साउथैम्पटन| आयरलैंड क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज जोश लिटिल को इंग्लैंड के खिलाफ खेले गए दूसरे मैच में आईसीसी की आचार संहिता के उल्लंघन के कारण फटकार लगाई गई है और उनके खाते में एक डीमेरिट अंक भी डाला गया है।
आयरलैंड और इंग्लैंड के बीच तीन मैचों की वनडे सीरीज खेली जा रही है जिसमें आयरलैंड की टीम 2-0 से आगे है।
लिटिल पर आईसीसी की आचार संहिता के अनुच्छेद 2.5 के उल्लंघन का आरोप है जिसमें खिलाड़ियों, सपोर्ट स्टाफ के साथ अंतर्राष्ट्रीय मैच में गलत भाषा, भद्दे इशारे जो किसी को आक्रामक रवैये के लिए उकसा सकते हैं, करना शामिल है।
लिटिल ने इंग्लैंड की पारी के 16वें ओवर के दौरान जॉनी बेयरस्टो को आउट कर उनके खिलाफ गलत भाषा का उपयोग किया था।
लिटिल ने अपना गुनाह कबूल कर लिया है और साथ ही मैच रेफरी फिल व्हाइटकेस द्वारा दी गई सजा को भी मान लिया है इसलिए किसी तरह की औपचारिक सुनवाई की जरूरत नहीं पड़ी।
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टोक्यो| टोक्यो ओलम्पिक और पैरालम्पिक आयोजन समिति ने सोमवार को अगले साल होने वाले पैरालम्पिक खेलों का कार्यक्रम जारी कर दिया है। यह खेल अगले साल 24 अगस्त से पांच सितंबर तक खेले जाएंगे। इन खेलों में 21 जगहों पर 22 खेलों की 539 स्पर्धाएं होंगी। ओलम्पिक खेलों और पैरालम्पिक खेलों का आयोजन इसी साल होना था लेकिन कोरोनावायरस के कारण इसे अगले साल तक के लिए टाल दिया गया है।
आयोजकों ने एक बयान में कहा, "टोक्यो 2020, अंतर्राष्ट्रीय ओलम्पिक समिति और अंतर्राष्ट्रीय पैरालम्पिक समिति ने अप्रैल में यह तय किया गया था टूर्नामेंट की तैयारी के हर पहलू पर जो प्रभाव पड़ा उसे देखते हुए 2021 का हर सत्र उसी तरह से आयोजित किया जाएगा जिस तरह से 2020 में प्लान किया गया था।"
पहला पदक पैरालम्पिक खेलों की शुरुआत के एक दिन बाद 25 अगस्त को महिला साइकिलिंग में दिया जाएगा। उसी दिन कुल 24 स्पर्धाओं में पदक दिए जाएंगे जिसमें 16 तैराकी, चार व्हीलचेयर फेंसिंग और चार साइकिलिंग में होंगे।
खेलों में एकल स्पर्धाओं में सबसे ज्यादा तादाद में हिस्सा लेंगे। कुल 167 पदक स्पधार्एं होंगी। उद्घाटन और समापन समारोह ओलम्पिक स्टेडियम में ही होगा। इतना ही नहीं टोक्यो पैरालंपिक खेल भलें ही होंगे 2021 में लेकिन इन्हें अधिकारिक तौर पर पैरालंपिक 2020 के नाम से ही जाना जाएगा।
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भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) भारत में क्रिकेट के खेल के लिए शासी निकाय के रूप में यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार है कि खिलाड़ी अपनी उम्र में गड़बड़ी करके अलग ग्रुप की उम्र के खिलाड़ियों के साथ क्रिकेट न खेल पाए। जिससे खेल भावना आहात ना हो। इस तरह अब उम्र और डोमिसाइल ( दूसरे राज्य का निवास प्रमाण पत्र ) की धोखाधड़ी को रोकने के लिए बीसीसीआई ने सीजन 2020-21 के लिए कुछ नए और कड़े नियम बनाए हैं। जो कि इस प्रकार है:-
