाले वार्न भारत के दिग्गज खिलाड़ी सचिन के सामने ज्यादा कुछ नहीं कर पाते थे। वार्न को इससे काफी गुस्सा आता था, वह वापस आते और कहते कि उन्होंने सचिन को आउट करने की हरसंभव कोशिश की लेकिन सफल नहीं हो सके।
कोरोना वायरस के कारण पूरे देश में 3 मई तक लॉकडाउन लगा हुआ है जिसकी वजह से आईपीएल 2020 को अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में न्यूजीलैंड के पूर्व मुख्य कोच और रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के मौजूदा क्रिकेट डॉयरेक्टर माइक हेसन पिछले 1 महीने से भी ज्यादा समय से भारत में फंसे हुए थे लेकिन अब माइक सकुशल अपने घर वापस लौट गए हैं।
हेसन ने मंगलवार को अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंड पर न्यूजीलैंड वापस लौटने के पुष्टि की। उन्होंने कहा, "मुंबई हवाई अड्डे पर पहुंचने के लिए बस में एक दिन बिताने के बाद क्या अद्भुत नजारा था।" हेसन ने अपने ट्वीट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भारत में न्यूजीलैंड दूतावास, न्यूजीलैंड के विदेश मंत्रालय और न्यूजीलैंड की प्रधान मंत्री जैकिंडा अर्डर्न का भी धन्यवाद दिया।
गौरतलब है कि आईपीएल का 13वां सीजन 29 मार्च से शुरु होना था जिसके लिए रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के डायरेक्टर ऑफ क्रिकेट माइक हेसन मार्च महीने की शुरूआत में ही भारत आ गए थे। इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा देश में लॉकडाउन का ऐलान करने के बाद हेसन को भारत में ही रुकना पड़ा क्योंकि सभी इंटरनेशनल फ्लाइट पर रोक लगा दी गई थी।
Tokyo Olympics organising committee's president Yoshiro Mori said the Games won't be further postponed if the coronavirus pandemic is not under control by 2021.
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पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड की भ्रष्टाचार रोधी ईकाई ने उमर अकल पर आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में 3 साल का बैन लगाया है। इस पर उमर के भाई कामरान अकमल का बड़ा बयान आया है। कामरान अकमल ने अपने भाई पर लगाये गये 3 साल के बैन को कठोर सजा करार दिया है और उनका मानना है कि उनका भाई इस सजा को निश्चित तौर पर चुनौती देगा।
बता दें, उमर अकमल से पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान सटोरियों ने संपर्क किया था जिसकी सूचना नहीं देने के कारण पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) ने सोमवार को उन पर 3 साल का बैन लगाने का फैसला किया था। उमर पर बोर्ड की भ्रष्टाचार निरोधक संहिता की धारा 2.4 .4 के तहत फरवरी में हुए दो मामलों के तहत आरोप लगाये गए हैं।
इस फैसले पर हैरानी जताते हुए पूर्व विकेटकीपर बल्लेबाज कामरान ने कहा, ‘‘मैं उमर को दी गयी कड़ी सजा से हैरान हूं। तीन साल का प्रतिबंध बेहद कठोर सजा है। वह निश्चित तौर पर इसके खिलाफ अपील करेगा।’’ पाकिस्तान की तरफ से 57 टेस्ट, 153 वनडे और 58 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेल चुके कामरान ने कहा कि अन्य खिलाड़ियों को पहले इसी तरह के आरोपों में काफी कम सजा दी गयी।
उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर यह समझना मुश्किल है क्योंकि पूर्व में अन्य खिलाड़ियों पर इसी तरह के अपराध के लिये कम समय का बैन लगाया गया था जबकि उमर को इतनी कठोर सजा दी गयी।’’ कामरान ने मोहम्मद इरफान और मोहम्मद नवाज के मामलें का हवाला दिया जिसमें दोनों खिलाड़ियों को सटोरियों की जानकारी नहीं देने के कारण कम समय के लिये प्रतिबंधित किया गया था।