कोरोनावायरस के कहर के चलते पूरा खेल जगत ठप पड़ा है, ऐसे में अधिकतर खिलाड़ी सोशल मीडिया के जरिए अपने फैन्स के साथ समय बिता रहे हैं। कुछ खिलाड़ी लाइव वीडियो चैट करके फैन्स का दिल लुभा रहे हैं तो कुछ खिलाड़ी फैन्स के सवालों का जवाब दे रहे हैं। इसी कड़ी में जब पाकिस्तान के अनुभवी बल्लेबाज मोहम्मद हफीज से एक फैन ने वर्ल्ड के टॉप 5 बल्लेबाजों के नाम पूछे तो उन्होंने 2 खिलाड़ियों का नाम उस सूची में जोडा।
हफीज ने इस सूची में दो भारतीय, एक पाकिस्तानी, एक वेस्टइंडीज और एक साउथ अफ्रीकी खिलाड़ी का नाम लिया। हफीज ने वर्ल्ड के टॉप 5 बल्लेबाजों में सचिन तेंदुलकर, विराट कोहली, सईद अनवर, ब्रायन लारा और एबी डी विलियर्स का नाम लिया।
इसी बीच भारतीय सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा ने भी यॉर्कर किंग जसप्रीत बुमराह के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव सेशन किया था। इस लाइव सेशन के दौरान जब जसप्रीत बुमराह ने रोहित से कहा कि ऋषभ पंत बोल रहा है कि वो आपसे कंपटीशन करना है कि कौन लंबे छक्के मार सकता है? इस पर रोहित ने जवाब देते हुए कहा 'अच्छा मेरे साथ उसको करना है? एक साल हुआ नहीं उसे क्रिकेट खेलते हुए और उसे मेरे साथ कंपटीन करना है।'
इसी लाइव सेशन के दौरान बुमराह ने रोहित से एक और आंकड़ों के बारे में पूछा। बुमराह ने रोहित से कहा कि मेरे दोस्तों ने आज मुझे एक रोचक आंकड़ बताया कि हम दोनों (रोहित और बुमराह) एक साथ 70 मैच खेल चुके हैं, लेकिन हमने आज तक एक साथ बैटिंग नहीं की है। इस पर रोहित ने कहा 'एक बंदा है जो मैच की पहली गेंद खेलता है और एक है जो आखिरी गेंद खेलता है।'
रोहित ने इसी जवाब के साथ बुमराह को अपना बल्लेबाजी क्रम ऊपर करने की भी सलाह दी। रोहित ने बुमराह को कहा कि तुझे ऊपर 7वें-8वें नंबर पर खेलना चाहिए। चहल से तो तू अच्छी ही बैटिंग करता है।
इसके जवाब में बुमराह ने कहा 'चहल से तो मुझे ऊपर ही बल्लेबाजी करनी चाहिए, जब चहल छक्का मारेगा तो फिर उसे मेरे से ऊपर बल्लेबाजी करनी चाहिए। चहल ने अभी तक इंटरनेशनल छक्का नहीं मारा है।'
रोम। कोरोनावायरस के कहर को देखते हुए इटली में लॉकडाउनकी अवधि को अब 13 अप्रैल तक बढ़ा दिया गया है जिसके बाद फुटबॉल से लेकर अन्य केले से जुड़े खिलाड़ी एक साथ अभ्यास नहीं कर पाएंगे। प्रधानमंत्री ग्यूसेप कोंटे ने देश में ‘लॉकडाउन’ की अवधि 13 अप्रैल तक बढ़ा दी है। कोरोना वायरस महामारी के कारण इटली में मार्च के शुरू से ही तीन अप्रैल तक सभी खेल गतिविधियां रोक दी गयी थी। इटली में अभी तक इस बीमारी के कारण 13,115 लोगों की मौत हो चुकी है।
कोंटे ने बुधवार को टेलीविजन पर राष्ट्र के नाम संदेश में कहा कि ‘लॉकडाउन’ की अवधि बढ़ा दी गयी है और इसमें अभ्यास सत्र भी शामिल हैं।
कोंटे ने कहा, ‘‘सार्वजनिक और निजी स्थलों पर सभी तरह के आयोजन और खेल प्रतियोगिताओं को निलंबित किया जाता है। सभी तरह के खेलों में पेशेवर और गैर पेशेवर खिलाड़ियों के लिये अभ्यास सत्र भी निलंबित किये जाते हैं। ’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमें सकारात्मक परिणाम दिखने शुरू हो गये हैं। अगर हम बचाव के अपने उपायों को रोक देते हैं तो हमारे सारे प्रयास बेकार चले जाएंगे। ’’
Juan Mata has trolled his Manchester United team-mate Nemanja Matic by jokingly saying the Serbia midfielder is only claiming to be doing his training regime during the coronavirus lockdown.
