
भारतीय क्रिकेट टीम मौजूदा समय में दुनिया के मजबूत से मजूबत टीमों को हराने की क्षमता रखती है। कोई भी टीम आज के दौर में भारत को कमतर आंकने की भूल नहीं कर सकता है। यही कारण है कि आज भारतीय टीम के पास इतनी क्षमता है कि वह किसी भी विरोधी के खिलाफ बड़े से बड़ा स्कोर खड़ा कर सकने में सक्षम है।
इसके साथ ही भारत का बल्लेबाजी क्रम इतना मजबूत है कि वह किसी भी मुश्किल लक्ष्य को भी बड़ी आसानी से हासिल कर सकता है। हालांकि टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम ने आज ही के दिन 24 जून 1974 को इंग्लैंड के खिलाफ महज 42 रन पर ऑलआउट होकर इस फॉर्मेट में सबसे कम स्कोर बनाने के ना भूल पाने वाला रिकॉर्ड अपने नाम किया था।
इंग्लैंड के खिलाफ इस मुकाबले में भारत अपनी दूसरी पारी में 17 ओवर में 42 रन ही बना पाई थी और मेजबान टीम ने इस मैच को 285 रन अपने नाम कर किया था।
इंग्लैंड की टीम इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए 629 रनों का विशाल स्कोर खड़ा किया था। इस स्कोर के जवाब में भारत पहली पारी में 302 रन ही बना पाई और उसे फॉलोऑन का सामना करना पड़ा।
वहीं दूसरी पारी में इंग्लैंड के गेंदबाज और अधिक घातक साबित हुए और भारतीय टीम को 50 रन के भीतर समेटकर मैच अपने नाम कर लिया था।
भारत के लिए दूसरी पारी में सिर्फ एनाथ सोलकर ही दहाई के आंकड़े को छू पाए थे। इसके अलावा एक भी बल्लेबाज दहाई अंक को पार नहीं कर सके थे। टेस्ट क्रिकेट में भारतीय टीम की यह सबसे बूरी हार में से एक है।
गेंदबाजी में इंग्लैंड के लिए जेफ आरनोल्ड ने 19 रन खर्च कर 4 विकेट लिए थे। वहीं क्रिस ओल्ड ने 21 रन देकर 5 विकेट निकाले थे। भारत के खिलाफ इस मैच के लिए आरनोल्ड महज 11 घंटे पहले ही इंग्लैंड की टीम के साथ जुड़े थे।
आरनोल्ड को बॉब विलिस की जगह टीम में शामिल किया गया था जो कि बैक इंजुरी के कारण बाहर हो हुए थे।
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