कोरोना वायरस महामारी के कारण इंग्लैंड में मार्च से ही सभी तरह के खेल गतिविधियों पर पाबंदी लगी हुई। हालांकि दो महीने से भी अधिक समय तक चले लॉकडाउन के बाद इंग्लैंड की सरकार ने देश में खेल को बहाल करने के लिए एक बार फिर दिशा निर्देश जारी किया गया है। ऐसे में इंग्लैंड एवं वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) खाली स्टेडियम में क्रिकेट दोबारा शुरू करने की तैयारी को हरी झंडी मिल गई है।
सरकारी अधिकारियों ने यह पुष्टि की है कि क्रिकेट और अन्य खेल अगले हफ्ते से दोबारा शुरू हो पाएंगे। इससे पहले सरकार ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए स्वास्थ्य और सुरक्षा दिशानिर्देश जारी रहे।
ईसीबी अब इन दिशानिर्देशों का अध्ययन करेगा और खेल को दोबारा शुरू करने का खाका तैयार करेगा। ईसीबी ने रविवार को बयान में कहा, ‘‘गृह मंत्री की शनिवार की घोषणा से हम बेहद खुश हैं जो पेशवर, घरेलू क्रिकेट की खाली स्टेडियम में वापसी का समर्थन करता है और खिलाड़ियों को अपने क्लब की ओर से दोबारा खेलने का मंच देगा।’’
ईसीबी ने दो दिन पहले ही अपने घरेलू सत्र की शुरुआत को एक अगस्त तक टाल दिया था जिसके बाद सरकार ने एलीट खेलों की वापसी को स्वीकृति दी है। इंग्लैंड में आठ जुलाई से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट की वापसी की उम्मीद है क्योंकि क्रिकेट वेस्टइंडीज ने इंग्लैंड के दौरे को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।
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भारत और पाकिस्तान के बीच पिछले काफी समय से राजनेतिक मसलों की वजह से द्विपक्षीय सीरीज नहीं खेली जा रही है। ऐसे में ये दोनों टीमें आईसीसी के टूर्नामेंट में ही एक दूसरे के खिलाफ खेल पाती है। जब भी यह दोनों टीमें एक दूसरे के खिलाफ होती हैं तो खिलाड़ी अपने आप को पूरा झोंक देता है। पाकिस्तान में तो भारत-पाक मैचों से खिलाड़ी नायक और खलनायक भी बन जाते हैं।
पाकिस्तान के उभरते युवा तेज गेंदबाज नसीम शाह ने हाल ही में भारत के खिलाफ मैच खेलने की इच्छा जताई है और साथ ही उन्होंने कहा है कि वह विराट कोहली से नहीं डरते हैं।
पाक पैशन से भारत बनाम पाकिस्तान मुकाबले के बारे में बात करते हुए नसीम ने कहा, "हां बिलकुल, भारत बनाम पाकिस्तान हमेशा विशेष होता है और मुझे पहले ही बताया जा चुका है कि खिलाड़ी उन मैचों में नायक और खलनायक बन सकते हैं।"
उन्होंने आगे कहा "वे(भारत बनाम पाकिस्तान) विशेष मैच हैं, क्योंकि वे शायद ही कभी होते हैं और हां, जब भी मौका मिलता है मैं भारत के खिलाफ खेलना चाहता हूं। मुझे आशा है कि मैं मौका मिलने पर भारत के खिलाफ अच्छा प्रदर्शन कर सकता हूं और मैं हमारे प्रशंसकों को निराश नहीं करूंगा।"
विराट कोहली के बारे में बात करते हुए नसीम शाह ने कहा "मैं उनका सम्मान करता हूं, लेकिन उनसे डरता नहीं हूं। यह हमेशा सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी करने के लिए एक चुनौती है, लेकिन आपको अपना खेल बढ़ाना होगा। जब भी मौका मिलता है मैं विराट कोहली और भारत के खिलाफ खेलना चाहूंगा।"
