Thursday, 2 July 2020
Peter Fulton Steps Down As New Zealand Batting Coach To Join Canterbury Cricket
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पीटर फुल्टन ने न्यूजीलैंड क्रिकेट टीम के बेल्लेबाजी कोच पद से दिया इस्तीफा
पीटर फुल्टन ने कैंटरबरी पुरुष टीम का मुख्य कोच बनने के लिये न्यूजीलैंड का बल्लेबाजी कोच पद छोड़ दिया है। न्यूजीलैंड क्रिकेट ने यह जानकारी दी। न्यूजीलैंड की तरफ से 23 टेस्ट और 49 वनडे खेलने वाले पूर्व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर फुल्टन अगस्त 2019 में राष्ट्रीय टीम के बल्लेबाजी कोच नियुक्त किये गये थे।
वह श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गये और इस बीच न्यूजीलैंड ने इंग्लैंड और भारत की मेजबानी भी की। फुल्टन ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय टीम के साथ पूरा लुत्फ उठाया लेकिन कैंटरबरी के प्रस्ताव को नजरअंदाज करना मुश्किल था।
न्यूजीलैंड क्रिकेट (एनजेडसी) की वेबसाइट पर जारी बयान में 41 वर्षीय फुल्टन ने कहा, ‘‘राष्ट्रीय टीम का फिर से हिस्सा बनना सम्मान था तथा मैं खिलाड़ियों और स्टाफ का आभार व्यक्त करता हूं जिन्होंने मेरा तहेदिल से स्वागत किया। ’’
एनजेडसी के महाप्रबंधक ब्रायन स्ट्रोनैच ने फुल्टन को नयी नियुक्ति के लिये बधाई और शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा, ‘‘पीटर सम्मानित व्यक्ति है जिन्होंने न्यूजीलैंड टीम में अहम योगदान दिया। ’’
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फिल सिमन्स को कोच के पद से बर्खास्त करने की मांग पर क्रिकेट वेस्टइंडीज ने दिया बड़ा बयान
सेंट जोन्स। क्रिकेट वेस्टइंडीज (सीडब्लयूआई) ने अध्यक्ष रिकी स्किरिट ने अपनी राष्ट्रीय टीम के मुख्य कोच फिल सिमन्स का समर्थन करते हुए कहा कि उनके पद को खतरा नहीं है क्योंकि उन्होंने अपने ससुर के अंतिम संस्कार में भाग लेने के लिये अनुमति ली थी। क्रिकेट वेस्टइंडीज बोर्ड के सदस्य और बारबाडोस क्रिकेट संघ (बीसीए) के प्रमुख कोंडे रीले ने सिमन्स का इंग्लैंड के खिलाफ आठ जुलाई से शुरू होने वाली तीन टेस्ट मैचों की श्रृंखला से पहले जैव सुरक्षित वातावरण से बाहर निकलने को लापरवाही करार दिया था और उन्हें तुरंत बर्खास्त करने की मांग की थी।
लेकिन सीडब्ल्यूआई प्रमुख स्किरिट ने स्पष्ट कर दिया कि सिमन्स के पद को किसी तरह का खतरा नहीं है।
स्किरिट ने कान्फ्रेंस कॉल के जरिये कहा,‘‘मैं वेस्टइंडीज क्रिकेट के प्रशंसकों को आश्वस्त करना चाहता हूं कि क्रिकेट वेस्टइंडीज का सिमन्स को पूरा समर्थन हासिल है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि क्या कहा गया। फिल के पद को इस पत्र से कोई खतरा नहीं है।’’
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बता दें, क्रिकेट वेस्टइंडीज के बोर्ड सदस्य और बारबाडोस क्रिकेट संघ (बीसीए) के प्रमुख कोंडे रीले ने सिमन्स की हरकत को लापरवाही करार दिया था। हालांकि वेस्टइंडीज के इस पूर्व आलराउंडर ने सीडब्ल्यूआई की अनुमति ली थी और उन्होंने वापसी के बाद खुद को टीम से अलग थलग कर रखा है।
ईएसपीएनक्रिकइन्फो के अनुसार रीले ने कहा, ‘‘बीसीए से जुड़े खिलाड़ियों के माता पिता और सदस्य मेरे पास नाराजगी जता रहे हैं। इस तरह का व्यवहार गैरजिम्मेदाराना और लापरवाही वाला है। इससे ब्रिटेन दौरे पर गये उन 25 युवा खिलाड़ियों और पूरी प्रबंधन टीम की जान खतरे में पड़ी और इसे बर्दाश्त नहीं किया जा सकता है। हमें इस पर तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए।’’
सिमन्स अभी ओल्ड ट्रैफर्ड में स्टेडियम के पास स्थित होटल में पृथकवास पर हैं।
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अब इस गेंद का उपयोग नहीं करेगा ऑस्ट्रेलिया, बताई ये बड़ी वजह
