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Friday 15 May 2020

कोविड-19 से प्रभावित लोगों की मदद के लिए अफरीदी ने 20 हजार USD में खरीदा मुसफिकुर रहीम का बल्ला

Shahid Afridi Image Source : TWITTER/THEPSLT20

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व ऑलराउंडर शाहिद अफरीदी कोरोना वायरस महामारी के दौरान लोगों की बढ़-चढ़ कर मदद कर रहे हैं। पाकिस्तान के अलावा अफरीदी ने दूसरे देशों के लोगों के लिए भी मदद का हाथ बढ़ाया है। उन्होंने हाल ही में बांग्लादेश क्रिकेट टीम के विकेटकीपर बल्लेबाज मुसफिकुर रहीम का एक बैट को 20,000 अमेरिकी डॉलर में खरीदकर बांग्लादेश में वायरस से प्रभावित लोगों की मदद में अपना योगदान दिया।

रहीम ने श्रीलंका के खिलाफ साल 2013 में जिस बैट से दोहरा शतक जड़ा था उसे उन्होंने कोविड-19 से प्रभावित लोगों की मदद से लिए नीलाम करने का फैसला किया जिसे अफरीदी ने बोली लगाकर खरीदा।

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ईएसपीएन से बात करते हुए रहीम ने कहा, ''शाहिद अफरीदी ने मेरे बैट को खरीदा। मुझे गर्व महसूस हो रहा है कि वे इस मुश्किल दौर में लोगों की मदद के लिए डट कर खड़े हुए हैं।''

वहीं पिछले सप्ताह रहीम के बैट के लिए कुछ लोगों फ्रॉड ऑक्शन की शुरुआत की थी, जिसके बाद उन्होंने नीलामी को रद्द कर दिया था और फिर बाद में अफरीदी ने खुद उनसे संपर्क कर अपने फाउंडेशन की तरफ बैट खरीदने की इच्छा जाहिर की।

रहीम ने कहा, ''हमने देखा की ऑक्शन में कुछ लोग धांधली करने की कोशिश कर रहे हैं। इसलिए मैंने इसे रद्द करने का फैसला लिया। इसके बाद शाहिद भाई यह खबर सुनकर उन्होंने खुद मुझे संपर्क किया और 20 हजार अमेरिकी डॉलर में बैट खरीदने की इच्छा जाहिर की।''  

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इसके अलावा मुसफिकुर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर पर भी शाहिद अफरीदी एक वीडियो मैसेज को भी शेयर किया। 

अफरीदी ने अपनी इस वीडियो में कहा, ''आप बहुत ही शानदार काम कर रहे हैं। ऐसा सिर्फ रियल लाइफ हीरो ही कर सकते हैं। हमलोग एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। इस समय हमें एक दूसरे के प्यार और समर्थन की जरुरत है।''

अफरीदी ने कहा, ''मैं पूरे पाकिस्तान की तरफ से आपका बैट खरीदना चाहता हूं। मैं दुआ करता हूं कि सबकुछ जल्दी ही ठीक होगा और हम जल्द एक दूसरे मिलेंगे।''

आपको बता दें कि दुनियाभर के कई बड़े क्रिकेटर इस महामारी से प्रभावित लोगों की मदद के लिए आगे आ चुके हैं। भारतीय क्रिकेटर विराट कोहली और साउथ अफ्रीकी दिग्गज एबी डिविलियर्स ने अपने कुछ सामानों को नीलामी के लिए रखा था।

इसके अलावा विश्व कप विजेता टीम के सदस्य रहे जोस बटलर ने भी फाइनल मुकाबले में इस्तेमाल की गई अपनी जर्सी को नीलाम किया था जिस पर 65000 पाउंड की बोली लगी थी।



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श्रीलंका दौरे पर जाने के लिए तैयार है भारतीय क्रिकेट टीम, बीसीसीआई को है सरकार से मंजूरी का इंतजार !

Indian cricket team Image Source : TWITTER

कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरी दुनिया में क्रिकेट आयोजन बंद पड़े हुए हैं। ऐसे में अब सभी देश धीरे-धीरे अपने यहां खेल को बहाल करने की कोशिश करने में लग गए हैं। इस कोशिश में श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड ने भारतीय क्रिकेट बोर्ड से यह अपील की है कि वह जुलाई में पूर्व निर्धारित दौरे को रद्द ना करें। श्रीलंका ने भारत को अपने यहां तीन वनडे और तीन टी-20 मैच खेलने का प्रस्ताव दिया है।

श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के इस आग्रह पर अब बीसीसीआई ने अपनी पहली प्रतिक्रिया दी है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड के ट्रेजर अरुण धुमल ने साफ किया है कि हम टीम को श्रीलंका भेजने के लिए तैयार हैं लेकिन सरकार की मंजूरी के बिना हम कुछ नहीं कर पाएंगे।

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उन्होंने अपने एक बयान में कहा, ''यह पूरी तरह से सरकार के ऊपर निर्भर करता है कि आगे आने वाले दिनों में वह लॉतडाउन को किस तरह से बढ़ाते हैं। अगर जुलाई तक लॉकडाउन में कुछ छूट मिली और यात्रा को फिर से बहाल किया गया तो हम दौरे के लिए तैयार हैं लेकिन हम सुरक्षा के साथ किसी तरह का समझौता नहीं करेंगे।

ऐसे में यह उम्मदी की जा सकती है कि एक बार फिर से विराट कोहली के नेतृत्व में भारतीय टीम मैदान पर उतर सकती है। भारतीय टीम के लिए खिलाड़ी लॉकडाउन के बाद से ही अपने घर पर हैं। टीम इंडिया के अधिकतर खिलाड़ी शहरों में रहते हैं और उनके पास ट्रेनिंग के लिए पर्याप्त साधन नहीं है कि वह फिटनेस के लिए ड्रील और दौड़ लगा सके। ऐसे में सरकार जब तक नागरिकों को बाहर निकलने के आदेश नहीं देती है और इंटरनेशनल यात्रा को बहाल नहीं कर देती तब तक भारतीय टीम श्रीलंका दौरे को लेकर कोई फैसला नहीं ले पाएगी।

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आपको बता दें कि श्रीलंका क्रिकेट बोर्ड के पास मौजूदा समय में कोई भी मीडिया राइट्स होल्डर नहीं है। ऐसे में बोर्ड भारतीय दौरे की मदद से ब्रॉडकास्टर को अपनी ओर आर्कषित कर सकता है और यह उनके कमाई का एक साधन भी बनेगा।



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दानिश कनेरिया ने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से की रहम की अपील, अपने किए पर है उन्हें पछतावा

Danish Kaneria Image Source : GETTY

पाकिस्तान क्रिकेट टीम के पूर्व लेग स्पिनर दानिश कनेरिया पर स्पॉट फिक्सिंग मामले में आजीवन बैन लगा हुआ है। कनेरिया ने साल 2009 में काउंटी क्रिकेट मैच के दौरान स्पॉट फिक्सिंग की घटना को अंजाम दिया था। इसके बाद उन्होंने 9 साल बाद 2018 में इस बात को कबूल किया। हालांकि कनेरिया को अपने किए पर पछतावा है और उन्होंने पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड से यह अपील की है उनके उपर बैन को हटा लिया जाए ताकि वह एक बार फिर से नई शुरुआत कर सके। 

इसके साथ ही उन्होंने ने अपनी पूर्व काउंटी टीम एसेक्स के साथ खिलाड़ी मर्विन वेस्टफील्ड से भी माफी मांगी जिन्हें कनेरिया के कबूनामें के बाद स्पॉट फिक्सिंग मामले में जेल की हवा खानी पड़ी। 

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एक भारतीय यूट्यूब चैनल से बात करते हुए कनेरिया ने कहा, ''मैं अपने किए पर शर्मिंदा हूं। मुझे पछतावा है कि मैंने उस समय टीम अधिकारियों को इस बारे में क्यों नहीं बताया अगर मैंने उसी समय से यह कदम उठाए होते तो मुझे आज यह दिन नहीं देखना पड़ता।''

2009 में हुए स्पॉट फीक्सिंग की घटना के बाद कनेरिया ने जब 9 साल बाद इसे कबूल तो एसेक्स के पूर्व खिलाड़ी वेस्टफील्ड को चार महीने जेल की सजा हुई जिन्होंने कनेरिया से एक ओवर में 12 रन देने के लिए दवाब बनाया था। वहीं इस घटना के बाद वेस्टफील्ड को भी इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने 5 साल के लिए बैनकर दिया।

