कोलकाता| शीर्ष भारतीय गोल्फर एसएसपी चौरसिया ने रविवार को कहा कि वह कोविड-19 जांच में पॉजिटिव पाये जाने के बाद यहां अपने घर में पृथकवास में है। उन्होंने कहा कि कोराना वायरस के चपेट में आने के कारण यूरोपीय टूर में प्रतिस्पर्धा करने की उनकी योजना को झटका लगा है।
लगातार दो बार इंडियन ओपन सहित यूरोपीय टूर के चार खिताब जीतने वाले चौरसिया रॉयल कलकत्ता गोल्फ कोर्स में अभ्यास कर रहे थे और उन्हें इस सप्ताह इंग्लैंड रवाना होना था।
इस 42 साल के खिलाड़ी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘‘ मुझमें इस बीमारी का कोई लक्षण नहीं था। लेकिन आव्रजन आवश्यकता के लिए मुझे कोविड-19 परीक्षण कराना पड़ा और शुक्रवार को आयी रिपोर्ट में मैं पॉजिटिव था। मैं उसी समय से घर में पृथकवास पर हूं।’’
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26 दिसंबर 2004 को दक्षिणी भारत सहित पडोसी देशों में हिन्द महासागर में उठे भूकंप के कारण समुद्र में लहरों ने विकराल रूप धारण कर लिया था। जिसे सुनामी लहरों के नाम से जाना गया। इन 100 फीट ऊँची लहरों ने कई देशों सहित करीब 2 लाख लोगों को अपनी चपेट में ले लिया था। जिससे उनके घर और इलाके सब तबाह हो गए थे। इतना ही नहीं भारत में इससे 10,136 लोग मर गए थे जबकि कई हजारों लोगों के घर तबाह हो गए थे जिससे वो बेघर हो गए थे।
इस तरह टीम इंडिया के पूर्व कप्तान व हेड कोच रह चुके अनिल कुंबले ने भी अपने उस समय को याद किया है। आर. आश्विन के साथ हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि उस समय वो अपनी पत्नी और 10 महीने के बच्चे के साथ चेन्नई में फंसे थे। तभी सुनामी लहरों के आने पर उन्होंने किसी तरह 2004 में खुद को बचाया था।
कुंबले ने आश्विन के यूट्यूब चैनल डीआरएस पर कहा, "हम मछुआरे के कोव [चेन्नई] में ठहरे थे। वहाँ मेरी पत्नी, मैं और हमारा दस महीने का बेटा - बस हम तीनों थे। हमने हवाई यात्रा की। हम नीचे सडक से नहीं जाना चाहते क्योंकि इसमें छह घंटे लगेंगे और हम नहीं चाहते थे कि मेरा बेटा इतनी लंबी यात्रा करे। हमने छुट्टी का आनंद लिया और उस दिन जब सुनामी लहरें आने वाली थी और हमारे जाने का दिन भी था। इसलिए मुझे जल्दी चेक आउट करना पड़ा क्योंकि 11:30 बजे सुबह की फ्लाइट थी, इसलिए मुझे होटल से लगभग 9:30 बजे निकलना था।"
कुंबले ने आगे कहा, "इस तरह आप तो जानते ही हैं मेरी पत्नी को, वो रात भर बैचेनी महसूस कर रही थी। इसलिए हम सुबह जल्दी उठ गए थे। चारों तरफ बादल घिरे हुए थे। हम समुद्र को देखते हुये कॉफ़ी पी रहे थे। सब कुछ शांत था। करीब सुबह 8:30 बजे हमने ब्रेकफास्ट किया तभी पहली लहर ने हिट किया। जिसके बारे में मुझे बिल्कुल भी अंदाजा नहीं था। तभी हमने एक कपल ( जोड़े ) को देखा जो वाकई भीग चुके थे और काँप रहे थे।"
