बीसीसीआई के पूर्व सचिव निरंजन शाह ने कहा है कि शशांक मनोहर का आईसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना जाहिर सी बात थी और अब उन्हें पलट कर देखना चाहिए कि उन्होंने अपने कार्यकाल में क्या किया। शाह ने कहा, "शशांक मनोहर का आईसीसी के चेयरमैन पद से इस्तीफा देना जाहिर सी बात है। शशांक को इस बात को लेकर मिलेजुले भाव आ रहे होंगे कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए वे क्या कर सकते थे और उनके कार्यकाल में भारत में क्रिकेट के साथ क्या किया गया।
उन्होंने कहा, "अब वह आराम के दौर में होंगे और इस दौरान उन्हें बतौर आईसीसी चेयरमैन अपने कार्यकाल की समीक्षा करनी चाहिए। उन्हें देखना चाहिए कि उनके कार्यकाल के दौरान बीसीसीआई और भारतीय क्रिकेट का कितना नुकसान हुआ है।"
शाह ने आगे कहा, "बीते कुछ वर्षों में बीसीसीआई ने काफी कुछ झेला है। आईसीसी ने इस दौरान भारत में क्रिकेट और बीसीसीआई को हुए नुकसान का फायदा उठाया है। मुझे हालांकि पूरा भरोसा है कि बीसीसीआई की मौजूदा नेतृत्व ईकाई काफी मजबूत है।"
from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/31DnwtZ
आईसीसी के पहले टी20 वर्ल्ड कप में भारत पाकिस्तान को मात देकर विश्व विजेता बना था। फाइनल मैच के आखिरी क्षणों में भारतीय तेज गेंदबाज एस श्रीसंत ने फाइन लेग पर मिसबाह उल हक का कैच पकड़ा जिससे टीम इंडिया खिताब जीतने में सफल रही। यह कैच उन्होंने तब पकड़ा जब पाकिस्तान को 4 गेंदों पर मात्र 6 ही रन की जरूरत थी। श्रीसंत के इस कैच को धोनी ने भी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे दबाव वाला कैच बताया था, लेकिन अब श्रीसंत ने बताया है कि वह मिस्बाह ने पाकिस्तान के किसी अन्य खिलाड़ी का कैच लेते हुए सबसे ज्यादा दबाव में थे।
ये खिलाड़ी और कोई नहीं बल्कि शाहिद अफरीदी हैं। श्रीसंत ने बताया कि जब वह लॉन्ग ऑफ पर 12वें ओवर में फील्डिंग कर रहे थे तो इरफान पठान ने उन्हें पहले ही बता दिया था कि अफरीदी हवा में शॉट खेलने के लिए जाएगा और गेंद उन्हीं के पास आने वाली है।
श्रीसंत ने क्रिकट्रैकर से बातचीत के दौरान कहा ''मेरे लिए शाहिद अफरीदी का कैच ज्यादा मुश्किल था। इरफान पठान ने मुझसे कहा था कि अफरीदी जरूर सिक्स के लिए हिट करेंगे, बॉल लॉन्ग ऑफ के लिए आएगी और पहली ही गेंद में वह आउट हो जाएंगे। तू पकड़ लेना। उन्होंने पहले ही देख लिया था कि क्या होने वाला है।वह कई बार अफरीदी का विकेट ले चुके थे। किस्मत से गेंद हवा में ऊपर चली गई, और मैंने उसे पकड़ लिया।''
वही जब श्रीसंत मिसबाह का कैच पकड़ रहे थे तो भारतीय फैन्स समेत सभी खिलाड़ियों की नजरें उन पर टिकी हुई थी। श्रीसंत उस समय क्या महसूस कर रहे थे इसका खुलासा भी उन्होंने किया है। श्रीसंत ने आगे बताया ''मिसबाह के विकेट के समय, मैं दाएं या बाएं डाइव कर गेंद को रोकने के बारे में सोच रहा था, ताकि मिसबाह दो रन न ले सकें। मैं गेंद को कैच करने के बारे में नहीं सोच रहा था। यहां तक कि धोनी भाई ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि मिसबाह का कैच भारतीय क्रिकेट के इतिहास में सबसे दबाव वाला कैच था। लेकिन मेरे लिए उस मैच में अफरीदी का कैच मेरे करियर का सबसे दबाव वाला कैच था।''
from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/2YW4Y6R
गेर्राड मोरेनो के पहले हाफ में किये गये दो गोल की मदद से विल्लारीयाल स्पेनिश फुटबॉल लीग ला लिगा में रीयाल बेटिस को 2-0 से हराकर चैंपियन्स लीग में जगह बनाने के करीब पहुंच गया। विल्लारीयाल की वापसी के बाद यह छह मैचों में पांचवीं जीत है।
