Reality Of Sports

Tuesday, 9 June 2020

सौरव गांगुली और जय शाह ने लिया एसीसी बैठक में हिस्सा, एशिया कप 2020 पर फैसला टला

Sourav Ganguly and JaY Shah participate in ACC meeting, postpone decision on Asia Cup 2020 Image Source : AP

नई दिल्ली। एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) के कार्यकारी बोर्ड ने इस साल होने वाले एशिया कप टी20 टूर्नामेंट के भविष्य को लेकर फैसला टाल दिया है। इस तरह की अटकलें हैं कि कोरोना वायरस महामारी के कारण इस टूर्नामेंट को स्थगित किया जा सकता है। एशिया कप का आयोजन सितंबर में होना है। इस बाद मेजबानी की बारी पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) की है और अगर इसका आयोजन होता है तो किसी अन्य देश में होगा क्योंकि भारतीय टीम के पाकिस्तान जाने की संभावना नहीं है। 

पता चला है कि एसीसी ऑस्ट्रेलिया में होने वाले टी20 विश्व कप (अक्टूबर-नवंबर) पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के फैसले का इंतजार करेगा और उसके बाद ही एशिया कप पर फैसला करेगा। 

सोमवार को बैठक के बाद एसीसी ने प्रेस रिलीज में कहा,‘‘बोर्ड ने एशिया कप 2020 के आयोजन के महत्व पर जोर दिया। कोविड-19 महामारी के प्रभाव और परिणाम को देखते हुए एशिया कप 2020 संभावित आयोजन स्थल के विकल्पों पर चर्चा की गई और फैसला किया गया कि समय आने पर अंतिम फैसला किया जाएगा।’’ 

ये भी पढ़ें - भारत के खिलाफ छींटाकशी नहीं करेगा ये ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी, कहा कोहली उठाते हैं इसका फायदा

एसीसी बोर्ड बैठक की अध्यक्षता बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड (बीसीबी) अध्यक्ष नजमुल हसन पेपोन ने की और यह पहली महाद्वीपीय बैठक है जिसमें भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली (बोर्ड सदस्य) और सचिव जय शाह (पदेन अधिकारी) ने हिस्सा लिया। 

इस मामले की जानकारी रखने वाले एसीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि टूर्नामेंट को स्थगित किए जाने को लेकर चर्चा हुई लेकिन वैकल्पिक तिथियों को लेकर कोई सहमति नहीं बनी। इसके अलावा चीन में होने वाले 2022 एशियाई खेलों में एसीसी के शामिल होने पर भी चर्चा की गई। रिलीज के अनुसार, ‘‘बोर्ड को चीन के हांगझू में होने वाले 2022 एशियाई खेलों में एसीसी के शामिल होने की स्थिति और प्रगति पर जानकारी दी गई।’



from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/2MG6vqx

भारत के खिलाफ छींटाकशी नहीं करेगा ये ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी, कहा कोहली उठाते हैं इसका फायदा

Mathew Wade feels verbal duels with Virat Kohli backfire Image Source : GETTY IMAGES

मेलबर्न। ऑस्ट्रेलिया के विकेटकीपर बल्लेबाज मैथ्यू वेड ने मंगलवार को कहा कि भारत के खिलाफ इस साल के आखिर में होने वाली घरेलू टेस्ट श्रृंखला के दौरान वह छींटाकशी से दूर रह सकते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि विराट कोहली और टीम इसका उपयोग फायदे के तौर पर करती है। वेड इससे पहले अपने विरोधियों पर कड़ी टिप्पणियां करते रहे हैं। विशेषकर भारत के खिलाफ 2017 की वनडे श्रृंखला और पिछले साल की एशेज श्रृंखला के दौरान उन्होंने ऐसा किया था। लेकिन इस 32 वर्षीय खिलाड़ी ने कहा कि वह भारतीय खिलाड़ियों के साथ शाब्दिक जंग में नहीं उलझना चाहते हैं क्योंकि इससे उनको बेहतर प्रदर्शन करने के लिये प्रेरणा मिलेगी। 