मेलबर्न। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने शैफील्ड शील्ड के आगामी सत्र में ड्यूक्स गेंदों का उपयोग नहीं करने का फैसला किया है। उसने चार सत्र तक कूकाबुरा के साथ ड्यूक्स गेंदों का भी उपयोग किया था। क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया ने पुष्टि की कि 2020-21 के पूरे प्रथम श्रेणी सत्र में कूकाबूरा गेंदों का उपयोग किया जाएगा। ऑस्ट्रेलिया 2016-17 के सत्र से शैफील्ड मैचों में ड्यूक्स गेंदों का उपयोग कर रहा था ताकि उसके क्रिकेटर इंग्लैंड की मुश्किल परिस्थितियों के लिये तैयार हो सकें।
क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया के क्रिकेट संचालन प्रमुख पीटर रोच ने ड्यूक्स गेंदों का उपयोग नहीं करने के फैसले को सही करार दिया। रोच ने कहा, ‘‘ड्यूक्स गेंदों का उपयोग करना सार्थक प्रयास था विशेषकर इंग्लैंड में होने वाली एशेज श्रृंखला को देखते हुए जहां हमारा प्रतिद्वंद्वी ड्यूक्स गेंदों का उपयोग करता है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि हमारा मानना है कि 2020-21 सत्र में केवल एक तरह की गेंद का उपयोग करने से हमारे खिलाड़ियों को पूरे सत्र में लगातार चुनौती का सामना करना पड़ेगा तथा सीए और प्रांतीय संघ भी अभी ऐसा चाहते हैं। कूकाबूरा गेंद ऑस्ट्रेलिया में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट और दुनिया के कई हिस्सों में उपयोग की जाती है और हमें इस सत्र में इसका अधिकतम उपयोग करने में फायदे नजर आते हैं।’’
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रोच ने कहा कि हाल के वर्षों में प्रथम श्रेणी क्रिकेट में स्पिनरों का प्रभाव कम हुआ और इसने ड्यूक्स का उपयोग नहीं करने के फैसले में अहम भूमिका निभायी।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने पाया कि हाल के कुछ सत्र में शैफील्ड शील्ड में स्पिन गेंदबाजों की भूमिका कम हुई है विशेषकर उन मैचों में जिनमें ड्यूक्स गेंदों का उपयोग किया गया था। हम प्रथम श्रेणी क्रिकेट में स्पिनरों की भूमिका चाहते हैं। हम चाहते हैं कि हमारे बल्लेबाज स्पिनरों का सामना करें। हमें उम्मीद है कि केवल एक गेंद का उपयोग करने से इस मामले में सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलेगा।’’
रोच ने हालांकि कहा कि भविष्य में ड्यूक्स गेंदों को फिर से उपयोग में लाया जा सकता है।
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जब सचिन तेंदुलकर के बारे में यह बात कहकर पीयूष चावला ने चयनकर्ता को दिया था मुंहतोड़ जवाब
2007 टी20 वर्ल्ड कप और 2011 वनडे वर्ल्ड कप में टीम इंडिया का हिस्सा रहे पीयूष चावला ने हाल ही में बताया कि उन्होंने एक बार सचिन तेंदुलकर की स्ट्रेट ड्राइव का उदहारण देते हुए एक चयनकर्ता को मुंहतोड़ जवाब दिया था। चवला ने बताया कि एक बार एक चयनकर्ता ने उनकी आलोचना करते हुए कहा था कि तुम हमेशा विकेट गुगली से ही लेते हो। तब पीयूष चावला ने सचिन की स्ट्रेट ड्राइव का उदहारण देते हुए चयनकर्ता को लताड़ लगाई थी।
पीयूष चावला ने पूर्व सलामी बल्लेबाज आकाश चोपड़ा के यूट्यूब चैनल पर कहा “मुझे याद है एक बार मैंने एक चयनकर्ता से बात की थी। उस चयनकर्ता ने मुझे कहा था कि मैं सबसे ज्यादा विकेट गुगली से लेता हूं।"
चावला ने आगे कहा "मैं ऐसा व्यक्ति हूं जो चीजों को अपने दिल में नहीं रखता है, और मैं जल्दी वापस जवाब देता हूं। मेरी यह चीज बहुत लोगों को पसंद नहीं है। मैंने उनसे पूछा कि 'अगर सचिन पाजी अपनी स्ट्रेट ड्राइव से 100 में से 60 रन बनाते हैं, तो क्या उस शतक का मूल्य नहीं है'? मुझे लगता है कि उन्हें मेरे वो शब्द पसंद नहीं आए। लेकिन दिन के अंत में एक विकेट विकेट ही होता है।"
