पेरिस| दो बार की 800 मीटर यूरोपियन चैम्पियन यूक्रेन की नतालिया क्रोल पर एथलेटिक्स अखंडता ईकाई (एईयू) ने डोपिंग नियमों के उल्लंघन के कारण 20 महीने का बैन लगाया है।एआईयू ने एक बयान में कहा, "एआईयू ने यूक्रेन की मिडिल डिस्टेंस धाविका नतालिया क्रोल पर 20 महीने का बैन लगा दिया है जो 16 जनवरी 2020 से लागू हो रहा है। उन पर यह बैन प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन और उसकी मौजूदगी के कारण लगा है जो विश्व डोपिंग रोधी नियमों का उल्लंघन है।"
महिलाओं के 800 मीटर वर्ग में इस समय 21वीं रैंकिंग वाली क्रोल को हाड्रोक्रोलोथीओजाइड जैसे प्रतिबंधित पदार्थ के सेवन का दोषी पाया गया है।
क्रोल ने 2016 और 2018 यूरोपियन एथेलेटिक्स चैम्पियनशिप में जीत हासिल की थी और साथ ही 2019 मिलट्री गेम्स में 800 मीटर स्पर्धा का स्वर्ण पदक जीता था।
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भारतीय स्पिन गेंदबाज अमित मिश्रा ने भले ही लंबे समय से टीम इंडिया की ओर से कोई मैच नहीं खेला हो, लेकिन उन्होंने भारत की ओर से खेलने की उम्मीद नहीं छोड़ी है। IPL में दूसरे सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले अमित मिश्रा ने भारत की ओर से आखिरी मैच 2017 में इंग्लैंड के खिलाफ T20I के रुप में खेला था। हालांकि इसके बाद वह IPL में दिल्ली कैपिटल्स टीम की ओर से लगातार खेल रहे हैं। IPL में सबसे ज्यादा हैट्रिक लेने वाले अमित को टीम इंडिया में वापसी करने की उम्मीद है।
मिश्रा ने क्रिकेट डॉट कॉम से बातचीत में कहा, "बेशक! यही वजह है कि मैं अब भी खेल रहा हूं। मैं कोई ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो सिर्फ आईपीएल के लिए खेलता रहेगा। मेरी लड़ाई खुद से है। मुझे हमेशा टीम इंडिया से बुलावे के लिए तैयार रहना चाहिए। यही मेरा विश्वास है। हां, मुझे अब भी वापसी करने की उम्मीद है।"
अमिक मिश्रा को भारतीय टीम से बाहर हुए 3 साल से ज्यादा का समय हो चुका है और ऐसे में मिश्रा ने स्वीकार किया कि उन्हें इस मुश्किल समय में सकारात्मक बने रहने का एक तरीका मिल गया है।
युजवेंद्र चहल और कुलदीप यादव की स्पिन जोड़ी आम तौर पर सीमित ओवरों के क्रिकेट में भारतीय टीम की पहली पसंद है। वहीं, टेस्ट में आर अश्विन और रवींद्र जडेजा का दबदबा कायम है। ऐसे में अमित मिश्रा के लिए भारतीय टीम में वापसी करना थोड़ा मुश्किल नजर आता है।
मिश्रा ने कहा, “मैंने हमेशा इस बात पर विचार करने की कोशिश की है कि अगर मैं डिमोटिवेट होता हूं तो इसका लाभ किसे मिलने वाला है? इसका फायदा मेरे प्रतियोगियों को ही मिलेगा। हर रिजेक्शन के बाद मैंने अपने स्किल पर और भी अधिक मेहनत करने की कोशिश की है।"
उन्होंने आगे कहा, “मैंने हमेशा नकारात्मकता से दूर रहने की कोशिश की है, क्योंकि जीवन में ऐसे बहुत कम लोग हैं जो आपको मुश्किल समय में प्रेरित करते हैं। सेल्फ मोटिवेशन बहुत महत्वपूर्ण है। हम सभी निराशा से घिर जाते हैं जब हम बहुत अधिक सफल नहीं होते हैं। यदि हम कठिन परिश्रम करने की कोशिश करते हैं, तो गलत विचार आमतौर पर चले जाते हैं।”