वेड ने वीडियो कान्फ्रेन्स के जरिये पत्रकारों से कहा,‘‘वह बेहद कड़ी टीम है। वे इसका (छींटाकशी) उपयोग अपने फायदे के लिये करते हैं। विराट जिस तरह से अपने शब्दों का चयन करता है या हावभाव दिखाता उससे लग जाता है कि बहुत चालाक है। इसलिए वे इसे अब फायदे के लिये उपयोग करते है। ईमानदारी से कहूं तो मैं इसमें (छींटाकशी) ज्यादा शामिल नहीं होना चाहता।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘मैं जानता हूं कि इससे उनका उत्साह बढ़ता है। वे अभी दुनिया में किसी भी अन्य टीम की तुलना में इसका बेहतरी के लिये इस्तेमाल करते हैं इसलिए मैं इस बार इससे दूर रह सकता हूं।’’ 

ये भी पढ़ें - मैं अपनी तुलना कोहली या रोहित शर्मा से नहीं कर सकता हूं - राहुल द्रविड़

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला का पहला मैच तीन दिसंबर से ब्रिस्बेन के गाबा में शुरू होगा। इसके बाद के मैच एडिलेड ओवल (11 से 15 दिसंबर) , मेलबर्न (26 से 30 दिसंबर) और सिडनी (तीन से सात जनवरी) में खेले जाएंगे। 

ऑस्ट्रेलिया की तरफ से 32 टेस्ट, 94 वनडे और 29 टी20 अंतरराष्ट्रीय खेलने वाले वेड ने कहा कि भारत कड़ा प्रतिद्वंद्वी है जिसके बाद अच्छे क्षेत्ररक्षक भी हैं। उन्होंने कहा,‘‘मैं भाग्यशाली रहा हूं कि मैं उनके खिलाफ भारत में खेला हूं लेकिन मुझे कभी उनके खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में खेलने का मौका नहीं मिला। भारत में उनसे दो बार खेला हूं जो कि चुनौतीपूर्ण है। वह बेहद कड़ी टीम है।’’ 

वेड ने कहा,‘‘वे आपको कड़ी चुनौती देते हैं। उनके क्षेत्ररक्षक सतर्क रहते हैं जो पहले भारत का कमजोर पक्ष होता था। उनके पास अच्छे तेज गेंदबाज भी हैं जो पिछले चार पांच साल से टीम से जुड़े हैं। इसलिए भारत के खिलाफ ऑस्ट्रेलिया में खेलना दिलचस्प होगा। तेजी गेंदबाजी उनका मुख्य अस्त्र होगा। यह शानदार चुनौती होगी। ’’



from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/2XMrpKZ

मैं अपनी तुलना कोहली या रोहित शर्मा से नहीं कर सकता हूं - राहुल द्रविड़

I can't compare myself to Kohli or Rohit Sharma - Rahul Dravid Image Source : GETTY IMAGES

नई दिल्ली। राहुल द्रविड़ को यह स्वीकार करने में कोई दिक्कत नहीं कि वह जिस तरह से धीमी बल्लेबाजी करते थे उसे देखते उनके लिये आज की अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में बने रहना मुश्किल होता लेकिन इसके साथ ही उनका मानना है कि रक्षात्मक तकनीकी का अस्तित्व बना रहेगा भले ही इसका महत्व कम होता जा रहा है। द्रविड़ ने कहा कि विराट कोहली और रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों ने एकदिवसीय क्रिकेट में नये प्रतिमान स्थापित कर दिये हैं लेकिन टेस्ट क्रिकेट में चेतेश्वर पुजारा जैसे बल्लेबाज की हमेशा जरूरत रहेगी। 