उन्होंने कहा, ''मैंने गलती की है और उसकी सजा भी मुझे मिली। मैंने उसकी बहुत बड़ी कीमत चुकाई है। मेरा करियर तबाह हो गया लेकिन मैं इंसानियत के खातिर गुहार लगाता हूं कि मेरे ऊपर से कुछ प्रतिबंधों को हटा लिया जाए ताकि मैं कोचिंग कर अपना घर परिवार चला सकूं। मुझे अपने किए पर पछतावा है लेकिन मैं लोगों के लिए अब कुछ ऐसा करना चाहता हूं जिसे वे हमेशा अच्छे के लिए याद रखेंगे।''

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आपको बता दें कि दानिश कनेरिया वसीम अकरम, वकार यूनुस और इमरान खान के बाद टेस्ट क्रिकेट में पाकिस्तान के लिए चौथे सबसे अधिक विकेट लेने वाले गेंदबाज हैं।

इस बातचीत के दौरान कनेरिया ने यह भी कहा कि वह काफी तंगहाल हो चुके हैं। घर परिवार चलाने के लिए भी उनके पास किसी तरह का कोई साधन नहीं है।

उन्होंने कहा, ''मेरे पास कोई काम नहीं है। पहले मैं न्यूज चैनल में डिबेट के लिए जाता था लेकिन उन्होंने मेरा पिछला बकाया नहीं दिया है। मैं उनसे लड़ाई तो कर नहीं सकता है सिर्फ आग्रह ही कर सकता हूं कि मेरा बकाया दें। अब वह मेरे खिलाफ हो गए हैं। मैं वहां भी नहीं जा पाता हूं। ऐसे में मैंने अपना खुद का एक युट्यूब चैनल खोला है, इसमें मेरी कोई टीम नहीं है, मेरी पत्नी मेरा सहयोग करती है। वहीं घर में बड़ा भाई है जो पूरे परिवार और बच्चों का खर्चा उठा रहा है।''

 



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1985 'मिनी विश्व कप' फाइनल की यादों को ताजा करेंगे सुनील गावस्कर और रमीज राजा

Sunil Gavaskar Image Source : GETTY IMAGES

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान सुनील गावस्कर सोनी पिक्चर्स स्पोर्ट्स नेटवर्क (एसपीएसएन) के कार्यक्रम 'सोनी टेन पिट स्टॉप' में शनिवार को एक बार फिर से 1985 बीएंडएच वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भारत की यादगार जीत को जीवंत करेंगे। इस कार्यक्रम में पाकिस्तान के पूर्व कप्तान और अब कमेंटेटर रमीज राजा भी शामिल होंगे। 

भारत ने 1985 बीएंडएच वर्ल्ड चैम्पियनशिप में पाकिस्तान को हराया था। एसपीएसएन ने हाल में दर्शकों के लिए द ब्लू रिवोल्यूशन सीरीज लॉन्च करने की घोषणा की थी। इस सीरीज में क्रिकेट की 1985 बीएंडएच वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भारत की यादगार जीत को दोबारा जीवंत किया जाता है जो कि रंगीन कपड़ों में भारत द्वारा जीता गया पहला प्रमुख टूर्नामेंट था।

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कार्यक्रम के दौरान गावस्कर और राजा उस मैच के फाइनल की यादों को ताजा करेंगे और अपने अनुभव साझा करेंगे।

सोनी टेन पिट स्टॉप में रवि शास्त्री, इयान चैपल, माइकल होल्डिंग और मदन लाल जैसे दिग्गज पहले ही अपने अनुभव साझा कर चुके हैं।

1985 की क्रिकेट की वल्र्ड चैम्पियनशिप सात टीमों भारत, ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड, पाकिस्तान, न्यूजीलैंड, श्रीलंका और वेस्टइंडीज के बीच खेली गई थी और इसे 'मिनी वर्ल्ड कप' कहा गया था।

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1985 में ऑस्ट्रेलिया दौरे से पहले भारतीय टीम तीन सीरीज गंवा चुकी थी और वेस्टइंडीज से 1983 का वर्ल्ड कप फाइनल जीतने के बावजूद उस टूर्नामेंट को जीतने की संभावना कम ही थी।

महान क्रिकेटर सुनील गावस्कर के नेतृत्व में भारतीय टीम ने पहली बार नीली जर्सी पहनी और सीरीज में सभी टीमों को हराया। भारत ने इसके बाद फाइनल में अपने पुराने प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को मात देकर चैंपियनशिप जीती थी।



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साइ ने ट्रेनिंग के लिए तैयार की अपनी योजना, गृह मंत्रालय से लेनी होगी मंजूरी

orts Authority of India Image Source : SPORTS AUTHORITY OF INDIA

अगर इस महीने के अंत में खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू होती है तो भारतीय खेल प्राधिकरण (साइ) ने कोविड-19 महामारी से बचने के लिये कुछ एहतियाती कदम उठाने का प्रस्ताव दिया है जिसमें कम वेंटीलेशन वाले चेंजिंग रूम हटाये जाने, ट्रेनिंग उपकरणों को इस्तेमाल के बाद हर बार संक्रमण रहित करना, शिफ्ट में जिम के इस्तेमाल के अलावा ‘स्पारिंग’ पर प्रतिबंध शामिल है। 

साइ ने मानक परिचालन प्रक्रिया (एसओपी) का विस्तृत मसौदा तैयार किया है जिनका इस महीने के अंत में अपने ट्रेनिंग केंद्रों को फिर से खोलने से पहले पालन किया जायेगा जैसा कि खेल मंत्री किरेन रीजीजू ने सुझाव दिया था लेकिन यह स्वास्थ्य एवं गृह मंत्रालय की मंजूरी के बाद ही होगा। 

सचिव रोहित भारद्वाज की अध्यक्षता वाली छह सदस्यीय समिति ने 33 पन्ने का दस्तावेज बनाया है, जिसे अभी खेल एवं स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा स्वीकृति दिया जाना बाकी है। इस दस्तावेज में प्रस्तावों के अनुसार इस खतरनाक वायरस से बचने के लिये आरोग्य सेतु एप सभी खिलाड़ियों और स्टाफ के लिये डाउनलोड करना अनिवार्य होगा, ट्रेनिंग स्थलों पर कड़ाई से सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना होगा, ड्यूटी पर मौजूद चिकित्सा कर्मियों को पीपीई किट का इस्तेमाल करना हेागा, स्वच्छता संबंधित उपायों को बढ़ाना होगा और खिलाड़ियों के स्वास्थ्य पर कड़ी निगरानी रखना शामिल है। 

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साइ के एक सूत्र ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘समिति ने एक व्यापक एसओपी की रूपरेखा तैयार की है लेकिन इसमें बदलाव किया जा सकता है। यह पहला मसौदा है जिसे अभी खेल मंत्रालय और स्वास्थ्य मंत्रालय से मंजूरी मिलनी बाकी है। हम यह उम्मीद नहीं कर सकते कि एसओपी को ऐसे ही पारित कर दिया जाये। ’’ 

साइ ने इस दस्तावेज को राष्ट्रीय खेल महासंघों (एनएसएफ) के पास भेज दिया कि वे सिफारिशों में अपना पक्ष दे सकें। सूत्र ने कहा, ‘‘अंत में ट्रेनिंग फिर से शुरू होना गृह मंत्रालय (एमएचए) के दिशानिर्देशों पर निर्भर करेगा। अगर एमएचए तीसरे लॉकडाउन के बाद अपने आगामी दिशानिर्देशों में खेल गतिविधियों पर रोक बरकरार रखता है जैसा कि पिछले दिशानिर्देशों में था तो खेल मंत्रालय ट्रेनिंग शुरू नहीं कर सकता। ’’ 

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देश में लॉकडाउन का चौथा चरण 18 मई से शुरू हो लेकिन इसमें काफी राहत दिये जाने की उम्मीद है। सूत्र ने कहा, ‘‘साइ ने सक्रियता बरतते हुए एसओपी बना ली कि अगर एमएचए ट्रेनिंग के लिये मंजूरी देता है तो यह शुरू की जा सके। ’’ 