37 साल की उम्र में मिश्रा ने माना कि रिटायरमेंट का ख्याल उनके दिमाग के परे चला गया है, लेकिन उनका मानना है कि वह अभी भी भारतीय क्रिकेट के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं। मिश्रा ने अपनी फिटनेस पर काम किया है और आगामी आईपीएल 2020 टीम इंडिया में वापसी का आखिरी मौका हो सकता है।
अमित ने रिटायरमेंट पर कहा, “उम्र आपके प्रदर्शन को आंकने की कसौटी नहीं होनी चाहिए। हमेशा यह देखना चाहिए कि खिलाड़ी फिट है या नहीं। मुझे लगता है कि युवराज सिंह या हरभजन सिंह या वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों से बात की जानी चाहिए थी जो वे अपने भविष्य के बारे में सोच रहे थे।
उन्होंने कहा, "आप उनकी क्षमता या जुनून पर संदेह नहीं करते हैं। वे कड़ी मेहनत भी करते हैं। लेकिन मुझे लगता है कि अगर उनमें किसी चीज की कमी है, तो उन्हें बताया जाना चाहिए कि उनसे क्या अपेक्षित है। अगर सही तरीके से संवाद किया जाए तो खिलाड़ियों को बुरा नहीं लगेगा।”
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नई दिल्ली| टोक्यो ओलम्पिक-2020 में क्वालीफाई करने की उम्मीद रखने वाले आठ बैडमिंटन खिलाड़ियों का नेशनल कैम्प शुक्रवार से हैदराबाद की पुलेला गोपीचंद अकादमी में शुरू हो रहा है। भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) ने यह फैसला तेलंगना राज्य सरकार द्वारा एक अगस्त को दिए गए आदेश के बाद लिया है जिसमें सरकार ने पांच अगस्त से खेल गतिविधियां शुरू करनी मंजूरी दे दी है।
रियो ओलम्पिक की रजत पदक विजेता पीवी सिंधु के अलावा इस कैम्प में सायना नेहवाल, किदाम्बी श्रीकांत, अश्विनी पोनप्पा, साई प्रणीत, चिराग शेट्टी, सत्विकसाइराज रैंकीरेड्डी और एन. सिक्की रेड्डी इस शिविर में हिस्सा लेंगे।
शिविर शुरू होने पर राष्ट्रीय बैडमिंटन टीम के कोच पुलेला गोपीचंद ने कहा, "मैं हमारे शीर्ष खिलाड़ियों के कोर्ट पर लंबे ब्रेक के बाद ट्रेनिंग पर वापसी से खुश हूं। हम सुरक्षित वातावरण में ट्रेनिंग करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।"
साई ने कहा है कि खिलाड़ियों को पूरी सुरक्षा देने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करने के लिए अकादमी को रंगों के हिसाब से बांटा गया है जहां सिर्फ खिलाड़ी और प्रशिक्षक ही आ सकेंगे। वहीं सपोर्ट स्टाफ और प्रशासकों के लिए अलग जोन बनाए गए हैं और इन लोगों का खेलने वाले एरिया में जाना निषेध रहेगा।
ट्रेनिंग स्वास्थ मंत्रालय और साई द्वारा तय की गई एसओपी की गाइंडलाइंस को ध्यान में रखकर की जाएगी। साथ ही राज्य सरकार की गाइडलाइंस का भी ध्यान रखा जाएगा।
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Indian golfer Shubhankar Sharma carded an even-par 71 in the opening round, an effort that placed him tied 110th and in danger of missing the cut at the 2020 English Championship
