क्रिकेट के गलियारों मे अक्सर पाकिस्तान के स्टार बल्लेबाज और लिमिटेड फॉर्मेट के कप्तान बाबर आजम की तुलना विराट कोहली से होती है लेकिन पाकिस्तान के स्पिन गेंदबाज दानिश कनेरिया दोनों खिलाड़ियों की तुलना से सहमत नहीं हैं। इंडिया टीवी के साथ खास बातचीत में स्पिनर दानिश कनेरिया ने कहा कि कि बाबर आजम और विराट कोहली के बीच अभी तुलना करना सही नहीं होगा।
दानिश कनेरिया ने इंडिया टीवी के साथ एक्सक्लूजिव बातचीत में कहा, "बाबर और विराट के बीच तुलना करना अभी सही नहीं है। भारतीय कप्तान विराट कोहली अपने आप को साबित कर चुके है और उन्होंने हर जगह रन बनाए हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि बाबर आजम एक शानदार खिलाड़ी हैं और मौजूदा समय में पाकिस्तानी बैटिंग की बैकबोन हैं। बाबर टीम के लिए लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। इसलिए दोनों की तुलना करना बनता नहीं हैं। बाबर पाकिस्तान के भविष्य के सितारे हैं और टीम की बल्लेबाजी काफी हद तक उन्हीं पर टिकी है।"
कोरोना वायरस महामारी के कारण लंबे समय तक स्थगित रहने के बाद अब इंडियन प्रीमियर लीग का आगाज 19 सिंतबर से UAE में होने जा रहा है। ऐसे में UAE की धरती पर होने वाले आईपीएल में किस तरह के गेंदबाज अपनी छाप छोड़ने में कामयाब होंगे, इस पर कनेरिया ने कहा, "दुबई के अंदर जो आईपीएल होने जा रहा है उसमें स्पिन गेंदबाजों का बड़ा किरदार होगा। खासतौर से लेग स्पिनर का दबदबा रहेगा। युजवेंद्र चहल और इमरान ताहिर की बात करें, तो दोनों यूएई में बहुत खतरनाक साबित होने वाले हैं। कुलदीप यादव जैसे स्पिनर अपनी छाप छोड़ने में कामयाब होंगे। वहां स्लो विकटें होती है और ऐसे में स्पिनर का दबदबा रहेगा।"
एक समय था जब पाकिस्तान से कई वर्ल्ड क्लास स्पिन गेंदबाज निकलते थे लेकिन पिछले कुछ सालों में पाकिस्तान के स्पिन गेंदबाज वर्ल्ड क्रिकेट में उस तरह की छाप छोड़ने मे कामयाब नहीं हुए हैं जिसके लिए पाकिस्तान जाना जाता था। इस सवाल के जवाब में दानिश ने कहा, "इसकी सबसे बड़ी वजह है ग्रासरूट लेवल। जब हम ग्रासरुट लेवल पर क्रिकेट खेलते थे, तो उस समय हम 30 ओवर या 50 ओवर की क्रिकेट खेलते थे। अब ग्रासरूट लेवल पर, क्लब लेवल पर और स्कूल लेवल पर 20 ओवर की क्रिकेट हो गई है। इसीलिए हमे क्वॉलिटी स्पिनर नहीं मिल पा रहे हैं। घरेलू क्रिकेट में अब ग्रीन टॉप विकटे होती हैं और इन्फ्रास्ट्रक्चर स्पिन गेंदबाजों के हिसाब से नहीं होता है और यही वजह है कि अब टॉप लेवल के स्पिनर्स नहीं निकल पा रहे हैं।
उन्होंने आगे कहा, "इसके लिए PCB को कड़े कदम उठाने होंगे और ग्रासरूट लेवल पर क्लब क्रिकेट को 30 ओवर से ज्यादा का करना होगा। जब तक आप ये कदम नहीं उठाएंगे तब तक आपको क्वॉलिटी स्पिनर नहीं मिलेंगे क्योंकि स्पिनर्स को 20 ओवर के मैच में गेंदबाजी करने का ज्यादा मौका ही नहीं मिलता है। पाकिस्तान से पहले बेहतरीन लेग स्पिनर और ऑफ स्पिनर निकलते थे। लेकिन आज हमारे पास ऑफ स्पिनर भी नहीं है और न हीं लेफ्ट आर्म स्पिनर हैं। यही वजह है कि हमे युवा चेहरों में अच्छे स्पिनर्स नहीं मिल रहे हैं।"
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