बता दें, टेस्ट क्रिकेट में नसीम शाह हैट्रिक लेने वाले सबसे युवा गेंदबाज हैं। 16 साल की उम्र में उन्होंने पाकिस्तान के लिए डेब्यू किया था और बांग्लादेश के खिलाफ हैट्रिक ली थी। नसीम से पहले यह रिकॉर्ड बांग्लादेश के आलोक कपाली के नाम था जिन्होंने 2003 में यह उपलब्धि 19 साल की उम्र में हासिल की थी।
इससे पहले नसीम शाह दिसंबर में श्रीलंका के खिलाफ टेस्ट मैच में 5 विकेट हॉल लेने वाले दुनिया के सबसे युवा गेंदबाज बने थे। अपने तीसरे टेस्ट मैच की दूसरी पारी में उन्होंने 12.5 ओवर में 31 रन देकर पांच विकेट लिये थे।
नसीम शाह ने पाकिस्तान के लिए अभी तक कुल 4 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 26.85 की औसत से 13 विकेट लिए हैं।
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भारतीय क्रिकेट टीम में स्विंग करती गेंदबाजी से अपनी पहचान बनाने वाले इरफान पठान के करियर अंत जिस तरह से हुआ उन्होंने उसकी कभी कल्पना नहीं की थी। पठान आखिरी बार भारतीय टीम के लिए साल 2012 में श्रीलंका के खिलाफ मैदान पर नजर आए थे। इस मैच में पठान ने शानदार खेल का प्रदर्शन किया था और उन्हें मैन ऑफ मैच चुना गया था। पठान ने श्रीलंका के खिलाफ इस मुकाबले में पहले टीम के लिए 28 गेंद में 29 रन बनाए थे और फिर गेंदबाजी में उन्होंने कमाल दिखाते हुए 10 ओवर में 61 रन खर्च 5 विकेट लिए थे।
हालांकि इसके बावजूद भारतीय टीम मैनेजमेंट में उनकी अनदेखी की गई और उन्हें फिर कभी नेशनल टीम में खेलने का मौका नहीं मिला। इस दौरान उन्होंने टीम में वापसी के लिए लगातार घरेलू क्रिकेट में खेलते रहे और यहां उन्होंने अपनी छाप भी छोड़ी बावजूद उन्हें मौका नहीं मिला।
भारतीय टीम में हुई इस अनदेखी पर पठान एक युट्ब्यू चैनल से बात करते हुए जमकर अपने दिल का गुबार निकाला और उस दौर के टीम मैनेजमेंट, कप्तान और कोच पर निशाना साधा।
आपको बता दें जिस दौर में यह सब कुछ पठान के साथ हुआ उस दौरान टीम के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी थे। पठान ने इस बातचीत में बताया कि उन्हें टीम में नियमित रूप से मौका नहीं दिया गया। इसके अलावा मेरे लिए एक हवा बनाई गई कि मेरी गेंदबाजी में स्विंग और तेजी खत्म हो गई है। यही कारण है कि मुझे टीम मौका नहीं मिला।
इस बातचीत में पठान ने कहा, ''जब मैं भारत के लिए अपना आखिरी मैच खेला तो उसमें मुझे मैन ऑफ द मैच चुना गया। इसके बाद लगातार मेरी अनदेखी की गई। इस बारे में मैंने कोच गैरी किर्स्टन से भी बात करने की कोशिश की लेकिन उन्होंने बिना किसी का नाम लिए कहा कि कुछ चीजें कोच के हाथ में नहीं होती हैं।''
उन्होंने कहा, ''हालांकि मैं यहीं नहीं रुका और उस समय टीम के कप्तान धोनी से भी मैंने पूछा कि मुझे टीम के प्लेइंग इलेवन में मौक क्यों नहीं मिल रहा है। मुझे अपनी गेंदबाजी में और क्या सुधार करना चाहिए। इस पर धोनी ने भी उन्हें कोई सटीक जवाब नहीं दिया। इसके बाद से चयनकर्ताओं ने मुझे चुना ही नहीं।''