जहां तक उनकी खुद की बात है तो उन्हें रक्षात्मक कहलाने में गुरेज नहीं क्योंकि वह शुरू से ही टेस्ट खिलाड़ी बनना चाहते थे। द्रविड़ ने पूर्व भारतीय खिलाड़ी संजय मांजरेकर के साथ ईएसपीएनक्रिकइन्फो वीडियोकास्ट में कहा,‘‘अगर इसका मतलब लंबे समय तक क्रीज पर बने रहना या गेंदबाजों को थकाना या मुश्किल परिस्थितियों में नई गेंद की चमक खत्म करना है ताकि बाद में खेलना आसान हो सके तो मैं ऐसा करता था।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘मैं इसे अपनी भूमिका के तौर पर देखता था और मुझे इस पर गर्व है। इसका मतलब यह नहीं है कि मैं वीरेंद्र सहवाग के जैसे बल्लेबाजी नहीं करना चाहता था या उस तरह से शॉट नहीं खेलना चाहता था लेकिन हो सकता है कि मेरा कौशल अलग तरह का हो। मेरा कौशल प्रतिबद्धता और एकाग्रता से जुड़ा था और मैंने इस पर काम किया।’’ 

इस पूर्व कप्तान ने इसके साथ ही कहा कि वह 300 से अधिक वनडे में खेले जिसका मतलब है कि उनकी भूमिका केवल विकेट बचाये रखने तक ही सीमित नहीं थी। द्रविड़ ने कहा,‘‘निश्चित तौर पर मैं जिस तरह से बल्लेबाजी करता था अगर आज के दिनों में वैसी बल्लेबाजी करता तो मैं (टीम में) टिक नहीं पाता। आज का स्ट्राइक रेट देखो। वनडे क्रिकेट में मेरा स्ट्राइक रेट सचिन (तेंदुलकर) या वीरू (सहवाग) जैसा नहीं था लेकिन तब हम उसी तरह से क्रिकेट खेला करते थे।’’ 

उन्होंने कहा,‘‘मैं अपनी तुलना कोहली या रोहित शर्मा से नहीं कर सकता हूं क्योंकि उन्होंने वनडे के प्रतिमानों को एक नये स्तर पर पहुंचा दिया है। लेकिन ईमानदारी से कहूं तो मैं एक टेस्ट खिलाड़ी बनने की सोच के साथ आगे बढ़ा था।’’ 

ये भी पढ़ें - महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ में वीवीएस लक्ष्मण ने पढ़े कसीदे, कह दी ये बात

क्रिकेट अब बड़े स्कोर वाला खेल बन गया है लेकिन द्रविड़ ने कहा कि रक्षात्मक बल्लेबाजी से किसी को खेल के सर्वश्रेष्ठ प्रारूप (टेस्ट) में कड़े स्पैल और मुश्किल परिस्थितियों से बाहर निकलने में मदद मिलती है। उन्होंने कहा,‘‘मुझे लगता है कि भले ही इसका महत्व कम होता जा रहा है लेकिन आपको तब भी अपने विकेट का बचाव करना होता है। आज के दिन में क्रिकेट में बने रहने के लिये आपका टेस्ट क्रिकेटर होना जरूरी नहीं है। आप टी20 या वनडे में करियर बना सकते हैं और रक्षात्मक तकनीकी के बिना भी खेल में बने रह सकते हो।’’ 

द्रविड़ ने कहा,‘‘एक पीढ़ी पहले आपको खेल में बने रहने के लिये टेस्ट क्रिकेटर होना पड़ता था। कई खिलाड़ियों की आज भी अच्छी रक्षात्मक तकनीकी है फिर चाहे वह कोहली हो, (केन) विलियमसन या (स्टीव) स्मिथ।’’ 

द्रविड़ ने पुजारा की भी जमकर तारीफ की जो भारत के टेस्ट विशेषज्ञ हैं। उन्होंने कहा,‘‘सौराष्ट्र जैसी जगह से आने के बाद उसे जल्द ही पता चल गया कि उसे अन्य खिलाड़ियों की तुलना में कुछ खास करने की जरूरत है। इसलिए उसने अपनी प्रत्येक पारी को विशेष बनाने की कोशिश की और इस तरह से अपनी बल्लेबाजी को आगे बढ़ाया।’’ 