वह अब चौथे स्थान पर काबिज सेविला ने केवल तीन अंक पीछे है जबकि छठे स्थान की टीम गेटाफे से दो अंक आगे हो गया है। सत्र में यह पहला अवसर है जबकि विल्लारीयाल पांचवें स्थान पर पहुंचा है। कोरोना वायरस के कारण तीन महीने तक लीग के ठप्प रहने के बाद जब इसकी पिछले महीने वापसी हुई तो विल्लारीयाल ने केवल सेविला से एक मैच 2-2 से ड्रा खेला। उसने बाकी पांचों मैच जीते।
मोरेना ने सातवें मिनट में पेनल्टी को गोल में बदला और फिर 30वें मिनट में दूसरा गोल दागा। वह लीग में अब तक 15 गोल कर चुके हैं जो स्पेनिश खिलाड़ियों में सर्वाधिक हैं। रीयाल मैड्रिड के फ्रांसीसी स्ट्राइकर करीम बेंजेमा ने 17 और बार्सिलोना के अर्जेंटीनी स्टार लियोनेल मेस्सी ने 22 गोल किये हैं।
अन्य मैचों में एथलेटिक बिलबाओ ने वेलेंसिया को 2-0 से हराया। यह वेलेंसिया की लगातार तीसरी हार है। ग्रेनाडा ने अलावेस पर 2-0 की जीत से यूरोपा लीग में जगह बनाने की कवायद जारी रखी जबकि वेलाडोलिड दूसरे हाफ के इंजुरी टाइम में पेनल्टी चूक गया और उसे लेवांटे के खिलाफ गोलरहित ड्रॉ खेलना पड़ा।
from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/3eW1dUu
Sir Everton Weekes played 48 Test matches and made 4,455 runs at an average of 58.61 per innings, including a world-record of five consecutive centuries in 1948.
from Latest All News, All Info, Sports News Updates - NDTVSports.com https://ift.tt/2ZvaVq5
कोलकाता। फीफा ने भारत के फुटबॉल क्लब पंजाब एफसी जो मिनर्वा पंजाब एफसी के नाम से मशहूर है, पर तीन ट्रांसफर विंडो बैन लगाया है। यह बैन फीफा के डिस्पियूट रिजॉल्यूशन चैम्बर (डीआरसी) ने उत्तरी माकेडोनियान के खिलाड़ी रिसिटजन डेनकोव्स्की को उसका भुगतान न करने के कारण लगाया है।
यह विवाद बीते साल अगस्त में हुआ था जब रंजीत बजाज क्लब के फैसले लेने वाले लोगों में सक्रिय थे। फीफा ने मंगलवार को यह बैन लगाया है।
इस बैन के कारण क्लब किसी भी खिलाड़ी को आने वाले ग्रीष्मकाल की ट्रांसफर विंडों से अपने साथ शामिल नहीं कर सकता। यह बैन तभी हटाया जाएगा जब क्लब खिलाड़ी का भुगतान कर देगा।
आने वाले ग्रीष्मकाल की ट्रांसफर विंडों से अपने साथ शामिल नहीं कर सकता। यह बैन तभी हटाया जाएगा जब क्लब खिलाड़ी का भुगतान कर देगा।
पंजाब एफसी को आए एक मेल में फीफा के हैड ऑफ प्लेयर्स एरिका मोटेमोर फेरेरिया ने कहा है कि यह फैसला 13 फरवरी को डेनकोव्स्की के पक्ष में लिया गया था। क्लब को डीआरसी ने 45 दिन के अंदर 18,000 डालर का भुगतान करने को कहा था। इस मेल की एक प्रति आईएएनएस से पास है जिसमें अखिल भारतीय फुटबाल महासंघ (एआईएफएफ) और क्लब के पूर्व मालिक बजाज को भी मार्क किया गया है।
पंजाब एफसी 31 मार्च 2020 तक भुगतान नहीं कर पाई और नतीजन डीआरसी ने उस पर ट्रांसफर बैन लगा दिया और अब क्लब से खिलाड़ी का भुगतान जल्दी से जल्दी करने को कहा गया है।
करार के मुताबिक डेनकोव्स्की को हर महीने 2000 डालर मिलने थे और फाइनल सेटेलमेंट रकम 18,000 डालर बनी थी जिस पर 29 अगस्त 2019 से पांच प्रतिशत ब्याज लगना था। खिलाड़ी ने क्लब के साथ एक सितंबर 2019 से 31 मई 2020 तक का करार किया था। खिलाड़ी द्वारा 30 जुलाई थर्ड पार्टी ऑनरशिप (टीओपी) देने के बाद भी क्लब ने छह अगस्त को खिलाड़ी से करार रद्द कर दिया।
क्लब ने मेल में कहा है कि उसने खिलाड़ी से काफी पहले टीओपी देने को कहा था और उन्होंने दो दिन के भीतर इसे जमा करन को भी कहा था, लेकिन वे ऐसा नहीं कर पाए।
