इंग्लैंड के ऑफ स्पिनर अमर विरदी के पास भले ही अनुभव की कमी है लेकिन उन्हें उम्मीद है कि आठ जुलाई से वेस्टइंडीज के खिलाफ शुरू हो रही तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के लिए वह टीम में जगह बनने में सफल रहेंगे। प्रथम श्रेणी में महज 23 मैचों के अनुभव वाले 21 साल के इस खिलाड़ी को टेस्ट टीम में जगह बनाने के लिए जैक लीच, डॉम बेस, मैट पार्किंसन और मोइन अली जैसे अधिक अनुभवी स्पिनरों को पछाड़ना होगा।
विरदी ने शुक्रवार को कहा, ‘‘ जाहिर है कि मैं यहां हूं इसलिए मैं चाहता हूं कि टेस्ट क्रिकेट खेलूं। मैं अपनी तरफ से पूरा प्रयास करता रहूंगा ताकि टीम में जगह बना सकूं।’’
विरदी ने कहा कि वह पहले टेस्ट के लिए टीम में जगह बनाने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘ मैं वास्तव में इस तरह प्रभावित करने की कोशिश नहीं करता हूं। मैं अपनी चीज करना चाहता हूं और चाहता हूं कि मैं जो हूं वही रहूं। कुछ और करने की जगह मैं अपने कौशल से प्रभावित करने की कोशिश करता हूं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ मैं निश्चित रूप से पहले टेस्ट मैच में खेलना चाहता हूं, या कम से कम टीम में जगह पक्की करना चाहता हूं। अगर मैं ऐसा नहीं करना चाहता था, तो शायद मुझे यहाँ नहीं होना चाहिए। मुझे खुद पर बहुत गर्व है कि मैं इस मुकाम पर पहुंचा हूं। मेरे लिए अगला चरण टेस्ट में जगह बनाने को लेकर है। इसके लिए मैं मेहनत जारी रखूंगा।’’
विरदी ने प्रथम श्रेणी के 23 मैचों में 69 विकेट लिये है। उन्होंने कहा कि वह आक्रामक क्रिकेट खेलते है और हमेशा विकेट की तलश में रहते है। उन्होंने कहा, ‘‘ मुझे लगता है कि आपको आक्रामक और हमेशा विकेट चटकाने के लिए तैयार होने की जरूरत है। हो सकता है कि पिचें हमेशा आपके अनुकूल न हों, लेकिन एक स्पिनर के तौर पर बल्लेबाजों को रोकने की कोशिश करते है। परिस्थितियां कैसी भी हो मेरी नजर हमेशा विकेट चटकने पर होती है।’’
विरदी अगर टीम में जगह बनाने में सफल होते है तो वह मोंटी पनेसर और रवि बोपारा के बाद सिख समुदाय के तीसरे खिलाड़ी बनेंगे।
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