एसओपी की एक प्रति पीटीआई-भाषा के पास भी है जिसमें पता चलता है कि ट्रेनिंग छोटे ग्रुप में होगी जिसके बारे में भारतीय हाकी खिलाड़ियों ने गुरूवार को खेल मंत्री के साथ हुई ऑनलाइन बैठक में बताया था। इसमें ट्रेनिंग सुविधाओं के लिये लौटने वाले सभी खिलाड़ियों का कोविड-19 परीक्षण कराना शामिल है। 



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पूर्व कप्तान सरदार सिंह की सलाह, ओलंपिक जाने वाले हॉकी खिलाड़ियों को शुरू कर देना चाहिए अभ्यास

Advice to former captain Sardar Singh, Olympic-going hockey players should start practice Image Source : GETTY IMAGES

नई दिल्ली। भारतीय हॉकी टीम के पूर्व कप्तान और स्टार प्लेमेकर रहे सरदार सिंह का मानना है कि ओलंपिक जाने वाले खिलाड़ियों को छोटे समूहों में मैदान पर अभ्यास शुरू कर देना चाहिये क्योंकि करीब दो महीने से मैदान से दूर रहे शरीर को लय पकड़ने में समय लगेगा। भारतीय हॉकी के सबसे फिट खिलाड़ियों में से एक रहे सरदार ने अपने गांव संतनगर से भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा,‘‘ओलंपिक जाने वाले खिलाड़ियों को अभ्यास शुरू करना चाहिये लेकिन अभ्यास केंद्र पर स्वास्थ्य सुविधा का खास ख्याल रखा जाये। खिलाड़ियों को कोचों को पूरी ईमानदारी से हर बात बतानी होगी मसलन किसी को कोई शारीरिक परेशानी है तो मैदान पर नहीं आये।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘कोरोना वायरस महामारी के बाद खेल बिल्कुल बदल जाने वाले हैं और ऐसे में सामाजिक दूरी का पालन करते हुए अभ्यास शुरू करना होगा।’’ कोरोना महामारी के बाद लागू देशव्यापी लॉकडाउन के कारण भारतीय पुरूष और महिला हॉकी टीमें 24 मार्च से ही भारतीय खेल प्राधिकरण के बेंगलुरू केंद्र में हैं। खिलाड़ियों ने गुरूवार को खेलमंत्री किरेन रीजीजू से ऑनलाइन बैठक में अभ्यास बहाल कराने का अनुरोध किया। रीजीजू ने उन्हें आश्वासन दिया कि मानक संचालन प्रक्रिया तैयार होने के बाद अभ्यास बहाल होगा। 

एशियाई ओलंपिक परिषद की स्थायी समिति के सदस्य सरदार ने कहा,‘‘खिलाड़ी वर्कआउट वगैरह तो कर रहे हैं लेकिन मैदान पर ट्रेनिंग के लिये बेकरार होंगे। बड़े टूर्नामेंट चार साल बाद आते हैं और सभी को अच्छा प्रदर्शन करना है, तभी टीम जीतेगी। भारतीय टीम लगातार अच्छा खेल रही है और इस लय को कायम रखना होगा।’’ 

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उन्होंने कहा कि खिलाड़ी व्यक्तिगत स्तर पर तीन चार के समूह में अभ्यास शुरू कर सकते हैं क्योंकि समय निकलता जा रहा है और लय दोबारा हासिल करने में समय लगेगा। लॉकडाउन से पहले कनाडा में लीग खेलकर लौटे सरदार ने कहा,‘‘मैंने इतने दिन से हॉकी नहीं खेली तो शरीर में दर्द होने लगा है। ऐसे में अभ्यास से दूर रहने पर लय तुरंत नहीं मिलेगी। यह अभूतपूर्व समय है कि मैदान पर दौड़ लगाये हुए भी 45 दिन हो गए।’’ 

भारत के लिये 2006 से 2018 के बीच 314 मैच खेल चुके और पद्मश्री से नवाजे जा चुके इस मिडफील्डर ने कहा कि टोक्यो ओलंपिक के स्थगित होने से भारत को तैयारी के लिये अतिरिक्त समय मिल गया जिसका पूरा फायदा उठाना चाहिये। उन्होंने कहा,‘‘खिलाड़ियों ने ओलंपिक के समय सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये अभ्यास का खाका बनाया होगा लेकिन अब जीरो से शुरू करना होगा। सभी टीमों के लिये हालात समान है लेकिन अब तैयारी के लिये अतिरिक्त समय है तो अपने अपने खेल पर मेहनत करके सुधार कर सकते हैं।’’ 

रियो ओलंपिक 2016 में भारत के कप्तान रहे सरदार ने कहा,‘‘शिविर में हम सुबह शाम ट्रेनिंग, मीटिंग में व्यस्त रहते हैं लेकिन अभी सोचने का काफी समय है। चार पांच खिलाड़ियों पर निर्भार नहीं रहकर सभी मैच विनर बने। अपने खेल पर फोकस करके कमियों को दुरूस्त करें, मैं तो यही सलाह दूंगा।’’ 

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लंबे समय बाद हरियाणा के सिरसा में अपने गांव में समय बिता रहे सरदार ने अपने भाई और पूर्व खिलाड़ी दीदार सिंह के साथ नामधारी अकादमी के मैदान पर अभ्यास शुरू किया जहां 2014 में एस्ट्रो टर्फ लगी थी। उन्होंने कहा,‘‘जिस स्कूल में हम पढ़े थे, अब फिर वहीं मैं और दीदार पाजी अभ्यास कर रहे हैं। नामधारी अकादमी में अंडर 14 और अंडर 17 करीब 100 बच्चे हैं लेकिन अभी उनकी ट्रेनिंग बंद हैं। वे स्थानीय कोचों से वाट्सअप पर सलाह और प्लान ले रहे हैं। मैने भी तकनीक को लेकर अपने वीडियो भेजे हैं।’’



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अमेरिका में कोरोना का केंद्र रहा न्यूयॉर्क में ही यूएस ओपन को आयोजिन करने पर कायम यूएसटीए

The USTA continues to hold the US Open in New York as Corona is the center of America Image Source : GETTY IMAGES

लॉस एंजिलिस। कोरोनावायरस ने सभी खेल गतिविधियां पर विराम लगा दिया है। इस महामारी से टेनिस भी अछूता नहीं रहा। कई टेनिस दिग्गजों ने तो यह तक कह दिया है कि 2020 में अब कोई टेनिस टूर्नामेट नहीं होगा, लेकिन अमेरिकी टेनिस संघ अभी भी यूएस ओपन को इसी साल करवाने का हर संभव प्रयास कर रहा है।

अमेरिका में न्यूयॉर्क कोरोनावायरस महामारी का केंद्र रहा है जिस वजह से कहा जा रहा था कि अगर ये टूर्नामेंट अगर होता भी है तो इसे किसी दूसरी जगह आयोजित करवाना चाहिए, लेकिन अमेरिकी टेनिस संघ (यूएसटीए) इसका आयोजन न्यूयार्क में करवाने पर कायम है हालांकि इसके साथ ही वह टूर्नामेंट के लिये वैकल्पिक योजनाएं भी तैयार कर रहा है। 

कई रिपोर्टों में कहा गया कि यूएसटीए के अधिकारी 31 अगस्त से 13 सितंबर के बीच होने वाले इस टूर्नामेंट को इंडियन वेल्स या ओरलैंडो में आयोजित कर सकते हैं। लेकिन यूएसटीए के प्रवक्ता क्रिस विडमेयर ने एएफपी को भेजे गये ईमेल में कहा कि उनकी संस्था अब भी टूर्नामेंट का आयोजन उसके नियमित स्थल और तिथियों पर करने के लिये प्रतिबद्ध है। 

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विडमेयर ने कहा, ‘‘यूएसटीए का लक्ष्य 2020 यूएस ओपन का आयोजन न्यूयार्क में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार करना है। हम समझते हैं कि यूएस ओपन को लेकर यूएसटीए की योजनाओं के बारे में काफी कयास लगाये जा रहे हैं।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि हम भले ही यूएस ओपन को लेकर सभी विकल्पों पर गौर कर रहे हैं लेकिन अभी टूर्नामेंट का स्थल और तिथियों में बदलाव इनमें शामिल नहीं है।’’ 