द्रविड़ ने कहा,‘‘उसके पास कई तरह के शॉट हैं और वह इसे जानता है। स्पिनरों के सामने वह बेजोड़ है और वह स्ट्राइक रोटेट भी करता है। पुजारा ने अपने खेल पर बहुत अच्छी तरह से काम किया है। उसकी एकाग्रता लाजवाब है। पुजारा जैसे खिलाड़ी के लिये टीम में हमेशा जगह रहेगी क्योंकि उनकी तकनीकी मैच जिताने में हमेशा योगदान देगी।’’ 

ये भी पढ़ें - आज ही के दिन वर्ल्ड कप 2019 में विराट कोहली ने इस अंदाज में जीता था दुनिया का दिल

द्रविड़ ने इसके साथ ही कहा कि टेस्ट की तुलना में छोटे प्रारूपों में तकनीकी कमजोरियों पर बहुत ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। उन्होंने कहा,‘‘टी20 प्रारूप में आप अपने कमजोर पक्षों के साथ जी सकते हो लेकिन अगर आपकी कमजोरी साफ नजर आ रही हो तो आप टेस्ट क्रिकेट में नहीं बने रह सकते। टी20 क्रिकेट में आपकी कोई विशेष भूमिका होती है और अगर आप उसमें खरे उतरते हो तो आप सफल हो सकते हो।’’ 

टी20 कमाई का आसान साधन है लेकिन इसके बावजूद द्रविड़ को नहीं लगता कि प्रत्येक प्रारूप में खेलने वाले खिलाड़ियों की संख्या में कमी आ रही है। उन्होंने कहा,‘‘भारत के लिये अच्छी बात है कि विराट कोहली टेस्ट क्रिकेट को महत्व देते हैं। वह हमेशा इस बारे में बात करता है। और मेरे नजरिये में वह हमारे युवा क्रिकेटरों के लिये बहुत अच्छा आदर्श स्थापित कर रहे हैं।’’ 

द्रविड़ ने कहा,‘‘मैंने कई युवा खिलाड़ियों के साथ काम किया है और जब वे शुरुआत करते हैं तो उनके आदर्श कोहली या केन विलियमसन या स्मिथ होते हैं। वे खेल के सभी प्रारूपों में खेलना चाहते हैं।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन कुछ कम प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को लगता है कि कोहली या पुजारा या अंजिक्य रहाणे के रहते हुए टीम में जगह बनाना मुश्किल है। लेकिन वे जानते हैं कि अगर वे सीमित ओवरों की क्रिकेट पर मेहनत करते हैं तो निश्चित तौर पर आईपीएल टीम में जगह बना सकते हैं और आसानी से आजीविका चला सकते हैं।’’



from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/2Y93rIE

महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ में वीवीएस लक्ष्मण ने पढ़े कसीदे, कह दी ये बात

VSS Laxman Latest Tweet For MS Dhoni World Cup 2007 Image Source : GETTY IMAGES

भारतीय पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने आज अपनी ट्विटर सीरीज में महेंद्र सिंह धोनी की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। लक्ष्मण ने पिछले हफ्ते से ट्विटर पर एक अगल प्रकार की सीरीज शुरू की है जिसमें वह अपने साथी खिलाड़ियों की तस्वीर साझा कर उनके बारे में लिखते हैं। यह वह खिलाड़ी हैं जिन्होंने या तो लक्ष्मण के साथ खेला है या फिर उनको प्रभावित किया है। इस सीरीज में लक्ष्मण सचिन तेंदुलकर और सौरव गांगुली समेत कई दिग्गजों की तारीफ कर चुके हैं।