कुंबले ने आगे बताया कि उन्हें लहरों की तीव्रता का बिल्कुल पता नहीं था मगर हाँ जबा वो चेक आउट कर रहे थे तब लोगो के चेहरों पर चिंता साफ़ जरूर दिखाई दे रही थी। उन्होने कहा, "मुझे नहीं पता वो क्या था। हम सब कार में बैठे और मछुआरे के कोव के आगे एक पुल था तो उस समय लहरें पुल को पार कर रही थी और पानी का स्तर काफी बढ़ चुका था। जैसा कि हम सिनेमा में देखते हैं लोग विपत्ति आने पर जो कुछ भी मिलता है उसे लेकर भागने लगते हैं। हमारे ड्राइवर का फोन लगातार कॉल से बज रहा था तब मैंने उससे सिर्फ गाड़ी चलाने पर फोकस रखने को कहा मगर वो कह रहा था बहुत सारा पानी सामने आ रहा है। बारिश नहीं हो रही थी और इतना सारा पानी आ रहा था। इसके अलावा हमें कुछ भी नहीं पता था।"
इसके आगे अंत में कुंबले ने कहा,"जब मैं वापस बैंगलोर आया उसके बाद टेलीविजन देखा तब पता लगा ये सुनामी लहरे थी। इस तरह हम बिल्कुल अनजान थे उस समय जो कुछ भी हमारे साथ हुआ।"
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पाकिस्तान के पूर्व धाकड़ बल्लेबाज बूम - बूम अफरीदी ने साल 1996 में 37 गेंदों पर श्रीलंका के खिलाफ शतक जड़कर पूरे वर्ल्ड क्रिकेट में अपने नाम का डंका बजवा दिया था। इतना ही नहीं अफरीदी के करियर का ये महज दूसरा मैच था। जिसमें उन्होंने तूफानी बल्लेबाजी करके साबित कर दिया था कि वो आने वाले समय में क्रिकेट के मैदान में किसी भी रिकॉर्ड को ध्वस्त कर सकते हैं।
हालांकि वनडे क्रिकेट में 37 गेंदों में शतक जड़ने का रिकॉर्ड अफरीदी के नाम 18 सालों तक रहा मगर बाद में इसे न्यूजीलैंड के कोरी एंडरसन ने इसे तोड़ दिया। इस तरह पाकिस्तान टीम में अफरीदी के एक साथी ने खुलासा करते हुए बताया है कि जिस बल्ले से अफरीदी ने श्रीलंका के खिलाफ अपने दूसरे वनडे में सबसे तेज शतक जदा वो बल्ला दरअसल क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का था। जिसे पाकिस्तान टीम के वकार युनुस को सचिन तेंदुलकर ने इसी तरह का बल्ला बनवाने के लिए सैम्पल के रूप में दिया था।
अफरीदी के पूर्व साथी खिलाड़ी अजहर महमूद ने बताया कि उसे डेब्यू मैच में नम्बर 6 पर बल्लेबाजी करने के लिए रखा गया। मगर उसे मौका नहीं मिला था। इसके बाद अगले मैच में श्रीलंका की तरफ से विस्फोटक बल्ल्लेबाज संत जयसूर्या और रोमेश कलुविथारणा की तूफानी सलामी बल्लेबाजी देखकर पाकिस्तान टीम के वकार को ये ख्याल आया कि वो अफरीदी को मैच में नम्बर 3 पर भी भेज सकते हैं।
जिसके बारे में द ग्रेटस्ट राइवेलरी पॉडकास्ट में बात करते हुए महमूद ने कहा, "उन दिनों, श्रीलंका के दो सलामी बल्लेबाज, जयसूर्या और विकेटकीपर कालुविथाराना शुरू में बहुत हमला करते थे। इसलिए, हमें लगा कि हमें किसी ऐसे व्यक्ति की जरूरत है जो नंबर 3 पर बल्लेबाजी कर सके। जिस पर वसीम ने हमे और अफरीदी को चुनते हुए कहा कि तुम लोग जाओ और नेट्स में लम्बे - लम्बे हिट्स मारने की कोशिश करो। मैं समझदारी से शॉट्स लगा रहा था मगर अफरीदी ने स्पिनरों के खिलाफ जाकर नेट्स में तूफ़ान ला दिया था।