विडमेयर ने कहा कि कोविड-19 के कारण तेजी से बदलती परिस्थितियों और अनिश्चितता के कारण यूएसटीए जिन अन्य विकल्पों पर विचार कर रहा है उसमें दर्शकों के बिना टूर्नामेंट का आयोजन भी शामिल है। उन्होंने कहा कि यूएस ओपन को लेकर अंतिम फैसला जून के दूसरे पखवाड़े में किया जाएगा।

(With PTI Inputs)



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क्रिकेट की बहाली के लिए इंग्लैंड ने तैयार किया 'ब्लू प्रिंट', अगले सप्ताह से ट्रेनिंग पर लौटेंगे खिलाड़ी

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कोरोना वायरस महामारी के कारण पूरी दुनिया में क्रिकेट आयोजन बंद पड़ा हुआ है और इस महामारी के बीच में कई देश क्रिकेट को फिर से बहाल करने की योजना पर काम करना शुरू कर दिया है। हाल ही में इंग्लैंड क्रिकेट बोर्ड ने यह एलान किया कि वह जुलाई के मध्य में वेस्टइंडीज के साथ टेस्ट सीरीज के साथ गर्मियों के सीजन का आगाज करेंगे।

इसके लिए इंग्लैंड की टीम अगले सप्ताह से अपनी ट्रेनिंग शुरू करने वाली है। इस ट्रेनिंग में सभी खिलाड़ी व्यक्तिगत रूप से अभ्यास करेंगे इसके साथ ही वह गेंद पर लार का इस्तेमाल नहीं करने का आदेश दिया गया है।

कोरोना वायरस महामारी के कारण इंग्लैंड अपने देश में जुलाई तक के लिए क्रिकेट आयोजन को स्थगित कर रखा है लेकिन गुरुवार को बोर्ड ने एक घोषणा किया कि उन्होंने 30 खिलाड़ियों का एक पूल तैयार किया है जो कि व्यक्तिगत अभ्यास के लिए मैदान पर उतरेंगे ताकि देश में इंटरनेशनल क्रिकेट को फिर से बहाल किया जा सके।

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इसके साथ ही बोर्ड ने यह साफ कह दिया है कि व्यक्तिगत अभ्यास के दौरान सभी खिलाड़ी सुरक्षा के सभी मानकों का ध्यान रखेंगे। खिलाड़ी अपने या फिर बोर्ड के द्वारा दिए कार से ही यात्रा करेंगे जबकि पानी पीने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बोतल भी किसी के साथ शेयर नहीं करेंगे और उन्हें खुद ही पानी लाना भी होगा।

इसके अलावा ट्रेनिंग के दौरान सभी खिलाड़ी अपने लिए व्यक्तिगत तौर पर एक ही गेंद का इस्तेमाल करेंगे।

वहीं  ईसीबी के क्रिकेट निदेशक एशजे जाइल्स ने यह जानकारी दी हैं कि सरकार द्वारा जारी स्वास्थ्य दिशा निर्देशों के अनुसार ब्रिटेन में सभी खेलों में खिलाड़ियों को नाम वापिस लेने का विकल्प रहेगा। 

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जाइल्स ने कहा ,‘‘ ये क्रिकेट की बहाली की दिशा में पहले कदम हैं ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ यह व्यक्तिगत अभ्यास की बात है । अगर हालात काबू में आते हैं तो सुपरमार्केंट जाने से सुरक्षित अभ्यास पर लौटना होगा ।’’ 

सरकारी विभाग द्वारा जारी दस्तावेज के अनुसार खिलाड़ियों के पास विकल्प रहेगा । इसमें कहा गया ,‘‘ खिलाड़ियों के पास अभ्यास से पीछे हटने का विकल्प भी रहेगा । उन्हें कोई जबर्दस्ती अभ्यास के लिये नहीं उतार सकता ।’’ जाइल्स ने हालांकि कहा कि अभ्यास शुरू करने से पहले जोखिम का पूरा आकलन किया जायेगा 



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रोहित शर्मा से हुई बड़ी भूल! CSK-MI की संयुक्त प्लेइंग इलेवन में इस खिलाड़ी को ना चुनने पर है पछतावा

Big mistake with Rohit Sharma! CSK-MI's joint playing XI regrets not choosing this player   Image Source : TWITTER/ROHIT SHARMA

कोरोनावायरस की वजह से क्रिकेट से जुड़ी सभी गतिविधियां इस समय ठप पड़ी है। इस महामारी के कारण आईपीएल 2020 को भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। अगर यह महामारी नहीं होती तो आईपीएल का रोमांच अपने चरम पर होता। सभी भारतीय खिलाड़ी इस समय आईपीएल का आनंद उठा रहे होते, लेकिन लॉकडाउन में घर में कैद खिलाड़ी इस समय सोशल मीडिया पर अधिकतर समय बिता रहे हैं।

हाल ही में भारतीय वनडे और टी20 टीम के उप-कप्तान रोहित शर्मा ने सुरेश रैना के साथ इंस्टाग्राम पर लाइव वीडियो चैट की थी। इस दौरान उन्होंने महेंद्र सिंह धोनी की वापसी के साथ-साथ कई मुद्दों पर चर्चा की थी। वहीं दोनों खिलाड़ियों ने आईपीएल की चिर-प्रतिद्वंदी टीम चेन्नई सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस की संयुक्त प्लेइंग इलेवन भी बनाई थी। लेकिन इस प्लेइंग इलेवन में एक चैंपियन खिलाड़ी को रोहित शर्मा ने नहीं चुना और बाद में उन्हें इस चीज का पछतावा हुआ।

इस लाइव चैट के दौरान रोहित ने जब चेन्नई सुपर किंग्स की ऑल टाइम बेस्ट इलेवन टीम के बारें में पूछा तो रैना ने जवाब में कहा कि अभी तुरंत टीम का चुनाव करना मुश्किल है लेकिन दोनों मुंबई और चेन्नई की संयुक्त बेस्ट इलेवन टीम बना सकते हैं। रैना और रोहित ने चेन्नई और मुंबई की इस संयुक्त टीम में MI के 5 जबकि CSK के 6 खिलाड़ियों को जगह दी।

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रैना और रोहित ने साथ में मिलकर सचिन तेंदुलकर और मैथ्यू हेडन को सलामी बल्लेबाज के रुप में चुना। इसके बाद फॉफ डु्प्लेसी और अंबाती रायुडू को जगह दी गई। मध्य क्रम में एमएस धोनी को विकेटकीपर बल्लेबाज और कप्तान के तौर पर शामिल किया गया। वहीं, ऑलराउंडर के रुप में कायरन पोलार्ड, हार्दिक पांड्या और रविंद्र जडेजा को ऑल टाइम प्लेइंग इलेवन में चुना। आखिर में दोनों बल्लेबाजों ने हरभजन सिंह, एल्बी मोर्कल और जसप्रीत बुमराह को गेंदबाजी विभाग की जिम्मेदारी दी।

अब जब मुंबई इंडियंस ने रोहित और रैना की इस चैट का वीडियो शेयर किया तो रोहित ने उस पर कमेंट करते हुए कहा "हम असली चैंपियन को तो भूल ही गए, मेरी गलती है मलिंगा।"

बता दें, मुंबई इंडियंस और चेन्नई सुपर किंग्स की संयुक्त ऑल टाइम बेस्ट इलेवन टीम में रोहित ने खुद को असिस्टेंट कोच की भूमिका दी जबकि रैना को फील्डिंग कोच की जिम्मेदारी सौंपी थी।



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प्रीमियर लीग के क्लब खिलाड़ियों का अनुबंध बढ़ाने पर हुए सहमत

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इंग्लिश प्रीमियर लीग (ईपीएल) ने क्लबों को उन खिलाड़ियों का अनुबंध बढ़ाने को मंजूरी दे दी है, जिनका अनुबंध 30 जून को समाप्त हो रहा है। कोविड-19 के कारण ईपीएल 13 मार्च से ही स्थगित है और जून में इसके फिर से शुरू होने की योजना है। उससे पहले लीग के 20 क्लबों ने खिलाड़ियों के अनुबंध को लेकर एक बैठक की।

लीग की ओर से एक बयान में कहा गया है, " शेयरधारकों और प्रीमियर लीग के साथ हुई बैठक में उन खिलाड़ियों के अनुबंध को बढ़ाने की इजाजत दी गई, जिनका अनुबंध इस साल 30 जून को समाप्त हो रहा है।"

