पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर ने स्वीकार किया है कि उन्होंने फैसलाबाद में भारत के खिलाफ 2006 की सीरीज के दूसरे टेस्ट के दौरान एमएस धोनी को जानबूझ कर बीमर गेंद फेंकी थी जिसके बाद उन्हें पछतावा हुआ था। इस टेस्ट मैच की पहली पारी में धोनी ने अपना पहला टेस्ट शतक जड़ा था जिसमें 19 चौके और चार छक्के शामिल थे।
शोएब अख्तर ने फैसलाबाद टेस्ट को याद करते हुए बताया कि उस मैच में धोनी काफी अच्छा खेल रहे थे और विकेट भी बहुत स्लो था। ऐसे में उन्होंने परेशान होकर धोनी को बीमर गेंद फेंकी जिसका बाद में उन्हें काफी पछतावा हुआ और इसके लिए उन्होंने धोनी से माफी भी मांगी।
शोएब अख्तर ने आकाश चोपड़ा से यूट्यूब चैनल पर बातचीत करते हुए कहा, “मुझे लगता है कि मैंने फैसलाबाद में 8-9 ओवर फेंके थे। यह एक तेज स्पेल था और धोनी ने शतक बनाया। मैं गेंदबाजी करते-करते परेशान हो गया था। इसके बाद मैंने जानबूझकर धोनी को एक बीमर गेंद फेंकी और फिर धोनी से इसके लिए माफी भी मांगी।"
अख्तर ने आगे कहा, “यह मेरे जीवन में पहली बार था जब मैंने जानबूझकर किसी को बीमर गेंद फेंकी थी। मुझे ऐसा नहीं करना चाहिए था। बाद में मुझे इसका बहुत पछतावा हुआ। वह इतना अच्छा खेल रहा थे और विकेट बहुत धीमा था। मुझे लगता है कि मैं निराश हो गया था।”
इससे पहले शोएब अख्तर ने मैनचेस्टर में इंग्लैंड के खिलाफ खेले जा रहे पहले टेस्ट मैच के दूसरे दिन पाकिस्तान के पूर्व कप्तान सरफराज अहमद को 12वें खिलाड़ी के रूप में अपनी सेवाएं देते हुए देखकर भड़क गए थे। मैच के दूसरे दिन गुरुवार को पाकिस्तानी पारी के 71वें ओवर में सरफराज 12वें खिलाड़ी की तरह ड्रिंक्स और बल्लेबाज के लिए जूते ले जाते हुए दिखाई दिए। इसके बाद अख्तर ने पूर्व कप्तान से ऐसा करवाने पर टीम प्रबंधन की कड़ी आलोचना की थी।
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