इस तरह अगले मैच में जब 60 रन पर पहला विकेट पाकिस्तान के सलामी बल्लेबाज सलीम इलाही के रूप में गिरा तो अफरीदी नंबर 3 पर बल्लेबाजी करने उतरे। जिसके बाद उन्होंने अपनी तूफानी बल्लेबाजी से सभी का दिल जीतते हुए 11 छक्के और 6 चौकों की मदद से सिर्फ 37 गेंदों में शतक जड़ डाला। इस तरह शतक के बाद जो बल्ला उन्होंने हवा में लहराया था वो सचिन तेंदुलकर का गिफ्ट था। इसके बाद अफरीदी ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा और वो आगे चलकर पाकिस्तान की तरफ से वनडे क्रिकेट के शानदार खिलाड़ी बने। अफरीदी ने तब इस मैच में 40 गेंदों पर 104 रन की तूफानी पारी खेली थी।
इस तरह अफरीदी की पारी के बाद आगे महमूद ने कहा, "अगले दिन हमारा मैच श्रीलंका के खिलाफ था। उन्हों कहा अफरीदी 3 नंबर पर बल्लेबाजी करेगा। मेरे विचार से वकार को जो बल्ला सचिन ने दिया था वो अफरीदी को मिल गया था। जिससे उसने अपने करियर की सबसे बेहतरीन पारी खेली और एक बल्लेबाज के रूप में पहचान बनाई। अन्यथा उसकी टीम में एक गेंदबाज के रूप में एंट्री हुई थी जो समय आने पर गेंद को हिट कर लेता था।"
बता दें कि अफरीदी ने पाकिस्तान के लिए 27 टेस्ट, 398 वनडे और 99 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले। वर्ल्ड टी20-2016 के बाद अफरीदी ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।
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सिल्वरस्टोन| मर्सिडीज टीम के ड्राइवर लुइस हैमिल्टन ने रविवार को रिकॉर्ड सातवां ब्रिटिश ग्रां प्री खिताब अपने नाम कर लिया। आखिरी लैप में टायर पंक्चर होने के बावजूद हैमिल्टन चैंपियन बनने में सफल रहे। इस जीत के साथ ही हैमिल्टन ने फॉर्मूला वन विश्व चैंपियनशिप में 30 अंकों की बढ़त बना ली है। उन्होंने पोल पोजिशन के साथ इस रेस की शुरुआत की थी।
रेड बुल के मैक्स वेर्सटाप्पेन हैमिल्टन से छह सेकेंड अधिक लिया और वह दूसरे नंबर पर रहे। फरारी के चार्ल्स लेक्लर्क तीसरे स्थान पर रहे।
हैमिल्टन के टीम साथी वाल्टेरी बोटास का टायर भी पंक्चर हो गया और उन्हें 11वें स्थान से संतोष करना पड़ा।
आखिरी क्षणों में हैमिल्टन अपने साथी बोटास के साथ दूसरे नंबर पर चल रहे थे लेकिन जब तीन लैप बाकी था तब उनका टायर पंक्चर हो गया।
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कोरोना महामारी के बीच फैन्स के लिए अब इंडियन प्रीमीयर लीग ( आईपीएल ) का इंतज़ार अब खत्म हो चुका है और 19 सितंबर से सभी टीमें यूएई के मैदान में आईपीएल 2020 के ख़िताब को जीतने के लिए उतरेंगी। इसी बीच टीम इंडिया के पूर्व खिलाड़ी राहुल द्रविड़ का मानना है कि आईपीएल में चेन्नई सुपर किंग्स (सीएसके) की सफलता का प्रमुख कारण उनके कप्तान महेंद्र सिंह धोनी हैं। इस तरह एक कार्यक्रम द्रविड़ के साथ मौजूद बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष और सीएसके फ्रेंचाइजी के मालिक इंडिया सीमेंट्स के प्रमुख एन श्रीनिवासन भी उनकी बात पर हामी भरते नजर आए।