बयान के अनुसार, "इंग्लैंड की सरकार ने एक जून से बंद दरवाजों के बीच खेलों को फिर से शुरू करने के संकेत दिए थे और उसके बाद से ही प्रीमियर लीग 2019-20 सीजन को फिर से शुरू करने के लिए तरीके तलाश रही है।"

प्रीमियर लीग के मुख्य कार्यकारी रिचार्ड मास्टर्स ने कहा, " खिलाड़ी 30 जून से आगे सीजन की समाप्ति तक अपने अनुबंध बढ़ा सकती है। लेकिन इसके लिए क्लब और खिलाड़ी, दोनों पक्षों की सहमति अवश्य होनी चाहिए।"

क्लबों और खिलाड़ियों को अब करार स्वीकार करने के लिए 23 जून तक का समय मिलेगा।



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पाकिस्तानी ऑलराउंडर हसन अली के पीठ में उभरी चोट, करानी पड़ सकती है सर्जरी

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हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से बाहर किए गए ऑलराउंडर हसन अली को एक नई चोट उभरकर सामने आई है। रिपोर्ट के मुताबिक हसन को पाकिस्तान सुपर लीग के दौरान अपने चोट के बारे में पता चला। हसन पिछले एक साल से चोट से जूझ रहे हैं और बार उन्हें पीठ में दर्द की शिकायत हुई है।

पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड के एक सूत्र के मुताबिक हसन को पिछले साल विश्व कप के दौरान ही चोट लगी थी लेकिन अब उनके पीठ में दर्द उभर आया है जिसके लिए उन्हें सर्जरी करानी पड़ सकती है।

सूत्र ने बताया कि बोर्ड हसन को पीठ की सर्जरी के लिए ऑस्ट्रेलिया या फिर किसी अन्य देश में भेजने की तैयारी कर रहे हैं ताकि उनका सही तरीके से इलाज हो सके।

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उन्होंने कहा, ''हसन के पास दो विकल्प है, पहला यह कि वह लंबे अवधि के थैरेपी से अपने चोट को ठीक करें और दूसरा यह कि किसी विदेशी सर्जन से सर्जरी की सालह लें।''

पाकिस्तान के मुख्य कोच और चयनकर्ता मिस्बाह उल हक ने यह साफ किया था कि हसन अली को उनके चोट के कारण कॉन्ट्रैक्ट लिस्ट से बाहर किया गया है। वहीं हसन के अलावा टीम के सीनियर तेज गेंदबाज वहाब रियाज और मोहम्मद आमिर को भी इस लिस्ट में शामिल नहीं किया गया।

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हसन बोर्ड के इस फैसले से काफी नाराज भी हुए थे और अपनी नराजगी जताते हुए उन्होंने एक ट्वीट भी किया था। हालांकि उन्होंने फौरन ही अपने ट्वीट को हटा लिया था।

हसन पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान क्रिकेट टीम के अहम सदस्य रहे हैं। हसन अली साल 2017 में चैंपियंस ट्रॉफी विजेता टीम का हिस्सा रह चुके हैं।

हसन चोट के कारण पिछले घरेलू सीजन में एक भी मैच नहीं खेल पाए थे। वहीं चोट के कारण इस साल के पाकिस्तान सुपर लगी में उनकी वापसी भी कुछ खास नहीं रही थी।



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Thursday 14 May 2020

सौरव गांगुली ने दिए संकेत, आईपीएल ना हुआ तो हो सकती है भारतीय खिलाड़ियों के वेतन में कटौती

Sourav Ganguly gives indication, IPL Cancellation may cut salary of Indian players Image Source : AP

कोरोनावायरस का असर क्रिकेट जगत पर साफ देखने को मिल रहा है। इस महामारी की वजह से तय कार्यक्रम पर कोई भी सीरीज नहीं हो पा रही है जिस वजह से दुनियाभर के क्रिकेट बोर्ड को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। इससे दुनिया का सबसे अमीर क्रिकेट बोर्ड बीसीसीआई भी अछूता नहीं रहा है। इस महामारी की वजह से बीसीसीआई ने आईपीएल का आयोजन अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया है। अगर इस साल आईपीएल नहीं होता है तो बोर्ड को लगभग 4000 करोड़ रुपए का नुकसान होगा और हो सकता है इसकी भरपाई बोर्ड खिलाड़ियों के वेतन में कटौती करके करें। इसके संकेत खुद बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने दिए हैं।

सौरव गांगुली ने मिड डे को दिए एक इंटरव्यू में कहा "हमें अपनी वित्तीय स्थिति की जांच करनी होगी, देखना होगा कि हमारे पास कितना पैसा है और उसके बाद ही हमें कोई फैसला लेना होगा। इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) की मेजबानी नहीं करने से R4,000 करोड़ का नुकसान होगा जो कि बहुत बड़ा है। यदि आईपीएल होता है तो हमें खिलाड़ियों के भुगतान में कटौती के लिए नहीं जाना पड़ेगा। हम मैनेज कर लेंगे।"

इस महामारी के कारण देश में अभी लॉकडाउन 3 लगा हुआ है जो 17 मई तक चलेगा। बीसीसीआई अब सरकार के फैसले का इंतजार कर रही है। अगर सरकार की इजाजत मिलती है तो बीसीसीआई शीर्ष खिलाड़ियों की ट्रेनिंग शुरू कर सकता है। अगर ऐसा हुआ तो हो सकता है बीसीसीआई अगले कुछ महीनों में बंद दरवाजों में आईपीएल के आयोजन का ऐलान कर दें।

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बात भारतीय खिलाड़ियों के कॉन्ट्रेक्ट की करें तो भारत में चार ग्रेड हैं- ए प्लस, ए,बी और सी। इन सभी ग्रेड के खिलाड़ियों को क्रमश: 7 करोड़, 5 करोड़, 3 करोड़ और 1 करोड़ की राशि का भुगतान बीसीसीआई करती है।

ग्रेड ए प्लेस में भारतीय कप्तान विराट कोहली के साथ उप कप्तान रोहित शर्मा और जसप्रीत बुमराह है। ए ग्रेड में वो खिलाड़ी है जो तीनों फॉर्मेट टेस्ट, वनडे और टी20 में भारतीय टीम का हिस्सा रहते हैं। ग्रेड बी में वो खिलाड़ी आते हैं जो कम से कम एक फॉर्मेट खेलते हैं और सभी नए खिलाड़ियों को ग्रेड सी में रखा जाता है।



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अभ्यास नियमों के उल्लंघन पर ऑस्ट्रिया के इस फुटबॉल क्लब पर लग सकता है जुर्माना

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ऑस्ट्रिया की लीग में शीर्ष पर चल रहे लास्क लिंज फुटबॉल क्लब को पूरी टीम के एक साथ अभ्यास करने के कारण स्वास्थ्य नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भरना पड़ सकता है। अभ्यास सत्र का एक वीडियो सामने आने के बाद लीग ने जांच शुरू की है। 

यह वीडियो क्लब की जानकारी के बिना तैयार किया गया था जिसमें दिखाया गया है कि टीम कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिये बनाये गये ऑस्ट्रियाई नियमों का उल्लंघन कर रही है। 

ऑस्ट्रिया में 20 अप्रैल से क्लबों को छह खिलाड़ियों के समूह में अभ्यास की अनुमति दी गयी थी। सभी खिलाड़ियों का एक साथ अभ्यास शुक्रवार से ही शुरू होगा। 

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चैंपियनशिप दो जून से फिर से शुरू होगी। लिंज अभी लीग तालिका में शीर्ष पर है। वह दूसरे स्थान पर काबिज साल्जबर्ग से तीन अंक आगे है। 

आपको बता दें कि यूरोपीय देशों के कई फुटबॉल लीग नए सीजन की शुरुआत के लिए जोर शोर से तैयारी में जुट गए हैं। इसके लिए लीग ने खिलाड़ियों की व्यक्तिगत ट्रेनिंग का विकल्प चुना है ताकि कोई भी खिलाड़ी अभ्यान के समय एक दूसरे के संपर्क में नहीं आ पाए।

कोरोना वायरस के कारण के लंबे समय से सभी तरह के खेल आयोजन पूरी तरह से ठप्प पड़ चुके हैं। ऐसे में फटबॉल फेडरेशन बिना दर्शकों के खाली स्टेडियम में मैच कराने के हर संभव विकल्प को तलाश रहे हैं, ताकि एक बार फिर से खेल को बहाल किया जा सके।

