भारतीय क्रिकेट के इतिहास में ऐसा माना जाता है कि सबसे पहले भारतीय क्रिकेट में फिटनेस और एथलेटिक्स का महत्व पूर्व विश्व विजेता कप्तान कपिल देव ने पेश किया था। जिन्हें देखकर खिलाड़ियों ने क्रिकेट में फिटनेस का पाठ भी पढ़ा। इस तरह गेंद और बल्ले दोनो से धमाल मचाने वाले टीम इंडिया के पूर्व तेज गेंदबाजी ऑल राउंडर कपिल देव का मानना है कि वो अपने समय के अन्य ऑलराउंडर इमरान खान, रिचर्ड हेडली, और इयान बॉथम की तुलना में बेहतर एथलीट थे। हालांकि उन्होंने पाकिस्तान के इमरान खान को उस समय का सबसे मेहनती खिलाड़ी और सर हेडली को उन्होंने सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज बताया।
कपिल ने कहा, "हम चारों में रिचर्ड हेडली सबसे बढ़िया गेंदबाज थे। वह कंप्यूटर की तरह थे। मैं यह नहीं कहूंगा कि इमरान खान बेस्ट एथलीट थे या सबसे नेचुरल थे, लेकिन वह सबसे मेहनती खिलाड़ी थे। जब उन्होंने शुरुआत की तो वह एक साधारण गेंदबाज की तरह दिखे, लेकिन फिर वह बहुत मेहनती तेज गेंदबाज बन गए और उन्होंने खुद से सीखा। और फिर उन्होंने अपनी बल्लेबाजी पर भी काम किया।"
वहीं क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर के बारे में आगे कपिल देव ने महिला टीम के मौजूदा कोच डब्ल्यू वी रमन के साथ बातचीत में कहा, "सचिन के पास जितनी प्रतिभा थी उतनी मैंने किसी और में नहीं देखी। वह जानते थे कि शतक कैसे लगाना है, लेकिन वह कभी निष्ठुर बल्लेबाज नहीं बने। सचिन के पास क्रिकेट में सब कुछ था। वह शतक बनाना जानते थे लेकिन उस शतक को दोहरे शतक और तिहरे शतक में बदलना उन्हें नहीं आता था।"
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बता दें कि भारत को क्रिकेट का पहला विश्वकप साल 1983 में जिताने वाले कपिल देव ने भारत के लिए 131 टेस्ट मैच व 225 वनडे मैच खेलें। जिसमें उनके नाम क्रमशः 5248 रन और 3783 रन हैं। जबकि 173 रनों की नाबाद वनडे में उनकी सर्वोच्च पारी भी है। इतना ही नहीं गेंदबाजी में टेस्ट क्रिकेट में उनके नाम 434 विकेट जबकि वनडे में 253 विकेट हैं। टेस्ट क्रिकेट में 83 रन पर 9 विकेट उनका गेंदबाजी में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन रहा।
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