धोनी की तारीफ करते हुए लक्ष्मण ने लिखा "क्रिकेट को सिर्फ एक खेल के रूप में देखना और उसकी तुलना जीवन और मृत्यु से ना करने की योग्यता के धन्य, महेंद्र सिंह धोनी हमेशा धैर्य से काम लेते हैं, खास कर दबाव भरी स्थिती में। एक लीडर जो अपने काम के माध्यम से जाना जाता है उसने 2007 वर्ल्ड कप जीतकर अपनी शानदार कप्तानी की शुरुआत की।"

2004 में भारतीय टीम में डेब्यू करने वाले महेंद्र सिंह धोनी पहले टी20 वर्ल्ड कप में युवा भारतीय टीम की अगुवाई कर रहे थे। इस वर्ल्ड कप को जीतकर धोनी ने अपनी सफल कप्तानी की शुरुआत की। 

ये भी पढ़ें - वहाब रियाज ने बताया टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास का कारण, कहा दो साल से किया जा रहा था नजरअंदाज

धोनी की कप्तानी में टीम इंडिया ने टेस्ट क्रिकेट में नंबर 1 स्थान भी हासिल किया और साथ ही विदेशी सरजमीं पर भी जीत का परचम लहराया। धोनी की अगुवाई में ही टीम इंडिया ने वर्ल्ड कप 2011 जीतकर 28 साल का सूखा भी खत्म किया था। उस वर्ल्ड कप के फाइनल मैच में धोनी ने शानदार छक्का लगाकर टीम इंडिया को जीत दिलाई थी।

दो वर्ल्ड कप जीतने के बाद धोनी ने भारत को 2013 में आईसीसी चैंपियंस ट्रॉफी भी जिताई और वह वर्ल्ड क्रिकेट में आईसीसी की तीनों ट्रॉफी जीतने वाले पहले कप्तान बनें।

ये भी पढ़ें - टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड रवाना हुई वेस्टइंडीज की टीम, 8 जुलाई को होगा पहला मैच

टेस्ट क्रिकेट से रिटायरमेंट लेने से पहले धोनी ने भारत के लिए कुल 90 मैच खेले जिसमें उन्होंने 33 अर्धशतक और 6 शतक के साथ 4876 रन बनाएं। धोनी भारत के लिए अभी तक 350 वनडे मैच खेल चुके हैं जिसमें उन्होंने 10773 रन बनाए हैं।

वर्ल्ड कप 2019 के बाद से ही धोनी ने कोई अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेला है जिस वजह से बीसीसीआई ने भी उन्हें सालाना कॉन्ट्रैक्ट से बाहर कर दिया है। आईपीएल के जरिए धोनी के क्रिकेट के मैदान पर वापसी करने की उम्मीद थी, लेकिन यह टूर्नामेंट कोरोनावायरस की वजह से अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गया है।



from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/3haUuHt

ICC Hopes To End T20 World Cup Impasse, Figure Nominations For Chairmanship In Virtual Meet

ICC will hope to end the impasse surrounding the future of this year's T20 World Cup in Australia and sort the nomination process for its next chairman when the board members meet virtually on Wednesday.

from Latest All News, All Info, Sports News Updates - NDTVSports.com https://ift.tt/3h4Z9Lc

Raheem Sterling Calls For More Black Managers In Football

Raheem Sterling contrasted the managerial paths of Steven Gerrard and Frank Lampard to equally experienced black players who have been compelled to start much lower down the ladder.

from Latest All News, All Info, Sports News Updates - NDTVSports.com https://ift.tt/37g0dHq

वहाब रियाज ने बताया टेस्ट क्रिकेट से अपने संन्यास का कारण, कहा दो साल से किया जा रहा था नजरअंदाज

Wahab Riaz said the reason for his retirement from Test cricket, was being ignored for two years Image Source : GETTY IMAGES