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वहीं कुछ देश ऐसे भी जहां है सुरक्षा  कारणों को पूरी तरह नजरअंदाज कर अपने यहां दर्शकों की मौजूदगी में फुटबॉल का आयोजन करा रही है। इसमें बेलारूस का नाम खास तौर से शामिल है।

वहीं चीन और दक्षिण कोरिया भी अपने यहां की शीर्ष फुटबॉल लीग को मैच खेलने की अनुमति दे चुके हैं। हालांकि इन देशों ने सुरक्षा के सभी मापदंण्डों को ध्यान में रखा है। 



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इस फुटबॉल टीम के कोच को महंगा पड़ा टूथपेस्ट खरीदाना, नहीं कर पाएंगा टीम की अगुवाई

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कोरोनावायरस के कहर की वजह से खेल जगत सहमा हुआ है। कुछ देशों ने अपने यहां फुटबॉल, बेसबॉल जैसे खेल शुरू करने का फैसला लिया है, लेकिन इस दौरान स्वास्थ्य को देखते हुए खिलाड़ियों और उनके सपोर्टिंग स्टाफ पर पैनी नजर रखी जा रही है। इसका उदहारण हम बुंदेसलीगा से ले सकते हैं। यहां पर आगसबर्ग टीम के कोच हीको हेरलिच ने सुपर मार्केट जाकर एक टूथपेस्ट खरीदी जिसका भुगतान वह आगमी मैच में अपनी टीम की अगुवाई ना कर के करेंगे।

दरअसल, हेरलिच को शनिवार को वोल्फ्सबर्ग के खिलाफ होने वाले मैच से जर्मनी की इस शीर्ष लीग में कोच के रूप में पदार्पण करना था। कोरोना वायरस के कारण लॉकडाउन से वह पहले ही दो महीने से इंतजार कर रहे थे। अब उन्होंने होटल से बाहर जाकर नियमों का उल्लंघन जिसकी वजह से उनका यह इंतजार और बढ़ गया है।

इस 48 वर्षीय कोच ने कहा,‘‘मैंने होटल से बाहर निकलकर गलती की। मैं टूथपेस्ट और क्रीम खरीदने के लिये सुपरमार्केट चला गया था।’’

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उन्होंने कहा,‘‘ऐसी परिस्थितियों में मैं अपनी टीम और जनता के सामने आदर्श व्यक्ति के तौर पर खरा नहीं उतरा।’’ 

हेरलिच ने कहा,‘‘मेरी इस गलती के कारण मैं शुक्रवार को अभ्यास और शनिवार को वोल्फ्सबर्ग के खिलाफ होने वाले मैच में टीम की अगुवाई नहीं कर पाऊंगा।’’ जर्मनी के इस पूर्व खिलाड़ी ने इस साल के शुरू में मार्टिन स्किमिट की जगह आगसबर्ग का कोच पद संभाला था। उनका अनुबंध 2022 तक है। 

(With PTI Inputs)



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साल 2003 में पाकिस्तान दौरे पर नहीं जाना चाहते थे इरफान पठान, सोशल मीडिया पर बताई यह वजह

Irfan Pathan and Suresh Raina Image Source : GETTY IMAGES

सौरव गांगुली की कप्तानी में साल 2004 में पाकिस्तान दौरे पर इरफान पठान ने अपनी स्विंग करती गेंदबाजी से खूब धमाल मचाया था और टेस्ट क्रिकेट में हैट्रिक लेने वाले भारत के दूसरे गेंदबाज बने थे। भारत के इस पाकिस्तान दौरे की कई सारी यादें फैंस के जहन में आज भी कायम है लेकिन खुद पठान शुरुआती दौर में पाकिस्तान नहीं चाहते थे।

पठान ने हाल ही में सुरेश रैना के साथ इंस्टाग्राम वीडियो चैट में इस बात का खुलासा किया कि शुरुआती दौर में वह पाकिस्तान दौरे पर बिल्कुल नहीं चाहते थे और वह भारत में रणजी मैच खेलना चाहते थे।

दरअसल साल 2003 में भारत की अंडर 19 टूर्नामेंट के लिए भारतीय टीम को पाकिस्तान दौरे पर जानी थी जिसके लिए इरफान पठान का टीम में चयन हुआ था। इरफान पाकिस्तान दौरे पर जाने के लिए बिल्कुल भी उत्साहित नहीं थे और वह उस समय बड़ौदा की तरफ मुंबई के खिलाफ रणजी मैच खेलना चाहते थे।

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हालांकि इरफान पठान को पाकिस्तान दौरे पर जाना पड़ा और वहां उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ लाहौर में 9 विकेट लेकर सनसनी मचा दी। इसके बाद फिर क्या था इरफान पठान पर नेशनल टीम के चयनकर्ताओं की नजर पड़ी और 19 साल के उम्र में उन्हें ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट डेब्यू करने का मौका मिल गया।

रैना के साथ अपनी पुरानी यादों को साझा करते हुए पठान ने कहा, ''मैं बिल्कुल भी पाकिस्तान दौरे पर नहीं जाना चाहता था। रणजी ट्रॉफी में हमारा मुंबई के खिलाफ मैच था और मैंने मिस्टर शेट्टी से कहा कि मैं अच्छे फॉर्म में हूं और अगर मैंने यहां अच्छा प्रदर्शन किया तो जरूर चयनकर्ताओं तक यह बात पहुंचेगी लेकिन उन्होंने कहा तुम्हें पाकिस्तान दौरे पर जाना चाहिए। 14 साल बाद भारतीय सीनियर टीम वहां का दौरा करने वाली हैं ऐसे में तुम्हें वहां अंडर 19 टीम की तरफ से खेलने का मौका मिला है, तुम्हे वहां जरूर जाना चाहिए।''

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इस दौरान इरफान ने बताया कि वह पाकिस्तान पहुंचकर बिल्कुल भी खुश नहीं थे लेकिन किसे पता था कि यहां से मेरे लिए नए रास्ते खुलने वाले थे।

इस दौरान रैना ने पठान से कहा, ''मुझे याद है कि तुमने लाहौर मैच में 9 विकेट लिए लिए जिसमें दो हैट्रिक भी शामिल था। इसके बाद से हर कोई तुम्हारे बारे में बात करने लगा था और यह बहुत ही अच्छा हुआ कि पाकिस्तान में उस मैच के बाद आपको नेशनल टीम की तरफ तरफ से ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ डेब्यू का मौका मिल गया।''

आपको बता दें कि ऑलस्ट्रेलिया दौरे पर भी पठान की चमक नहीं हुई थी। 19 साल की उम्र में पठान उस समय के विस्फोटक बल्लेबाज रहे एडम गिलक्रिस्ट और मैथ्यू हेडन का विकेट लेकर तहलका मचा दिया था।

इरफान पठान अपने शुरुआती दौर में स्विंग गेंदबाजी से दुनिया के बड़े से बड़े बल्लेबाज को मुश्किल में डाला था। खास तौर से पाकिस्तान के खिलाफ उनका प्रदर्शन हमेशा ही दमदार रहा। साल 2007 में पाकिस्तान के खिलाफ टी-20 विश्व कप के फाइनल मुकाबले में भी इरफान पठान प्लेयर ऑफ द मैच चुना गए थे। 

 



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राहुल द्रविड़ ने बताई ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 ऐतिहासिक टेस्ट मैच को जिताने में फैन्स की अहम भूमिका

Rahul Dravid told fans the important role in winning the 2001 historic Test match against Australia  Image Source : GETTY IMAGES

कोलकाता के ईडन गार्डन के मैदान पर साल 2001 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए ऐतिहासिक मैच को शायद ही कोई भूल सकता होगा। इस मैच को भारत ने फॉलोऑन के बाद वीवीए लक्षमण और राहुल द्रविड़ की रिकॉर्ड साझेदारी और हरभजन सिंह की लाजवाब गेंदबाजी के दम पर जीता था। भारतीय बल्लेबाजों और गेंदबाजों के साथ इस मैच को जिताने में भारतीय फैन्स ने भी अहम रोल अदा किया। इसका खुलासा खुद हाल ही में राहुल द्रविड़ ने किया है।