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भारत के पूर्व स्टार बल्लेबाज युवराज सिंह के फैन्स की कमी नहीं है। उन्हों अपनी बल्लेबाजी से ना सिर्फ देश बल्कि विदेश में भी लोगों का दिल जीता है। इतना ही नहीं टी20 अंतराष्ट्रीय क्रिकेट में उनके द्वारा लगाये गए 6 गेंदों में 6 छक्कों ने एक रात में उन्हें क्रिकेट जगत का सितारा बना दिया था। इस तरह सौरव गांगुली की कप्तानी में टीम इंडिया में कदम रखने वाले युवराज सिंह आज भी उन्हें अपने करियर के पीछे काफी महत्व देते हैं और उनका सम्मान भी करते हैं।
युवराज ने गांगुली की कप्तानी में साल 2000 आईसीसी नाकआउट टूर्नामेंट में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अपने करियर के दूसरे वनडे मैच में 84 रनों की तेज तर्रार पारी से साबित कर दिया था कि वो टीम इंडिया के लिए मध्यक्रम में काफी लम्बे समय तक खेलने वाले हैं। इसके बाद युवराज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और उन्होंने साल 2002 इंग्लैंड में खेली जाने वाली नेटवेस्ट ट्रॉफी, उसके बाद आईसीसी 2007 टी20 विश्वकप में भी शानदार खेल दिखाया था। इसके बाद रही सही कसर युवराज सिंह ने आईसीसी 2011 विश्वकप में बल्ले और गेंद के साथ दमदार प्रदर्शन करके दिखा दी थी। जिसके चलते उन्हें 'मैन ऑफ़ द टूर्नामेंट' चुना गया था। जबकि भारत ने 28 साल बाद विश्वकप भी जीता था।
इस तरह उनके शानदार करियर में जब युवराज सिंह से कोई मलाल पूछा गया तो उन्होंने टाइम्स नाउ से बातचीत में कहा, "अच्छे या बुरे अनुभव, आपके सीखने और विकास का एक हिस्सा हैं और मैं उन्हें संजोता हूं। 2011 के विश्व कप के शुरुआती दिनों से लेकर कैंसर से जूझने और मैदान पर वापस आने तक, मेरे करियर और निजी जीवन में कई मील के पत्थर देखे गए हैं और इन अनुभवों ने मुझे उस व्यक्ति के रूप में बनाया है जो मैं आज हूं। इस तरह मैं काफी परिवार, दोस्त और उन सभी सहपाठियों का काफी आभारी हूँ जिन्होंने इस यात्रा में हमेशा मेरा साथ दिया।"
युवराज सिंह अपने करियर में टेस्ट क्रिकेट में एक सफल बल्लेबाज नहीं बन पाए। इस तरह अपने करियर में बहुत ही कम टेस्ट क्रिकेट खेल पाने को लेकर उन्होंने कहा, "जब मैं पीछे मुड़कर देखता हूं तो मुझे लगता है कि मुझे टेस्ट क्रिकेट खेलने के ज्यादा मौके चाहिए थे। उन दिनों में, सचिन, राहुल, वीरेंद्र, वीवीएस लक्ष्मण, सौरव जैसे स्टार खिलाड़ियों के बीच जगह पाना मुश्किल था - जो शुरुआत करते थे।"
युवराज ने आगे कहा, "मध्यक्रम में जगह बनाना काफी मुश्किल था। जो की वर्तमान की स्थिति से काफी कठिन था। आज कल खिलाड़ियों को 10 या उससे अधिक मौके मिल रहे हैं। लेकिन हमारे सामने सिर्फ एक या दो मौके मिलते थे। मेरा मौका तब आया जब सौरव गांगुली ने संन्यास लिया। लेकिन दुर्भाग्यवश मैं उस समय कैंसर से जूझ रहा था और मेरे जीवन ने एक नया मोड़ ले लिया।"
वॉशिंगटन| महिला टेनिस खिलाड़ी किम क्लिस्टर्स और एंडी मरे को साल के चौथे ग्रैंड स्लैम टूर्नार्मेंट अमेरिका ओपन में वाइल्ड कार्ड मिला। अमेरिका ओपन की शुरुआत 31 अगस्त से हो रही है।
किम अपनी 2009 की सफलता को दोहरना चाहेंगी जहां वह मां बनने के कारण लिए संन्यास से वापसी कर रही थीं उन्होंने वाइल्ड कार्ड से प्रवेश के बाद खिताब अपने नाम किया था। बाद में वह एक मात्र ऐसी पहली मां बनी जो डब्ल्टीए रैंकिंग में नंबर-1 रैंकिंग हासिल करने में सफल रहीं।
