टी20 वर्ल्ड कप 2016 हमें कार्लोस ब्रेथवेट के चार छक्कों की वजह से हमेशा याद रहता है। वेस्टइंडीज के इस खिलाड़ी ने फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड के हरफनमौला खिलाड़ी बेन स्टोक्स के ओवर में चार छक्के लगाकर अपनी टीम को खिताब जिताया था। इसके इतर अगर भारतीय फैन्स के वर्ल्ड कप 2016 के यादगार पलों की बात की जाए तो उसमें बांग्लादेश के खिलाफ नटकीय जीत जरूर आती है।
इस मैच में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए बांग्लादेश के सामने निर्धारित 20 ओवर में 7 विकेट के नुकसान पर 146 रन बनाए थे। बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में यह लक्ष्य बचा पाना बेहद मुश्किल दिखाई दे रहा था।
मैच के 39 ओवर (दोनों पारियों के मिलाकर) का खेल खत्म होने के बाद रोमांच अपने चरम पर था। बांग्लादेश को जीत के लिए आखिरी ओवर में 11 रन की जरूरत थी और कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने वर्ल्ड कप 2007 की यादें ताजा करते हुए अपने युवा खिलाड़ी पर भरोसा जताया और आखिरी ओवर हार्दिक पांड्या को सौंपा। हार्दिक डेब्यू के बाद अपना पहला बड़ा टूर्नामेंट खेल रहे थे।
हार्दिक की पहली गेंद पर महमूदुल्लाह ने एक रन लिया और उसके बाद विकेटकीपर बल्लेबाज मुशफिकुर रहीम ने दो गेंदों पर दो चौके लगा दिए। इन दोनों चौकों के साथ मुशफिकुर ने मैदान पर जीत की खुशी मनाना शुरू कर दी थी, लेकिन मैच में असली नाटकिय मोड़ यहीं पर आया। बांग्लादेश को आखिरी तीन गेंदों पर जीत के लिए दो रन की जरूरत थी।
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ओवर की चौथी गेंद डालने की तैयारी जब हार्दिक कर रहे थे तो तब धोनी और नेहरा उनके पास पहुंचे। हार्दिक पांड्या ने बताया कि उनका प्लान शॉर्ट पिच गेंदबाजी करने का था। यह प्लान सही साबित हुआ और मुशफिकुर डीप स्क्वायर लेग पर कैच आउट हुए।
हार्दिक ने क्रिकबज से कहा "अगर मैं उस समय वहां पर बल्लेबाजी कर रहा होता तो मैं एक रन लेकर टीम की जीत पक्की करता और फिर अपने आखिरी शॉट खेलता। तब मैंने सोचा कि एक रन लेने के लिए सबसे मुश्किल गेंद क्या होगी।"
हार्दिक ने आगे कहा "शॉर्ट पिच गेंद पर शॉट मारना और एक रन लेना दोनों ही मुश्किल होता है, आपको इस गेंद पर अच्छी तरह से शॉट खेलना होता है। लेकिन उसने बड़ा शॉट खेला और वह आउट हो गया।"
मुशफिकुर के आउट होने के बाद बांग्लादेश को जीत के लिए दो गेंदों पर दो रन की जरूरत थी और यह कोई मुश्किल लक्ष्य नहीं था, लेकिन अगली ही फुलटॉस गेंद पर महमूदुल्लाह भी जडेजा के हाथों कैच आउट हो गए।
महमूदुल्लाह को आउट करने के बारे में हार्दिक ने कहा "मैं यॉर्कर गेंद डालना चाहता था, लेकिन वह फुलटॉस पड़ गई और महमूदुल्लाह ने उस सीधा फील्डर के पास मार दिया। यह सिर्फ भाग्य था, ऐसा हुआ क्योंकि ऐसा होना था, मैंने कुछ खास नहीं किया।"
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अब आखिरी गेंद पर बांग्लादेश को दो रन की जरूरत थी। धोनी और नेहरा एक बार फिर पांड्या के पास पहुंचे। कई खिलाड़ियों ने पांड्या को बाउंडर डालने की सलाह दी थी, लेकिन धोनी और नेहरा ने कहा कि यह निचले क्रम के बल्लेबाज है और अपना बल्ला जरूर घुमाएंगे, अगर बाउंसर पर बाहरी किनारा लगा तो गेंद विकेट कीपर के ऊपर से चली जाएगी इसलिए तुम विकेट से दूर गेंद डालो।
पांड्या ने ऐसा ही किया और गेंद विकेट से दूर डाली। आखिरी गेंद खेल रहे शुवागता होम ने जोर से बल्ला घुमाया लेकिन वह गेंद को मार नहीं पाए। दूसरे छोर पर खड़े मुस्तफिजुर रहमान ने एक रन भागने का प्रयास जरूर किया, लेकिन विकेट के पीछे खड़े धोनी ने भागते हुए उन्हें रन आउट कर दिया। इसी जीत के साथ भारत ने सेमीफाइनल में अपनी जगह बनाई।
सेमीफाइनल में भारत का मुकाबले वेस्टइंडीज के साथ था जहां उन्हें 7 विकेट से हारकर वर्ल्ड कप से बाहर होना पड़ा। अंत में वेस्टइंडीज ने फाइनल मुकाबले में इंग्लैंड को हराकर खिताब अपने नाम किया।
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