वहीं अपने गुबार को निकालते हुए पठान ने कहा कि मैंने पूरी कोशिश की जानने की मैं कहां गलत कर रहा हूं मुझे टीम मैनेजमेंट बताएं। मैं उसमें सुधार करुंगा लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
उन्होंने कहा, ''मैं बार-बार उनसे एक चीज नहीं पूछ सकता था। इससे आपकी इज्जत कम हो जाती है। मैं उन खिलाड़ियों में से नहीं था कि मैं रूम में किसी की खातिरदारी के लिए हुक्का सेट करूं या कुछ और। ऐसे में मैंने कुछ कहना ही छोड़ दिया और नतीजा ये हुआ कि मुझे टीम में फिर कभी मौका नहीं मिला।''
इस बातचीत में इरफान पठान ने बताया कि भारतीय टीम से बाहर होने के बाद उन्होंने साल 2016 में घरेलू सैयद मुश्ताक अली टी20 ट्रॉफी में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे और तीसरे या चौथे नंबर का रन स्कोरर भी थे, लेकिन उसके बावजूद सेलेक्टरों ने कहा कि मजा नहीं आ रहा।
वहीं पठान ने इस दौरान पूर्व ओपनर और सेलेक्टर रहे श्रीकांत पर भी उनके बयान के लिए निशाना साधा।
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कोरोनावायरस के कहर की वजह से इस समय सभी तरह की खेल गतिविधियां ठप पड़ी हुई हैं। ऐसे में सभी भारतीय खिलाड़ी घर पर रहने पर मजबूर हैं। कुछ खिलाड़ी सोशल मीडिया पर साथी खिलाड़ियों के साथ लाइव चैट कर फैन्स का मनोरंजन कर रहे हैं तो कुछ फैन्स के साथ सवाल-जवाब के सत्र में हिस्सा ले रहे हैं। लेकिन हमेशा से सोशल मीडिया से दूरी बनाए रखने वाले टीम इंडिया के पूर्व कप्तान और मौजूदा विकेट कीपर बल्लेबाज महेंद्र सिंह धोनी परिवार के साथ ऑनलाइन वीडियो गेम पबजी को अपना पूरा समय दे रहे हैं। इसका खुलासा हाल ही में उनकी पत्नी साक्षी धोनी ने किया है।
वर्ल्ड कप 2019 के बाद से महेंद्र सिंह धोनी ने भारत के लिए कोई भी मैच नहीं खेला है। इस वजह से बीसीसीआई ने उन्हें अपने सालाना कॉन्ट्रैक्ट से भी बाहर कर दिया है। कहा जा रहा था कि इस साल आईपीएल में परफॉर्म कर धोनी टीम इंडिया में वापसी कर सकते हैं, लेकिन इस महामारी की वजह से यह टूर्नामेंट अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया है।
कोरोनावायरस के इस कहर के बीच धोनी घर पर अपने परिवार के साथ पबजी खेलकर खूब समय बिता रहे हैं, यहां तक वह नींद में भी इसी की बातें करते हैं। इसका खुलासा खुद उनकी पत्नी साक्षी धोनी ने चेन्नई सुपर किंग्स के लाइव इंस्टाग्राम चैट के दौरान किया है।
साक्षी ने कहा “वीडियो गेम उनके लिए तनाव खत्म करने का एक हथियार है। धोनी का दिमाग हमेशा सोचता रहता है और वह आराम नहीं करता है। ऐसे में ठीक है कि वीडियो गेम उन्हें स्ट्रेस से दूर रखता है।”
