भारतीय टीम के पूर्व ओपनर बल्लेबाज गौतम गंभीर क्रिकेट के मैदान पर हमेशा से आक्रमक स्वभाव के रहे हैं। गंभीर के बारे में पूरी दुनिया को पताल है कि वह किसी भी देश के खिलाफ कभी भी डरकर बल्लेबाजी नहीं करते थे। यह बात टीम के बाकी खिलाड़ी भी अच्छी तरह से जानते थे। गंभीर के इसी स्वभाव को लेकर पूर्व दिग्गज वीवीएस लक्ष्मण ने ट्वीट कर पुराने दिनों को याद कर उनकी तारीफ की है।
लक्ष्मण ने गंभीर का एक फोटो ट्वीट कर लिखा, ''क्रिकेट के मैदान पर यह खिलाड़ी कभी भी किसी चुनौती से पीछे नहीं हटा, चाहे वह दुनिया का कोई भी मैदान हो और कैसा भी पिच क्यों ना हो। इस खिलाड़ी हमेशा निडरता से सभी चुनौतियों का डट कर सामना किया है। गंभीर को पता होता था कि उन्हें कैसे निपटना है।''
Massively inquisitive and totally obsessed with the game, @GautamGambhir never shied away from a challenge on a cricket field. Whether it was taking on express pace bowlers on spicy tracks overseas or standing up for a wronged teammate, he knew not what it was to back down. pic.twitter.com/RlZlGbucp1
— VVS Laxman (@VVSLaxman281) June 11, 2020
आपको बता दें कि गंभीर भारत के बेहतरीन ओपनर बल्लेबाजों में से एक रहे हैं। उन्होंने भारत के लिए कुल 58 टेस्ट मैचों में 41.96 की औसत से 4154 रन बनाए हैं। वहीं वनडे में 39.68 की औसत से 147 मैचों में 5238 रन अपने नाम किए।
गंभीर भारत के उन क्रिकेटरों में शुमार हैं जिन्होंने टीम को 2007 में टी-20 विश्व कप और साल 2011 में 50 ओवरों के विश्व कप जीताने में सबसे अहम भूमिका अदा की है।
सबसे पहले गंभीर ने साल 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 विश्व कप के फाइनल में 75 रनों की संघर्षपूर्ण पारी खेलकर टीम को सम्मान जनक स्कोर तक पहुंचाया था, जिसके बदौलत इस रोमांचक फाइनल में भारतीय गेंदबाजों इसका बचाव कर सके और टीम को जीत मिली थी।
वहीं 2011 विश्व कप में श्रीलंका के खिलाफ सचिन तेंदुलकर और वीरेंद्र सहवाग के जल्दी आउट होने के बाद उन्होंने अकेले दमपर पारी को संभाला और 122 गेंदों में 97 रनों की मैराथन पारी खेली थी। गंभीर 42वें ओवर में आउट हुए थे। गंभीर के इस दमदार पारी के बुते ही भारत फाइनल में 275 रनों के लक्ष्य को पा सका था।
वहीं गंभीर ने क्रिकेट के सबसे छोटे फॉर्मेट में भी अपना खूब कमाल दिखाया और इंडियन प्रीमियर लीग में उन्होंने कोलकाता नाइट राइडर्स को दो बार 2012 और 2014 में चैंपियन बनाया।
भारतीय क्रिकेट में गंभीर के इस योगदान के लिए उन्हें देश का चौथा सर्वश्रेष्ठ सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया गया है। फिलहाल वे क्रिकेट से संन्यास के बाद पूरी तरह से राजनीति में अपना समय बिता रहे हैं।
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