from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/2ZsddGx
टेस्ट क्रिकेट के दो महान स्पिनर शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन ने लगभग दो दशक तक वर्ल्ड क्रिकेट पर राज किया। श्रीलंका के मुरलीधरन के नाम टेस्ट क्रिकेट में सबसे अधिक 800 विकेट दर्ज है, वहीं शेन वॉर्न ने ऑस्ट्रेलिया के लिए टेस्ट क्रिकेट में 708 विकेट झटके। इन दोनों ही गेंदबाजों में से बेस्ट कौन है इसके बारे में बताना थोड़ा मुश्किल है, लेकिन श्रीलंका के पूर्व कप्तान महेला जयवर्धने ने इन दोनों में से अपना सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी चुना है।
महेला जयवर्धने ने दोनों के बारे में बात करते हुए कहा कि शेन वॉर्न के पास मुथैया मुरलीधरन जितनी विविधता नहीं थी।
ईएसपीएनक्रिकइंफो के वीडियोकास्ट के दौरान महेला जयवर्धने ने संजय मांजरेकर से कहा ''मुरलीधरन चैंपियन गेंदबाज थे। वह अपने खेल को अलग स्तर तक ले जाते थे। शेन वॉर्न के पास मुरली जितनी विविधता नहीं थी। मुरली जानते थे कि वह क्या कर रहे हैं, उन्हें बल्लेबाज को अपने जाल में फंसा लेने का विश्वास रहता था। यदि उन्हें किसी बल्लेबाज को आउट करने के लिए 10 ओवर तक इंतजार करना पड़े तो वह करते थे।''
इसी के साथ महेला ने वॉर्न को संतुलिस लेग स्पिनर भी बताया। जयवर्धने ने कहा ''शेन वॉर्न और मुथैया मुरलीधरन दो अलग शख्सियतें थीं। वॉर्न संतुलित लेग स्पिनर थे, लेकिन वह इस योनजा के साथ गेंदबाजी करते थे कि बल्लेबाज उन्हें हिट करने वाला है और मैं उसे आउट कर दूंगा। वह शायद यह जानते थे कि मेरे पास मुरली जितनी विविधता नहीं है।''
हाल ही में महेला जयवर्धने ने कहा था जिन भी महान गेंदबाजों का सामना किया वह उनका पूरा सम्मान करते हैं लेकिन उनका मानना है कि मौजूदा तेज गेंदबाजों और स्पिनरों को बेहतर बल्लेबाजी इकाइयों का सामना करना पड़ रहा है।
जयवर्धने का मानना है कि जब वह अपने करियर के शीर्ष पर थे तो अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में कई विश्व स्तरीय गेंदबाज थे और उनका मानना है कि अब ऐसा नहीं है। जयवर्धने ने संजय मांजरेकर के साथ ईएसपीएनक्रिकइंफो के वीडियोकास्ट के दौरान कहा, ‘‘हमें देखना होगा कि मौजूदा पीढ़ी के गेंदबाज क्या वे संख्या हासिल कर पाएंगे जो उनके पूर्ववर्ती गेंदबाजों ने हासिल की है। मौजूदा गेंदबाजों को संभवत: बेहतर बल्लेबाजी इकाई का सामना करना पड़ रहा है।’’
from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/3eTOXDE
सत्र की पहली रेस को आखिरी क्षणों में रद्द करने के चार महीने के बाद फार्मूला वन का 2020 का सत्र एक अन्य महाद्वीप और बदले हुए माहौल में इस सप्ताह के आखिर में शुरू हो जाएगा। ऑस्ट्रिया के स्पीलबर्ग में जब फार्मूला वन की इस वर्ष की पहली रेस होगी तो उसे देखने के लिये कोई दर्शक मौजूद नहीं होगा।
कोरोना वायरस महामारी के कारण अब भी तय नहीं है कि कितनी रेस हो पाएंगी। यही नहीं फार्मूला वन ड्राइवर रविवार को होने वाली रेस से पहले अश्वेतों के पक्ष में चलाये जा रहे ‘ब्लैक लाइव्स मैटर’ अभियान का एक घुटना टेककर समर्थन करने पर भी विचार कर रहे हैं।
फार्मूला वन की पहली रेस मेलबर्न में होनी थी लेकिन कोरोना वायरस महामारी के तेजी से फैलने के कारण इसे दो दिन पहले 13 मार्च को स्थगित कर दिया गया था।
इसके बाद ऑस्ट्रेलियाई ग्रां प्री के अलावा कई अन्य रेस भी रद्द कर दी गयी और अब ऑस्ट्रेलिया से लगभग 16,000 किमी दूर ऑस्ट्रिया में सत्र की शुरुआत होगी।
from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/2VG5yU9