स्टरस्पोर्ट्स के एक शो पर राहुल द्रविड़ ने इस टेस्ट मैच को याद करते हुए कहा "मैच के आखिरी दिन चाय के बाद जो स्टेडिम में माहौल था वो काफी लाजवाब था, उस समय हम विकेट लेने की तलाश में थे। हरभजन सिंह उस समय गेंदबाजी कर रहे थे और हमें लगातार विकेट मिल रहे थे। उस समय जो सपोर्ट दर्शकों से मिल रहा था वो लाजवाब था। ईडन गार्डन में मौजूद दर्शकों ने हमें 2001 कोलकाता टेस्ट जिताने में मदद की।"

गौरतलब है कि कोलकाता में साल 2001 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेली गई तीन मैचों की टेस्ट सीरीज के दूसरे मैच में कोलकाता में टीम इंडिया की तरफ से राहुल द्रविड़ और  वी. वी. एस. लक्षमण के बीच 376 रनों की दूसरी पारी में रिकॉर्ड साझेदारी हुई थी। जिसके बाद हरभजन सिंह की हैट्रिक के चलते टीम इंडिया ने हारे हुए मैच में जीत हासिल की थी। चाय के समय तक ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 3 विकेट के नुकसान पर 161 रन था। आखिरी सेशन में भारत ने 46 रन के अंदर ऑस्ट्रेलिया के 7 विकेट झटके। इसके बाद तीसरे व अंतिम टेस्ट मैच में भी जीत हासिल कर टीम इंडिया ने सीरीज पर 2-1 से कब्ज़ा किया था। इस सीरीज के दूसरे टेस्ट मैच को हमेशा याद रखा जाता है। 

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द्रविड़ ने कहा "मुझे अपने करियर की ज्यादा चीजें याद नहीं है, लेकिन इस मैच में चाय के बाद मैदान पर जो वातावरण और तीव्रता थी वो देखकर काफी अच्छा लगा, पूरा मैदान भरा हुआ था। हर किसी क्रिकेटर को यह अनुभव करना चाहिए।"

उन्होंने कहा "उस जोश और भरे हुए मैदान पर खेलना अच्छा था। ड्रेसिंग रूप में जो जोश था, मैदान पर जो माहौल था ये सब चीजें मुझे याद है और यह हमेशा अपके साथ रहती है। एक पूर्व खिलाड़ी होने के नाते आप चाहोगे कि अगली पीढ़ी भी कछ इसी तरह का अनुभव लें।"



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रवि शास्त्री का बड़ा बयान वर्ल्ड कप की मेजबानी से होगा खतरा, आईपीएल पर करें फोकस

Ravi Shastri's big statement will threaten World Cup hosting, focus on IPL Image Source : TWITTER/ RAVI SHASTRI

कोरोनावायरस महामारी की वजह से इस समय क्रिकेट से जुड़ी सभी गतिविधियां ठप पड़ी है। इस महामारी की वजह से कुछ सीरीज स्थगित कर दी गई है तो कुछ को रद्द कर दिया गया है, वहीं आईपीएल 2020 को भी अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया है। ऐसे में अब अक्टूबर-नवंबर में ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 वर्ल्ड कप पर भी खरते के बादल मंडराने लगे हैं। जब इस महामारी के बाद क्रिकेट की वापसी होगी तो आईसीसी समेत सभी बोर्ड के सामने अपने कार्यक्रम समेत खिलाड़ियों के स्वास्थ्य की बड़ी चिंता होगी।

लेकिन भारतीय क्रिकेट टीम के कोच रवि शास्त्री ने इस समस्या से उभरने के लिए एक नायाब तरीका बताया है। शास्त्री का कहना है कि हमें वर्ल्ड कप से ज्यादा आईपीएल और द्विपक्षीय सीरीज को तवज्जों देनी चाहिए।

टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक खास इंटरव्यू में शास्त्री ने कहा "मैं अभी विश्व की घटनाओं पर बहुत अधिक जोर नहीं दूंगा। घर पर रहें, सुनिश्चित करें कि घरेलू क्रिकेट सामान्य हो, सभी स्तरों पर क्रिकेटर्स (अंतराष्ट्रीय, प्रथम श्रेणी, आदि) मैदान पर वापस आ जाएं। यह सबसे महत्वपूर्ण है। दूसरा यह कि द्विपक्षीय क्रिकेट सीरीज से शुरुआत करें। यदि हमें (भारत) विश्व कप की मेजबानी और द्विपक्षीय दौरे के बीच चयन करना था, तो जाहिर है हम द्विपक्षीय के लिए समझौता करेंगे। 15 टीमों की बजाय हमें किसी एक टीम से खेलना चाहिए।"

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शास्त्री ने आगे कहा "शुक्र है कि जिस समय लॉकडाउन की शुरुआत हुई थी, उस समय तक भारतीय टीम के लिए अंतरराष्ट्रीय सत्र लगभग समाप्त हो चुका था। इस मायने में घरेलू क्रिकेट में इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) का उदाहरण है। जब क्रिकेट शुरू होगा तो हम आईपीएल को प्राथमिकता दे सकते हैं। एक अंतरराष्ट्रीय टूर्नमेंट और आईपीएल के बीच अंतर यह है कि आईपीएल एक या दो शहरों के बीच खेला जा सकता है और लॉजिस्टिक्स को प्रबंधित करना आसान होगा। द्विपक्षीय सीरीज के साथ भी यही बात है। हमारे लिए एक देश में यात्रा करना और इन समयों के दौरान उड़ान भरने वाली 15-16 टीमों की तुलना में विशिष्ट आधार पर खेलना आसान होगा।"

इसी के साथ शास्त्री ने कहा कि उम्मीद है जल्द है कि यहां माहौल ठीक होगा और खिलाड़ी स्टेडियम तक पहुंच सकेंगे।



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भारत के खिलाफ शानदार डेब्यू करने वाले काइल जैमीसन को मिला इनाम, न्यूजीलैंड के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में हुए शामिल

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भारत के खिलाफ पिछले साल धमाकेदार डेब्यू करने वाले तेज गेंजदबाज काइल जैमिसन को न्यूजीलैंड क्रिकेट बोर्ड ने अपने सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में शामिल किया है। यह कॉन्ट्रैक्ट कुल 12 महीने के लिए है। इस कॉन्ट्रैक्ट के तहत खिलाड़ियों को बेस सैलरी के साथ मैच फीस का भी भुगतान किया जाएगा।

जैमीसन के अलावा साउथ अफ्रीका में जन्मे बल्लेबाज डेवॉन कॉन्वे और लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाज अजाज पटेल को भी पहली बार न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट में शामिल किया गया है।

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न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के सलेक्शन मैनेजर गाविन लार्सन ने इस कॉन्ट्रैक्ट के बाद कहा, ''जैमीसन, अजाज और डेवॉन को कॉन्ट्रैक्ट में शामिल करना हमारे विकल्प में था। इन्होंने पिछले एक साल में टीम के लिए शानदार खेल का प्रदर्शन किया है।''

उन्होंने कहा, ''जैमीसन ने भारत के खिलाफ शानदार डेब्यू किया था। वह अभी 25 साल का ही है। वह भविष्य में हमारी टीम की योजनाओं का हिस्सा हैं। वहीं अजाज ने भी टेस्ट फॉर्मेट में न्यूजीलैंड के लिए शानदार गेंदबाजी की है। खास तौर से उपमहाद्विप में उन्होंने काफी प्रभावित किया।''

जैमीसन ने भारत के खिलाफ दो टेस्ट मैचों की सीरीज कुल 9 विकेट हासिल किए थे, जिसमें उन्होंने एक पारी में पांच विकेट भी लिए थे। जैमीसन के इस बेहतरीन प्रदर्शन के बुते ही न्यूजीलैंड की टीम ने भारत को सीरीज 2-0 से मात दी थी।

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वहीं डेवॉन को लेकर गाविन लार्सन ने कहा, ''पिछले दो सीजन से डेवॉन ने तीनों फॉर्मेट में जिस तरह की बल्लेबाजी की उसके देखते हुए हम उन्हें नजरअंदाज नहीं कर पाए। डेवॉन हमारी टीम के बल्लेबाजी क्रम को मजबूती प्रदान कर सकते हैं।''

डेवॉन को पिछले साल अगस्त में ही न्यूजीलैंड की नेशनल टीम की तरफ से खेलने के लिए अनुमति मिली थी। वहीं घरेलू क्रिकेट के पिछले सीजन में वह तीनों फॉर्मेट में सबसे अधिक रन बनाने वाले बल्लेबाजों की लिस्ट में भी शामिल थे।

