
वेस्टइंडीज क्रिकेट बोर्ड (सीडब्ल्यूआई) के अध्यक्ष रिकी स्केरिट ने कहा कि इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) से उनके बोर्ड को मिली 30 लाख डॉलर के ऋण की मदद टीम के दौरे की वजह नहीं है। उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूआई कोविड-19 महामारी के दौरान मुश्किल समय में ईसीबी की मदद करना चाहता था।
मेजबान इंग्लैंड और वेस्टइंडीज के बीच अगले महीने होने वाले तीन टेस्ट मैचों की सीरीज से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी होगी, जो मार्च से कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप के कारण निलंबित है। वेस्टइंडीज की टीम आठ जुलाई से शुरू होने वाली श्रृंखला के लिए पहले ही इंग्लैंड पहुंच चुकी है।
सीरीज को जैव सुरक्षित वातावरण में खेला जाएगा जिसके लिए अभी वहां के सरकार की अंतिम मंजूरी मिलना बाकी है। ईएसपीएनक्रिकइंफो से बातचीत करते हुए स्केरिट ने कहा कि ईसीबी का ऋण जो आईसीसी जांच का विषय बन गया, उसका सीडब्ल्यूआई द्वारा के इंग्लैंड में खिलाड़ियों को भेजने के फैसले से कोई लेना-देना नहीं था।
स्केरिट ने शुक्रवार को कहा, ‘‘ दौरे को लेकर केवल यह एक मामला था कि दौरा कब होगा। अगर ईसीबी सीडब्ल्यूआई चिकित्सा विशेषज्ञों को आश्वस्त कर सकता है कि हमारे खिलाड़ियों और कर्मचारियों की सुरक्षा स्वास्थ्य जोखिम कम से कम होगा तो दौरे को लेकर कोई परेशानी नहीं थी। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘इस दौरे को करने के हमारे अंतिम निर्णय से धन का कोई लेना-देना नहीं था। सीडब्ल्यूआई घूस लेकर कोई काम नहीं करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें तत्काल नकदी की आवश्यकता थी। हमने आईसीसी से संपर्क किया लेकिन वहां इस प्रक्रिया में काफी समय लगता। सीडब्ल्यूआई के पास उस समय नकदी का कोई अन्य विश्वसनीय स्रोत नहीं था।
उन्होने कहा, ‘‘ सीडब्ल्यूआई ने ईसीबी से पूछा कि क्या वे अग्रिम भुगतान कर सकते है। ईसीबी इस आधार पर सहमत हुआ कि आईसीसी जुलाई में सीधे उसे अग्रिम भुगतान करेगा।’’ उन्होंने कहा कि आईसीसी के वित्तीय अधिकारियों को इसके बारे में पता था।
from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/3cWLUJd
No comments:
Post a Comment