1.पहले से पंजीकृत खिलाड़ियों के लिए स्वैच्छिक प्रकटीकरण योजना: इसके अंतर्गत जो भी खिलाड़ी इस समय अपनी उम्र छिपाकर गलत उम्र के वर्ग के साथ खेल रहे हैं। ऐसे में अगर वो सामने आ कर इस बात को कहते हैं तो उन्हें माफ़ी देकर उनके ग्रुप में डाल दिया जाएगा। इसके लिए खिलाड़ियों को एक पत्र लिख उसमें हस्ताक्षर कर भेजना या इमेल बीसीसीआई उम्र वैरिफिकेशन विभाग में करना होगा। जिसकी अंतिम तारिख 15 सितंबर 2020 है। इसके अलावा कुछ खिलाड़ी अगर सामने नहीं आते हैं और बाद में उनके जन्मप्रमाण पत्र गलत पाए जाते है तो उन्हें 2 साल का बैन जबकि बैन खत्म होने पर वो बीसीसीआई के ग्रुप वर्ग और राज्य के टूर्नामेंट में भी नहीं भाग ले पाएंगे।
2. 2020-21 के बाद, BCCI और राज्य इकाइयों के तत्वावधान में किसी भी क्रिकेट मैच के लिए नकली / छेड़छाड़ जन्म प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने वाले किसी भी खिलाड़ी पर 2 साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा। 2-वर्ष का निलंबन पूरा होने के बाद, ऐसे खिलाड़ियों को BCCI के आयु समूह टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी, साथ ही साथ राज्य इकाइयों द्वारा आयोजित आयु समूह टूर्नामेंट भी नहीं खेल सकेंगे।
3. सभी सीनियर जूनियर पुरुष और महिला खिलाड़ियों में से किसी ने भी डोमिसाइल धोखाधड़ी की तो उस पर भी 2 साल का प्रतिबंध लगाया जाएगा। हालांकि स्वैच्छिक प्रकटीकरण योजना उन क्रिकेटरों के लिए लागू नहीं होती है, जिन्होंने डोमिसाइल पर फर्जीवाड़ा किया है।
4. BCCI अंडर -16 आयु वर्ग के टूर्नामेंट के लिए, केवल उन खिलाड़ियों को पंजीकृत किया जाएगा जिनकी आयु 14-16 वर्ष के बीच है।
5. वहीं अंडर 19 टूर्नामेंट की बात करे तो इसमें कोई खिलाड़ी अगर अपना पंजीकरण अपने जन्म के दो साल बाद कराता है। जैसा की उसे जन्मप्रमाणपत्र में दर्ज होगा तो वो बीसीसीआई के अंडर 19 टूर्नामेंट्स में वो कितने साल खेल पाता है। इस पर पाबंदी लगा दी जाएगी।
इस तरह कड़े नियमों को बनाने में बीसीसीआई ने जीरो टोलरेंस पद्धिति को अपनाया है। इसके लिए एक हेल्पलाइन भी बनाई है जो 24X7 हमेशा खुली रहेगी इस प्रकार है (9820556566 / 9136694499)। जिस पर कोई भी कभी भी शिकायत या अपने बारे में बता सकता है।
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नई दिल्ली| भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) की राज्य संघों को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) 60 साल से अधिक के व्यक्तियों को ट्रेनिंग शिविर का हिस्सा बनने से रोकती है जिसका असर अरूण लाल और ऑस्ट्रेलियाई डेव वाटमोर पर पड़ सकता है जो क्रमश: बंगाल और बड़ौदा की टीमों के कोच हैं।
अप्रैल में 66 साल के वाटमोर को बड़ौदा का कोच नियुक्त किया गया था जबकि 65 साल के अरूण लाल के मार्गदर्शन में बंगाल ने मार्च में रणजी ट्रॉफी फाइनल में जगह बनाई थी। बीसीसीआई के 100 पन्ने से अधिक के एसओपी के एक दिशानिर्देश के अनुसार, ‘‘60 साल से अधिक की उम्र के सहयोगी स्टाफ, अंपायर, मैदानी स्टाफ और मधुमेह जैसी बीमारियों का उपचार करा रहे लोग, कमजोर इम्युनिटी वालों के लिए कोविड-19 को जोखिम अधिक माना जा रहा है।’’