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2 अप्रैल 2011 का यह दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सुनहरे अक्षरों में दर्ज है। आज ही के दिन भारतीय क्रिकेट टीम ने 28 सालों के सुखे को खत्म कर दूसरी बार विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। इससे पहले भारतीय टीम साल 1984 में कपिल देव की कप्तानी में विश्व चैंपियन बनी थी जिसके बाद एक बार फिर से टीम इंडिया ने महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में इस इतिहास दोहराया।
यह विश्व कप कई मायनों में भारत के खास थी। सबसे पहले तो यह कि आईसीसी का यह सबसे बड़ा टूर्नामेंट भारतीय सरजमीं पर खेला जा रहा था। ऐसे में भारत के पास विश्व चैंपियन बनने का मौका इससे बेहतर मौका नहीं हो सकता था।
वहीं दूसरी तरफ महान खिलाड़ी मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर अपने करियर के अंतिम चरण में थे। सचिन भारत के लिए 20 सालों से भी अधिक समय तक क्रिकेट खेल चुके थे लेकिन वे कभी विश्व विजेता टीम का हिस्सा नहीं बन सके थे।
फाइनल में श्रीलंका से थी भिड़ंत
विश्व कप 2011 की शुरुआत 19 फरवरी को मेजबान भारत और बांग्लादेश के बीच मुकाबले के साथ हुआ था। इस मैच में भारतीय टीम ने जो विजयी शुरुआत वह श्रीलंका के खिलाफ फाइनल मैच में खिताबी जीत पर आकर रुका।
विश्व कप फाइनल मुकाबला मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में खेला गया था। इस मैच में श्रीलंकाई टीम टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने मैदान पर उतरी। बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरी श्रीलंकाई टीम को भारतीय गेंदबाजों ने शुरुआती झटके दिए लेकिन अनुभवी बल्लेबाज महेला जयवर्धने एक छोड़ पर डट खड़े हो गए।
लगातार गिरते विकटों के बीच जयवर्धने ने 88 गेंदों में 103 रनों की शतकीय पारी खेली। अपनी इस पारी में जयवर्धने ने 13 चौके लगाए। जयवर्धने की इस शतकीय पारी की बदौलत ही श्रीलंका की टीम भारत के सामने निर्धारिक 50 ओवर में 274 रनों का स्कोर खड़ा पाई थी।
MS Dhoni and Kumar sangakara
सचिन-सहवाग हुए थे फ्लॉप
श्रीलंका के द्वारा दिए गिए 275 रनों के लक्ष्य का पीछा करने उतरी भारतीय टीम को सचिन (18) और वीरेंद्र सहवाग (0) के रूप दो शुरुआती झटके लगे। इन दोनों के विकेट गिरने के बाद दर्शकों में मायूसी छा गई लेकिन दूसरे छोर पर गौतम गंभीर अपना खूंटा गाड़े हुए थे।
इसके बाद गंभीर और विराट कोहली (35) ने तीसरे विकेट के लिए 83 रनों की महत्वपूर्ण साझेदारी कर भारतीय उम्मीदों को बढ़ा दिया। हालांकि गंभीर और कोहली के बीच यह साझेदारी अधिक लंबी नहीं रही और पारी के 22वें ओवर में कोहली भी आउट हो गए।
इसके बाद चौथे विकेट के लिए धोनी ने गंभीर के साथ मिलकर 109 रनों की पार्टनरशिप कर मैच को पूरी तरह से भारत की झोली में डाल दिया।
Sachin Tendulkar and Lasith Malinga
शतक से चूके गंभीर
शुरुआती झटके के बाद विश्व कप के फाइनल मैच में गौतम गंभीर ने जिस तरह से पारी संभाला उसे कभी नहीं भुलाया जा सकता है। ऐसा कहा जा सकता है कि गंभीर की सूझबुझ की बदौलत ही भारतीय टीम को विश्व कप का खिताब जीतने में आसानी हुई थी।