हाल ही में पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने अपने नए केंद्रीय अनुबंध का ऐलान किया था। इस नए अनुबंध में कई बड़े बदलाव किए गए थे। सरफराज खान का ग्रेड गिराया गया था वहीं आमिर और वाहब रियाज को बाहर का रास्ता दिखाया गया था। कहा जा रहा था कि टेस्ट क्रिकेट से इन दोनों खिलाड़ियों ने संन्यास लिया हुआ है जिस वजह से पीसीबी ने उन्हें नए कॉन्ट्रैक्ट में जगह नहीं दी है। लेकिन अब वाहब रियाज ने इसके विपरीत बयान दिया है। वाहब ने बताया है कि टेस्ट क्रिकेट में लगातार नजरअंदाज किए जाने के बार उन्होंने इस पारंपरिक प्रारूप से संन्यास का ऐलान किया है।

इस वामहस्त तेज गेंदबाज ने कहा कि उन्हें अक्टूबर 2018 के बाद पाकिस्तान की टेस्ट टीम में नहीं चुना गया जो इस प्रारूप से संन्यास लेने का मुख्य कारण था। वहाब ने एक साक्षात्कार में कहा, ‘‘मैंने अक्टूबर 2017 में एक टेस्ट मैच खेला था और इसके बाद मुझे अगला मौका इसके ठीक एक साल बाद अक्टूबर में ही ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सपाट पिच पर मिला और इसके बाद मुझे टीम से बाहर कर दिया गया।’’ 

पाकिस्तान की तरफ से 27 टेस्ट, 89 वनडे और 31 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने वाले इस तेज गेंदबाज ने कहा,‘‘अगर मैं नहीं खेल सकता तो फिर यह प्रारूप मेरे लिये नहीं बना है। मैं सीमित ओवरों की क्रिकेट पर ध्यान देने लगा क्योंकि मुझे लगा कि टी20 और वनडे पर ध्यान केंद्रित करना बेहतर होगा।’’ 

ये भी पढ़ें - टेस्ट सीरीज के लिए इंग्लैंड रवाना हुई वेस्टइंडीज की टीम, 8 जुलाई को होगा पहला मैच

टेस्ट क्रिकेट में 2010 में पदार्पण करने वाले वहाब और एक और अन्य तेज गेंदबाज मोहम्मद आमिर को पीसीबी ने पिछले महीने अपने नये केंद्रीय अनुबंध में जगह नहीं दी। इन दोनों का टेस्ट क्रिकेट से संन्यास लेना इसका मुख्य कारण माना गया था। 

वहाब ने कहा, ‘‘मैं फिट हूं और अच्छी गेंदबाजी कर रहा हूं। मैं सीमित ओवरों की क्रिकेट में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करना चाहता हूं। केंद्रीय अनुबंध में नहीं लेना यह क्रिकेट बोर्ड के हाथ में है।’’

ये भी पढ़ें - 15 साल पहले लगे रेप के आरोप पर खुलकर बोले शोएब अख्तर, कहा पीसीबी ने की थी ये हरकत  

उल्लेखनीय है, सीनियर खिलाड़ियों को कॉन्ट्रैक्ट से बाहर करने के बाद पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने कहा था "उन्हें कॉन्ट्रैक्ट इस वजह से नहीं दिया गया क्योंकि बोर्ड चाहता था कि कॉन्ट्रैक्ट में खिलाड़ियों की संख्या कम करें ताकी खिलाड़ियों में प्रतिस्पर्धा पैदा हो सके और हमे लगा कि हमें युवा खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने की जरूरत है।"

मिस्बाह ने आगे कहा "वह दोनों वर्ल्ड कप 2023 तक हमारे प्लान का हिस्सा हैं। वह अभी भी सफेद गेंद से क्रिकेट खेल रहे हैं और भूले ना कि वर्ल्ड कप 2023 से पहले हमें दो टी20 वर्ल्ड कप खेलने हैं। वह हमारी योजनाओं में है और जब जरूरत पड़ेगी वो खेलेंगे।"'



from India TV Hindi: sports Feed https://ift.tt/2YhbJyd

Pacers Unlikely To Give Clear Advantage To South Africa In WTC Final Against Australia: Jonty Rhodes

As South Africa prepares for its World Test Championship final against Australia at Lord's, legendary cricketer Jonty Rhodes says the Pr...