इसके अनुसार, ‘‘सरकार के उचित दिशानिर्देश जारी करने तक ऐसे व्यक्तियों को शिविर की गतिविधियों में हिस्सा लेने से रोका जाना चाहिए।’’ अरूण लाल और वाटमोर दोनों सत्र पूर्व ट्रेनिंग शिविर में हिस्सा नहीं ले पाएंगे। बंगाल क्रिकेट संघ (कैब) के अध्यक्ष अविषेक डालमिया प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं थे लेकिन बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ‘‘यह एसओपी है। किसी भी टीम के लिए नियमों का उल्लंघन बेहद मुश्किल होगा। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि अरूण लाख या वाटमोर जैसे कोच को बाहर रहना होगा। ’’
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नई दिल्ली| भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने राज्य संघों को जारी मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) में कहा है कि खिलाड़ियों को अपने संबंधित केंद्रों में ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने से पहले सहमति पत्र पर हस्ताक्षर करना होगा। एसओपी में शिविर में हिस्सा लेने से ऐसे लोगों को प्रतिबंधित किया गया है जिनकी उम्र 60 बरस से अधिक है या जिनका उपचार चल रहा है। बीसीसीआई के 100 पन्ने के एसओपी के तहत खिलाड़ियों को फॉर्म पर हस्ताक्षर करने होंगे कि वे कोविड-19 महामारी के बीच ट्रेनिंग दोबारा शुरू करने को लेकर जोखिम से वाकिफ हैं।
भारत का 2019-2020 घरेलू सत्र मार्च में खत्म हुआ लेकिन आम तौर पर अगस्त में शुरू होने वाला नया सत्र विलंब से शुरू होगा और स्वास्थ्य संकट के बीच मैचों की संख्या में कटौती लगभग तय है।
क्रिकेट दोबारा शुरू करने को लेकर बीसीसीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार, ‘‘खिलाड़ियों, स्टाफ और संबंधित हितधारकों का स्वास्थ्य और सुरक्षा पूरी तरह से संबंधित राज्य क्रिकेट संघों की जिम्मेदारी होगी।’’ सरकार द्वारा उचित दिशानिर्देश जारी किए जाने तक 60 बरस से अधिक उम्र के सहयोगी स्टाफ, अधिकारियों और मैदानी स्टाफ के अलावा उपचार की प्रक्रिया से गुजर रहे लोगों को ट्रेनिंग शिविर में मौजूद रहने से प्रतिबंधित किया गया है। स्टेडियम तक पहुंचने से लेकर वहां ट्रेनिंग के दौरान खिलाड़ियों को कड़े सुरक्षा नियमों का पालन करना होगा।
शिविर शुरू करने से पहले मेडिकल टीम आनलाइन सवालों के जरिए सभी खिलाड़ियों और स्टाफ का यात्रा और मेडिकल इतिहास (पिछले दो हफ्ते का) पता करेगी। अगर किसी खिलाड़ियों या स्टाफ में कोविड-19 जैसे लक्षण दिखते हैं तो उसे पीसीआर परीक्षण कराना होगा। एसओपी के अनुसार, ‘‘एक दिन के अंतर पर (पहले और तीसरे दिन) दो परीक्षण कराने होंगे। अगर दोनों परीक्षण के नतीजे नेगेटिव आते हैं तभी खिलाड़ी को शिविर में शामिल किया जाएगा। ’’
खिलाड़ियों को स्टेडियम आने के दौरान एन95 मास्क (रेस्पिरेटर वाल्व के बिना) पहनना होगा और उन्हें सार्वजनिक स्थलों के अलावा ट्रेनिंग के दौरान चश्मा पहनने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा। शिविर के आयोजन से पहले मुख्य चिकित्सा अधिकारी सभी खिलाड़ियों और स्टाफ के लिए वेबिनार का आयोजन करेगा और शिविर के पहले दिन शैक्षिक कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।
खिलाड़ियों को स्टेडियम आने के दौरान अपने वाहन की व्यवस्था करने की सलाह दी गई है। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के प्रतिबंध को देखते हुए खिलाड़ियों के गेंद पर लार लगाने पर प्रतिबंध होगा।
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