गंभीर इस मैच में 97 रन बनाकर आउट हुए थे और महज 3 रन से विश्व कप में शतक बनाने से चूक गए। अपनी इस पारी में उन्होंने 122 गेंदों का सामना किया था जिसमें 9 चौके शामिल थे।
हालांकि गंभीर अपने शतक से जरुर चूक गए लेकिन अपनी इस मैराथन पारी की बदौलत उन्होंने विश्व कप फाइनल में भारतीय टीम की जीत पक्की कर दी थी।
Gautam Gambhir
धोनी का विजयी छक्का
विश्व कप के फाइनल मैच में कमेंटेटर की वह आवाज जिसमें धोनी के छक्के का जिक्र है शायद ही किसी भारतीय फैंस ने ना सुना हुआ। इस मैच में गंभीर के बाद धोनी ने सबसे अधिक नाबाद 91 रनों की पारी खेली थी।
धोनी ने इस मैच में 79 गेंदों का सामना करते हुए 91 रन बनाए थे जिसमें 8 चौके और दो छक्के शामिल रहे। इसमें धोनी का दूसरा छक्का भारतीय टीम के लिए वियजी शॉट था और इसी के साथ भारत ने 10 गेंद शेष रहते ही 6 विकेट से यह मैच अपने नाम कर लिया।
आपको बता दें कि पूरे मैच में सिर्फ चार छक्के लगे थे जिसमें से भारत की तरफ से दो छक्के धोनी ने लगाए। वहीं श्रीलंकाई पारी में नुवान कुलासेकरा और थिसारा परेरा ने एक-एक छक्का लगाया था।
MS Dhoni
युवराज बने मैन ऑफ द सीरीज
विश्व कप 2011 का हीरो भारतीय टीम के युवराज सिंह रहे। कैंसर जैसे गंभीर बीमारी से जुझते हुए भी उन्होंने इस टूर्नामेंट में शानदार प्रदर्शन किया, जिसके कारण उन्हें मैन ऑफ द सीरीज चुना गया।
इस टूर्नामेंट में युवराज ने बैट और गेंद दोनों से दमदार प्रदर्शन किया था। युवराज से अपने ऑलराउंड प्रदर्शन में बल्लेबाजी के दौरान 362 रन बनाए जिसमें एक बेहतरीन शतक भी शामिल था।
लिमेटिड ओवर को DLS यानी डकवर्थ-लुईस-स्टर्न नियम देने वाली टीम के सदस्य टोनी लुईस का बुधवार को 78 साल की उम्र में निधन हो गया है। इस टीम ने 1997 में मौसम के कारण प्रभावित हुए मैच के लिए DLS मैथड को आईसीसी के सामने पेश किया और 1999 में इंग्लैंड में खेले गए वर्ल्ड कप से इसे अपनाया गया। सबसे पहले इस मैथड का इस्तेमाल 1996-97 में जिम्बाब्वे और इंग्लैंड के बीच खेले गए दूसरे एकदिवसीय मैच के दौरान हुआ था।
इंग्लैंड और वेल्स क्रिकेट बोर्ड ने बुधवार को बयान जारी कर कहा, 'ECB को टोनई लुईस MBE की मौत के बारे में जानकर बहुत दुख हुआ है। वह 78 साल के थे। टोनी ने अपने साथी गणितज्ञ फ्रैंक डकवर्थ के साथ मिलकर 1997 में डकवर्थ-लुईस का नियम दिया था जिसे आईसीसी ने 1999 में अपनाया था।'
स्टीवन स्टर्न, क्वींसलैंड के गणितज्ञ, ने आधुनिक दिन स्कोरिंग दरों को ध्यान में रखते हुए नियम में समायोजन किया और 2015 विश्व कप में डकवर्थ-लुईस-स्टर्न पद्धति को नियुक्त किया गया।
ईसीबी ने कहा, '2014 में इसका नाम बदलने के बाद भी गणित का यह फॉर्म्युला दुनियाभर में वर्षा आधारित मैचों में इस्तेमाल होता रहा है। दोनों, टोनी और फ्रैंक के योगदान के लिए क्रिकेट उनका ऋणी रहेगा। हम टोनी के परिवार के प्रति शोक व्यक्त करते हैं।'
इस नियम के लागू होने से पहले बारिश से प्रभावित मैचों में जो टीम ज्यादा औसत से रन बनाती थी उसे विजेता घोषित कर दिया जाता था। उस समय विकेट गिरने की बात पर ध्यान नहीं दिया जाता था।