मार्सेली फुटबॉल क्लब के पूर्व अध्यक्ष पापे डियोफ का कोरोना वायरस संक्रमण के कारण निधन हो गया। वह 68 वर्ष के थे। डियोफ का जन्म चाड में हुआ था लेकिन उनके पास फ्रांस और सेनेगल की नागरिकता थी।
उन्होंने 2005 से 2009 तक क्लब की मजबूत टीम तैयार करने में अहम भूमिका निभायी जिससे वह 2010 में लीग वन खिताब जीतने में सफल रही। उन्हें फ्रांस में कोविड-19 के उपचार के लिये मंगलवार को डकार से नीस के लिये रवाना होना था लेकिन इससे पहले उनकी सांसे थम गयीं।
कोरोना वायरस महामारी से दुनियाभर में अबतक 8 लाख से भी अधिक लोग संक्रमित हो चुके हैं। वहीं भारत में यह आंकड़ा एक हजार तीन सौ के पार चुका है।
वहीं इस वायरस से अबतक पूरी दुनिया में अब तक 42 हजार से अधिक लोगों की जाने जा चुकी है जबकि लगभग दो लाख की संख्या में लोग इस संक्रमण से मुक्त हुए हैं।
लंदन। इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) ने कोविड-19 महामारी से पड़ने वाले वित्तीय प्रभाव का सामना करने के लिये छह करोड़ दस लाख पौंड के वित्तीय पैकेज की घोषणा की है लेकिन उसने खिलाड़ियों के वेतन में कटौती करने की अभी कोई घोषणा नहीं की। ईसीबी के अनुसार वित्तीय मदद काउंटी, बोर्ड, क्लब से लेकर खेल के हर स्तर पर उपलब्ध करायी जाएगी।
ईसीबी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टॉम हैरिसन ने कहा, ‘‘हम समझते हैं कि यह बेहद चुनौतीपूर्ण समय है और इंग्लैंड एवं वेल्स में हर स्तर पर क्रिकेट परिवार के सभी सदस्यों को जल्द और तत्काल सहयोग पहुंचाना हमारी प्राथमिकता है। ’’
इस धनराशि में चार करोड़ पौंड तत्काल उपलब्ध कराया जाएगा जबकि बाकी दो करोड़ दस लाख पौंड ब्याज मुक्त ऋण के तौर पर दिया जाएगा।
हैरिसन ने कहा, ‘‘हम इससे अच्छी तरह वाकिफ हैं कि कोविड-19 के कारण स्थिति मुश्किल होगी और पूरे वित्तीय नुकसान का अनुमान लगाने में महीनों लग जाएंगे। हम खेल पर पड़ने वाले प्रभाव का सामना करने के लिये अपने भागीदारों के साथ मिलकर काम करना जारी रखेंगे। ’’
कोरोना वायरस महामारी से ठप्प पड़ चुके खेल जगत से एक अच्छी खबर सामने आई है। इस वायरस की चपेट में आए 53 साल के पूर्व टेनिस खिलाड़ी पैट्रिक मैकनरों अब पूरी तरह से ठीक महसूस कर रहे हैं। प्रैट्रिक ने ट्विटर पर एक वीडियो जारी कर यह जानकारी साझा की है। प्रैट्रिक मैकनरो सात बार के ग्रैंडस्लैम चैंपियन जॉन मैनकरो के भाई हैं और वह मौजूदा समय में ईएसपीएन के साथ टेनिस विश्लेषक के तौर पर जुड़े हैं।
53 साल के पैट्रिक ने वीडियो जारी कहा, ''लगभग 10 या 11 दिन पहले जब कुछ मामूली लक्षणों के बाद मैं कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था तो मेरे लिए यह एक बुरी खबर थी लेकिन इस अविध के बाद मैं अब पूरी तरह से ठीक महसूस कर हूं हालांकि मेरा टेस्ट अभी भी पॉजीटिव आया है।''
इस वीडियो में उन्होंने कहा, ''मैं बाकियों के लिए एक उदाहरण हूं इस संक्रमण को हराया जा सकता है मैंने इसका मुकाबला किया और अब मैं पूरी तरह से ठीक लग रहा हूं।''
आपको बता दें कि मैकनरो अमेरिका के न्यू यॉर्क सिटी में इलाके में रहते हैं और यह अमेरिका का सबसे अधिक कोरोना वायरस से संक्रमित वाला क्षेत्र है।
प्रैटिक साल 1998 में टेनिस से संन्यास लिया था जब वह अपने करियर में 28वीं रैंकिंग पर थे। प्रैट्रिक यूएस डेविस कप के कप्तान भी रह चुके हैं।
कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए हर बड़े टूर्नामेंट को या तो स्थगित कर दिया गया है या फिर उसे रद्द कर दिया गया है। ऐसे में अब तलवार विंबलडन के आयोजन पर लटकती दिखाई दे रही है। जिस तरह से यह महामारी पूरी दुनिया में फैल रही है उसे देखकर लग रहा है कि इस साल विंबलडन रद्द कर दिया जाएंगे। ऐसे में विंबलडन में अब तक सबसे लंबी अवधि तक चले मैच में जीत दर्ज करने वाले जॉन इसनर ने कहा कि अगर इस साल यह प्रतिष्ठित टेनिस प्रतियोगिता रद्द हो जाती है तो इसे पचा पाना मुश्किल होगा।
संभावना है कि टूर्नामेंट के अधिकारी जल्द ही इस पर फैसला करेंगे कि 29 जून से ऑल इंग्लैंड क्लब में शुरू होने वाली इस प्रतियोगिता को कोरोना वायरस महामारी के चलते स्थगित किया जाए या रद्द।
इसनर ने मंगलवार को ईएसपीएन से कहा, ‘‘हम उम्मीद कर रहे हैं कि वे इस साल टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर आशावादी होंगे। मैं उनसे कुछ सकारात्मक सुनना पसंद करूंगा। ’’
लेकिन घसियाले कोर्ट और मौसम को देखते हुए टूर्नामेंट के लिये वर्ष का विशेष समय महत्व रखता है ऐसे में इसनर को लगता है कि यह वर्ष विंबलडन के बिना भी गुजर सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘हमें यह बात स्वीकार करनी पड़ सकती है कि इस बार हम विंबलडन नहीं खेल पाएंगे। इसे पचा पाना बहुत मुश्किल होगा। ’’
इसनर अभी एटीपी रैंकिंग में 21वें नंबर पर हैं और अमेरिकी खिलाड़ियों में शीर्ष पर है। उन्होंने 2010 में विंबलडन के पहले दौर में फ्रांस के निकोलस माहूट को 11 घंटे से भी अधिक समय तक चले मैच में हराया था। यह मैच तीन दिन तक खिंचा था जिसमें पांचवां सेट 70-68 पर खत्म हुआ था।
भारतीय टीम के पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह को सिक्सर किंग, मैच विनर के रूप में जानते हैं। युवराज सिंह ने कभी भी टीम के अंदर की बातों को बाहर नहीं रखा, लेकिन अब जब उन्होंने रिटायरमेंट ले ली है तो उन्होंने बताया है कि उन्हें महेंद्र सिंह धोनी और विराट कोहली की कप्तानी में इतना सपोर्ट नहीं मिला जिताना उन्हें सौरव गांगुली की कप्तानी में मिला था।
युवराज सिंह ने 2000 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ चैंपियन ट्रॉफी के दौरान भारत के लिए डेब्यू किया था। उस दौरान टीम इंडिया की कमान सौरव गांगुली के हाथों में थी। युवराज ने गांगुली, धोनी और कोहली के अलावा, राहुल द्रवीड़, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की कप्तानी में भी मैच खेलें हैं। लेकिन युवराज इन सभी में सौरव गांगुली को ही सबसे ऊपर रखते हैं।
युवराज ने स्टारस्पोर्ट्स से बातचीत के दौरान कहा "मैंने सौरव गांगुली की कप्तानी में खेला और वहां मुझे बहुत सपोर्ट मिला। इसके बाद धोनी आए। धोनी और गांगुली के बीच चुनना काफी मुश्किल है। लेकिन मेरी यादें गांगुली के साथ जुड़ी है क्योंकि उन्होंने मुझे हमेशा सपोर्ट किया। मुझे उस तरह का सपोर्ट धोनी और कोहली की कप्तानी में नहीं मिला।"
युवराज ने 304 एकदिवसीय मैचों में भारत का प्रतिनिधित्व किया। उनमें से 110 मैच उन्होंने गांगुली की कप्तानी में खेले जबकि 104 एकदिवसीय मैच उन्होंने धोनी के अंडर खेले।
दिलचस्प बात यह है कि युवराज के रिकॉर्ड धोनी की कप्तानी में ज्यादा बेहतर रहे हैं। धोनी की कप्तानी में खेले मैचों में उन्होंने लगभग 37 की औसत से 3077 रन बनाए वहीं गांगुली की कप्तानी में उन्होंने 2640 ही रन बनाए।
युवराज ने कहा "मैं जब खेलने आया तो आईपीएल नहीं हुआ करता था। मैं अपने हीरो को टीवी पर देखा करता था और अचानक उनके साथ बैठने लगा। मेरे अंदर उनके लिए बहुत आदर और सम्मान था और मैंने उनसे सीखा व्यव्हार कैसे करें, मीडिया से बात कैसे करें आदि। लेकिन आज मुश्किल ही कोई सीनियर खिलाड़ी अपने साथी खिलाड़ी को यह सिखाता होगा।"