इस तरह एन श्रीनिवासन और राहुल द्रविड़ दोनों को ग्रेट लेक्स इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट द्वारा आयोजित एक वेबिनार में देखा गया। ऐसे में ईएसपीएनक्रिकइंफो के अनुसार इस वेबिनार में द्रविड़ ने सीएसके की सफलता के बारे में बताते हुए कहा, "सीएसके की सफलता देखोगे तो उनकी डाटा की पहुंच बहुत अच्छी है, उनके पास पीछे काम करने के लिए लोगों तक पहुंच बहुत अच्छी है और वे जूनियर स्तर पर क्रिकेट टीमें चलाते हैं। द्रविड़ ने कहा कि वे प्रतिभा को समझते हैं और इसलिए निश्चित रूप से उनके पास स्काउटिंग प्रक्रिया बहुत अच्छी है। लेकिन उनके पास ऐसा कप्तान भी है जो उनकी प्रवृति को बेहद अच्छी तरह समझता है।
वहीं टीम इंडिया में धोनी के साथ काफी समय तक क्रिकेट खेलने वाले राहुल द्रविड़ ने उनके बारे में बताते हुए आगे कहा, "धोनी को अच्छी तरह जानता हूं और उम्मीद करता हूं कि वह बिलकुल नहीं बदला लेकिन मैं जानता हूं कि धोनी डाटा और आकंड़ों पर विश्वास नहीं करता। सीएसके ने तीन बार आईपीएल खिताब अपने नाम किया है जो मुंबई इंडियंस से एक कम है और टीम 10 सत्र में इसका हिस्सा रही है और हर बार नॉकआउट तक पहुंची है।"
वही सीएसके के बारे में श्रीनिवासन ने कहा, "जब डाटा को काफी अहमियत दी जाती है तब कैसे धोनी की सहजता और फैसलों ने टीम को सफलता दिलाई। हम डाटा पर निर्भर रहते हैं। आपको उदाहरण दूं तो काफी गेंदबाजी कोच हैं और टी-20 मैच में वे हर बल्लेबाज की वीडियो चलाते हैं जिनके खिलाफ उन्हें खेलना होता है और वे देखते हैं कि वे कैसे आउट हुए, उसकी ताकत क्या है और उसकी कमजोरी क्या है।"
श्रीनिवासन ने आगे कहा, "धोनी इसमें हिस्सा नहीं लेता, वह पूरी तरह से सहज व्यक्ति है। गेंदबाजी कोच (मुख्य कोच स्टीफन) फ्लेमिंग इसमें होंगे और हर कोई इसमें होगा, हर कोई राय देगा लेकिन वह उठेगा और चला जाएगा। उसे ( धोनी ) लगता है कि वह मैदान पर बल्लेबाज या खिलाड़ी का आकलन कर लेगा। वहीं दूसरी ओर एक व्यक्ति के आकलन के लिए इतना डाटा मौजूद है। इसलिए डाटा और सहजता के बीच लाइन बनाना काफी मुश्किल है।"
बता दें कि आईसीसी विश्वकप 2019 के बाद से धोनी क्रिकेट के मैदान से दूर चल रहे हैं। ऐसे में 19 सितंबर से यूएई में होने वाले आईपीएल में फैन्स एक बार फिर धोनी को अपने पुराने रंग में बल्लेबाजी करते देखना चाहेंगे।
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Lecce lost 3-4 at home to mid-table Parma but would have dropped down to Serie B even if they had won as relegation rivals Genoa thumped Hellas Verona 3-0.
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