इसके अलावा लिमिटेड ओवर के विशेषज्ञ खिलाड़ी कॉलिन मुनरों, लेग स्पिनर टॉड एस्टल और ओपनर बल्लेबाज जीत रावल को सेंट्रल कॉन्ट्रैक्ट से हटा दिया गया।

 



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हरभजन सिंह को यह चैलेंज देने के बाद युवराज सिंह को मांगनी पड़ी माफी, सचिन-रोहि को भी किया था नॉमिनेट

Yuvraj Singh gave Sachin, Rohit and Harbhajan this special challenge, Bhajji said Dont underestimate me Image Source : TWITTER/YUVRAJ SINGH

कोरोनावायरस ने इस समय पूरी दुनिया को अपनी चपेट में लिया हुआ है। इस महामारी के कारण देश में तीसार लॉकडाउन चल रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ऐलान कर दिया है कि चौथा लॉकडाउन भी लगेगा लेकिन उसके नए नियम होंगे। ऐसे में क्रिकेटर्स समेत सभी हसतियां घर में बंद रहने पर मजबूर हैं और वह इस दौरान अपने फैंन्स से भी ऐसा करने की उम्मीद कर रहे हैं। घर पर रहने की वजह से खिलाड़ियों को अकसर बोरियत होने लगती है ऐसे में में या तो वह अपने साथी खिलाड़ियों से लाइव वीडियो चैट कर रहे हैं या फिर सोशल मीडिया पर समय बिता रहे हैं।

इसी कड़ी में भारतीय पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी युवराज सिंह ने घर पर रहने के लिए एक खास चैलेंज बनाया है जिसके लिए उन्होंने क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के साथ भारतीय उप कप्तान रोहित शर्मा और हरभजन सिंह को नॉमिनेट किया है.

इस चैलेंज में युवराज सिंह टेढ़े बल्ले से नॉकिंग करते हुए दिखाई दे रहे हैं। युवराज सिंह ने इस वीडियो को पोस्ट करते हुए लिखा 'इस चुनौतीपूर्ण समय में, मैं खुद से यह प्रण कर चुका हैं कि मैं कोविड-19 से खुद को बचाने के लिए घर पर ही रहूंगा और तब तक इसे जारी रखूंगा जब तक यह जरूरी होगा।'

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युवी ने आगे लिखा 'मैं मुहिम को आगे बढ़ाने के लिए मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर, हिटमैन रोहित शर्मा और टर्बनेटर हरभजन सिंह, दीया मिर्जा को नॉमिनेट करूंगा।'

इस वीडियो में युवराज सिंह कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि सचिन तेंदुलकर और रोहित शर्मा के लिए तो ये चैलेंज पूरा करना आसान होगा, लेकिन हरभजन सिंह के लिए नहीं।

हरभजन सिंह ने तुरंत युवराज सिंह को जवाब देते हुए कहा 'मुझे कम ना आंके मिस्टर सिंह.... चैलेंज स्वीकार है।'

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इसके बाद युवराज सिंह ने हरभजन सिंह से माफी भी मांगी।

उल्लेखनीय है, क्रिकेटर्स के अलावा भी अन्य खेलों के खिलाड़ी एक दूसरे को घर में रहने की मुहीम के तहत चैलेंज देते रहते हैं। भारतीय पूर्व टेनिस स्टार महेश भूपति ने भी कुछ ऐसा चैलेंज देकर सानिया मिर्जा​, बजरंग पुनिया और सानया नेहवाल को नॉमिनेट किया था।



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एनआरएआई ने अंजुम मोदगिल को खेल रत्न और जसपाल को द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए भेजे नाम

NRAI names Anjum Modgil for Khel Ratna and Jaspal for Dronacharya Award Image Source : GETTY IMAGES

नई दिल्ली। भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने दिग्गज राइफल निशानेबाज अंजुम मोदगिल को देश के सर्वोच्च खेल सम्मान राजीव गांधी खेल रत्न जबकि कोच जसपाल राणा तो लगातार दूसरे साल द्रोणाचार्य पुरस्कारों के लिए नामित किया है। महासंघ के सूत्रों के अनुसार प्रतिष्ठित अर्जुन पुरस्कारों के लिए चैंपियन पिस्टल निशानेबाजों सौरभ चौधरी और अभिषेक वर्मा के नाम भेजे गए हैं। महासंघ के एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘अंजुम मोदगिल को खेल रत्न के लिए नामित किया गया है जबकि एनआरएआई ने एक बार फिर द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए जसपाल का नाम भेजा है। उनका हमेशा से मानना है कि वह इसका हकदार है और उम्मीद है कि उसे इस बार यह पुरस्कार मिलेगा।’’ सूत्र ने कहा, ‘‘सौरभ चौधरी और अभिषेक वर्मा के नाम की सिफारिश अर्जुन पुरस्कार के लिए की गई है।’’ 

संपर्क करने पर एनआरएआई के एक अधिकारी ने हालांकि स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बताया और कहा कि वे नामों का चयन करने की प्रक्रिया के अंतिम चरण में हैं। छब्बीस साल की अंजुम ने 2008 में निशानेबाजी शुरू की और वह तोक्यो ओलंपिक के लिए निशानेबाजी में कोटा हासिल करने वाली पहली दो भारतीय निशानेबाजों में शामिल थी। चंडीगढ़ की इस निशानेबाज ने कोरिया में आईएसएसएफ विश्व कप में 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा में रजत पदक के साथ ओलंपिक कोटा हासिल किया। पिछले साल अंजुम और दिव्यांश सिंह पंवार की जोड़ी ने म्यूनिख और बीजिंग में आईएसएसएफ विश्व कप की 10 मीटर एयर राइफल मिश्रित टीम स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते। वह म्यूनिख और रियो डि जिनेरियो में भी आईएसएसएफ विश्व कप की 10 मीटर एयर राइफल स्पर्धा के फाइनल में पहुंची। राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार में खिलाड़ी को पदक, प्रमाण पत्र और सात लाख 50 हजार रुपये की इनामी राशि मिलती है। 

पिछले साल जसपाल को पुरस्कार के लिए नहीं चुने जाने पर विवाद हो गया था और भारत के एकमात्र व्यक्तिगत ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता अभिनव बिंद्रा ने इस अनुभवी कोच को द्रोणाचार्य पुरस्कार के लिए नहीं चुनने पर चयन पैनल की आलोचना की थी। एशियाई खेलों में कई स्वर्ण पदक जीतने वाले 43 साल के जसपाल को मनु भाकर, सौरभ और अनीष भानवाला जैसे युवा निशानेबाजों को निखारकर विश्व स्तरीय निशानेबाज बनाने का श्रेय जाता है। पिछले साल अनदेखी के बावजूद जसपाल को उम्मीद है कि उनका चयन ‘निष्पक्ष’ होगा और सबसे हकदार उम्मीदवार को पुरस्कार मिलेगा। 

द्रोणाचार्य पुरस्कार अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में असाधारण नतीजे देने वाले खिलाड़ियों और टीमो को कोचिंग देने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है। इस पुरस्कार में पांच लाख रुपये की इनामी राशि दी जाती है। इंजीनियर से वकील और फिर निशानेबाज बने 30 साल के वर्मा ने निशानेबाजी में भारत के लिए पांचवां ओलंपिक कोटा हासिल किया था। उन्होंने पिछले साल अप्रैल में बीजिंग में आईएसएसएफ विश्व कप में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीतकर यह उपलब्धि हासिल की। 

इससे दो महीने पहले दिग्गज निशानेबाजों की मौजूदगी में किशोर निशानेबाज चौधरी ने विश्व रिकार्ड के साथ सत्र के पहले विश्व कप में स्वर्ण पदक जीता था और देश को तीसरा ओलंपिक कोटा दिलाया था। इस साल की शुरुआत में चौधरी ने भोपाल में राष्ट्रीय प्रतियोगिता में 10 मीटर एयर पिस्टल में स्वर्ण पदक जीता था जबकि वर्मा ने कांस्य पदक हासिल किया था। वर्मा के नाम पर अब विश्व कप में दो स्वर्ण, एशियाई खेलों का कांस्य पदक और ओलंपिक कोटा स्थान है। इस साल चौधरी के साथ उनकी प्रतिद्वंद्विता शानदार रही। सोलह साल के चौधरी ने नयी दिल्ली और म्यूनिख विश्व कप में स्वर्ण पदक जीते।



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