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चावला ने इस दौरान अपने टेस्ट टीम से भी ड्रॉप करने की बात कही। चावला ने भारत के लिए कुल 3 टेस्ट मैच खेले हैं जिसमें उन्होंने 7 ही विकेट लिए हैं। यह तीनों टेस्ट उन्होंने लंबे अंतराल में खेले। 2006 में डेब्यू टेस्ट खेलने के बाद चावला को दूसरा टेस्ट 2008 में और तीसरा टेस्ट 2012 में खेलने को मिला।
चावला ने कहा "सच कहूं तो पहले दो टेस्ट जो मैंने खेले उसमें मैंने अच्छा परफॉर्म नहीं किया था। मुझे पता है कि मैंने अच्छा नहीं किया था इसलिए मुझे कोई पछतावा नहीं है। तीसरे टेस्ट में मैंने अच्छा किया, लेकिन फिर भी मुझे टीम से बाहर किया गया। तब मुझे बुरा लगा था क्योंकि उस समय मुझे बाहर करने की वजह नहीं बताई गई थी। लेकिन आप केवल अपनी प्रक्रिया पर काम कर सकते हैं, मुझे निराशा हुई। लेकिन मैंने इसके बारे में ज्यादा नहीं सोचा, नहीं तो मैं अपने खेल का लुत्फ नहीं उठा पाता"
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... जब सचिन के साथ मैदान पर बल्लेबाजी करने उतरे थे एरोन फिंच तो सता रहा था उन्हें यह डर
ऑस्ट्रेलिया के लिमिटेड ओवरों के कप्तान एरोन फिंच ने 'सोनी टेन पीट्स टॉप शो' में भारत के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर के साथ अपनी बल्लेबाजी के अनुभव को साझा किया। इस दौरान उन्होंने बताया कि वह जब सचिन के साथ मैदान पर ओपनिंग करने उतरे थे तो उनके मन में क्या बातें चल रही थी।
दरअसल साल 2014 में लॉर्ड्स के मैदान पर मैरिलबोन क्रिकेट क्लब और रेस्ट ऑफ वर्ल्ड के बीच एक मुकाबला खेला गया था। इस मैच में शेन वॉर्न, ब्रयान लारा, राहुल द्रविड़ वीरेंद्र सहवाग और एडम गिलक्रिस्ट जैसे दिग्गजों ने हिस्सा लिया था।
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फिंच मैरिलबोन की तरफ से मैदान पर उतरे थे जिसमें सचिन तेंदुलकर भी शामिल थे। वहीं रेस्ट ऑफ वर्ल्ड की अगुआई शेन वार्न कर रहे थे। इस मुकाबले में रेस्ट ऑफ वर्ल्ड ने मैरिलबोन क्लब को 294 रनों का लक्ष्य दिया था। वहीं दूसरी पारी में सचिन के साथ फिंच मैदान पर बल्लेबाजी करने उतरे थे।
सचिन के साथ बल्लेबाजी के अनुभव को लेकर फिंच ने कहा, ''मेरे लिए काफी उत्साहित करने वाला पल था लेकिन मुझे डर भी लग रहा था। मुझे इस बात का डर सता रहा था कि रन लेते समय कही मैं सचिन को आउट ना करा दूं। मेरे दिमाग में बस यही चल रहा था कि सचिन को रन आउट नहीं कराना है।''
उन्होंने कहा, ''लॉर्ड्स के उस मैदान पर स्टेडियम दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था। भारतीय फैंस की संख्या बहुत अधिक थी और जब सचिन बल्लेबाजी के लिए मैदान पर उतरे थे तो स्टेडियम में सिर्फ सचिन-सचिन का नाम गूंज रहा था।''
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इस मैच में सचिन और फिंच के बीच 107 रनों की साझेदारी हुई थी जिसमें सचिन ने 44 रनों का योगदान दिया था। सचिन को श्रीलंका के पूर्व दिग्गज मुथैया मुरलीधन ने अपना शिकार बनाया था।
सचिन के आउट होने के बाद फिंच ने ब्रयान लारा, राहुल द्रविड़ और बाद शिवनरेन चंद्रपॉल के साथ भी बल्लेबाजी और अपनी टीम के लिए विजयी रन भी उन्ही के बल्ले से आया था।
वहीं रेस्ट ऑफ वर्ल्ड को लेकर फिंच ने कहा, ''शेन वॉर्न की कप्तानी वाली टीम में एडम गिलक्रिस्ट और वीरेंद्र सहवाग को एक साथ ओपनिंग बल्लेबाजी करते हुए देखना अद्भुत था। वहीं युवराज सिंह और केविन पिटरसन जैसे बल्लेबाजों ने टीम के लिए शानदार पारी खेली थी।
इस दौरान फिंच ने कहा कि मेरे लिए यह एक बेहतरीन अनुभव था जिसे मैं कभी नहीं भूल पाउंगा।
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Wednesday, 1 July 2020
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