2005, 2009 और 2010 में अमेरिका ओपन का खिताब जीतने वाली किम सात साल के रिटायरमेंट के बाद 2020 की शुरुआत में वापसी करने में सफल रही थीं 2012 के बाद से वे अपना पहला अमेरिका ओपन टूर्नार्मेंट खेलेंगी।
विश्व के नंबर 129 खिलाड़ी मरे करीब से कट हासिल करने में चूक गए। 128 विश्व रैंकिंग वाले खिलाड़ियों को अमेरिका ओपन में सीधे प्रवेश मिला है। वह 2018 के बाद से अपना पहला अमेरिका ओपन खेलेंगे। 2017 और 2019 में वह चोट कारण इस टूर्नामेंट में नहीं खेले थे और 2019 आस्ट्रेलियन ओपन के बाद संन्यास के बारे में भी सोच रहे थे।
वहीं इस साल अमेरिका ओपन की ईनामी राशि में भी कटौती की गई है। इस बार पिछले साल के मुकाबले 8.50 लाख डॉलर (करीब 6 करोड़ 36 लाख रुपए) की कटौती की गई है।यूएसटीए ने कहा कि पुरुष और महिला एकल वर्ग में चैंपियन को 2020 में ईनाम के तौर पर तीन मिलियन डॉलर (करीब 22 करोड़ 54 लाख रुपए) मिलेंगे।
यूएसटीए के मुताबिक, इस साल टूर्नार्मेंट में हिस्सा लेने वाले खिलाड़ियों को कुल 53.4 मिलियन डॉलर (करीब 399 करोड़ रुपए) राशि ईनाम के तौर पर दी जाएगी, जोकि पिछले साल 57.2 मिलियन डॉलर (करीब 427 करोड़ रुपए) से करीब सात फीसदी कम है।
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शोएब अख्तर का भारतीय क्रिकेटरों के साथ हमेशा से प्रेमपूर्ण संबंध रहा है। यही वजह है कि अपने खेल के दिनों के दौरान अख्तर की भारतीय क्रिकेटरों से खूब पटती थी। रिटायरमेंट के बाद अख्तर ने क्रिकेट एक्सपर्ट के तौर पर भारत में काफी काम किया और इस दौरान उनकी कई भारतीय खिलाड़ियों के साथ दोस्ती और भी गहरी हुई थी।
अख्तर ने हाल ही में उस घटना को याद किया जब उन्होंने अपना प्यार दिखाते हुए भारतीय खिलाड़ी हरभजन सिंह और युवराज सिंह को चोटिल कर दिया था। अख्तर ने बताया कि वो खिलाड़ियों को चोटिल करके अपना प्यार जताते थे और इस तरह उन्होंने युवराज सिंह, शाहिद अफरीदी व अब्दुल रज्जाक को चोट पहुंचाई थी।
शोएब अख्तर ने बीबीसी के दूसरा पॉडकास्ट में कहा, ''मैं कुश्ती नहीं करता। दूसरों के प्रति अपना प्यार दिखाने का यह मेरा तरीका है। जब मैं किसी को पसंद करता हूं तो मैं उन्हें चोटिल करता हूं। युवराज सिंह, शाहिद अफरीदी और अब्दुल रज्जाक के साथ मैंने यही किया। मैंने युवी की बैक, अफरीदी का कंधा व रज्जाक की हेमस्ट्रिंग तोड़ी थी।
अख्तर ने आगे बताया, "तो आप कह सकते हैं कि मेरा तरीका थोड़ा जंगली है। मेरी जवानी में यह काफी मूर्खतापूर्ण था। मैंने अपनी ताकत को कभी ठीक से नहीं समझा।''
कुछ दिनों पहले अख्तर ने उस घटना को याद किया जब वह पाकिस्तान टीम में युवा खिलाड़ी थे और 1999 में कोलकाता टेस्ट के दौरान अपने करियर में पहली बार तेंदुलकर को गेंदबाजी कर रहे थे।
अख्तर ने एक साक्षात्कार में पाकिस्तानी न्यूज चैनल ARY न्यूज को बताया, “मैंने सुना है कि सचिन भगवान हैं। मैंने कहा यह कोई भगवान है? इसकी खैरियत नहीं है। उसने मुझे नहीं पहचाना और मैंने उन्हें नहीं पहचाना। मैं अपने एटिट्यूड में था और वो अपने। लेकिन मैं उसे पहली ही गेंद पर आउट करना चाहता था और वही हुआ।"
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