उन्होंने आगे कहा ''इसीलिए बेडरूम में धोनी जब भी पबजी खेलते हैं तो उन्हें धोनी को देखकर गुस्सा नहीं आता। हालांकि, अब पबजी ने उनके बेडरूम में भी अपना कब्जा जमा लिया है। वह वीडियो गेम में इतने खो जाते हैं कि मुझसे बात कर रहे होते, फिर अचानकर हेडफोन लगाकर दूसरे लोगों से बात करने लगते हैं। वीडियो गेम का यह हाल है कि इन दिनों धोनी नींद में पबजी को लेकर बात करते हैं।''
न्यूजीलैंड के पूर्व कप्तान और बांग्लादेश के स्पिन गेंदबाजी कोच डेनियल विटोरी ने बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) को अपने वेतन का एक हिस्सा बोर्ड के कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को देने के लिये कहा है। बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) के सीईओ निजामुद्दीन चौधरी ने कहा कि विटोरी ने अपने फैसले से आधिकारिक तौर पर सूचित किया है।
चौधरी ने ढाका से प्रकाशित होने वाले समाचार पत्र ‘प्रोथम अलो’ से कहा, ‘‘विटोरी ने कहा कि हमें उनके वेतन का एक निश्चित हिस्सा बीसीबी के कम वेतन पाने वाले कर्मचारियों को देना चाहिए। उन्होंने इस बारे में क्रिकेट संचालन समिति को आधिकारिक तौर पर सूचित किया है। ’’
इस 41 वर्षीय पूर्व स्पिनर ने अपने वेतन के कितने हिस्से को दान करने का फैसला किया है इसका खुलासा रिपोर्ट में नहीं किया गया है।
ईएसपीएन क्रिकइन्फो की रिपोर्ट के अनुसार वह बांग्लादेश कोचिंग स्टाफ में सर्वाधिक वेतन पाने वाले सदस्य हैं। उन्हें 100 दिन के अनुबंध के लिये 250,000 डॉलर का भुगतान किया जाता है। उनका अनुबंध इस साल होने वाले टी20 विश्व कप तक है।
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चेन्नई। भारतीय स्क्वाश रैकेट महासंघ (एसआरएफआई) ने कहा है कि वे विश्व स्क्वाश महासंघ (डब्ल्यूएसएफ) के दिशानिर्देशों के अनुसार ही नहीं चल सकते और उन्हें कोरोना वायरस के बाद खेल की शुरुआत के लिये राज्य और केंद्र सरकार के निर्देशों का इंतजार करना होगा। एसआरएफआई के सचिव साइरस पोंचा और राष्ट्रीय विकास अधिकारी हरीश प्रसाद ने शनिवार को वेबीनार के दौरान राष्ट्रीय सर्किट में कुछ बदलावों के बारे में भी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि लॉकडाउन समाप्त होने के बाद सभी बदलाव धीरे-धीरे लागू किये जाएंगे। डब्ल्यूएसएफ ने कोरोना वायरस के चलते लगाये गये लॉकडाउन के बाद खेल की वापसी के लिये कुछ दिशानिर्देश जारी किये हैं।
पोंचा ने कहा कि वे इन दिशानिर्देशों का पालन करेंगे लेकिन उन्हें पहले सरकारी नियमों के अनुसार चलना होगा।
पोंचा ने कहा,‘‘ये दिशानिर्देश सभी देशों में समान रूप से लागू नहीं हो सकते हैं। हम आगे की योजना तैयार करने के लिये राज्य और केंद्र सरकार के नये दिशानिर्देशों का इंतजार कर रहे हैं।’’
राष्ट्रीय सर्किट में बदलाव के बारे में उन्होंने कहा कि एसआरएफआई विभिन्न आयु वर्ग की लड़कियों को अंडर-19 स्तर में खेलने की अनुमति देगा। इस तरह से अब अंडर-11, 13, 15 और 17 में खेलने वाली लड़कियां अपने आयु वर्गों के अलावा अंडर-19 में भी खेल पाएंगी। पोंचा ने कहा, ‘‘यह अभी लड़कों पर लागू नहीं होगा। ’’
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