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Saturday, 1 September 2018

शिखर समागम 2018 : कहानी बनारस की ' सिंह सिस्टर्स' की, 5 बहनें जिन्होंने 'बास्केटबॉल' को बनाया अपना सपना

<p style="text-align: justify;"><strong>नई दिल्ली:</strong> इस देश में कई ऐसे लोग है जिनके घर कोई लड़का पैदा होता है तो उन्हें ज्यादा खुशी होती है तो वहीं एक लक्ष्मी अगर जन्म लेती है तो वो निराश हो जाते हैं. खैर ये रवैया अब धीरे धीरे बदल रहा है लेकिन कई लोग अब भी ऐसे हैं जो अपने घर में बेटी को नहीं चाहते और अगर बेटी आती भी है तो वो उसे पढ़ा लिखाकर कुछ बड़ा बनाने या किसी खेल में दिलचस्पी दिखाने के अलावा उसकी छोटी सी उम्र में शादी कर उसका घर बसा देते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">जकार्ता में एशियन गेम्स 2018 खेले जा रहे हैं. यहां कई खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं जिनमें कई महिलाएं भी शामिल हैं. भारत यहां अबतक कुल 67 मेडल्स जीत चुका है जिसमें 15 गोल्ड, 23 सिल्वर और 29 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं. इन मेडल्स में लड़कियों के नाम कुल 30 मेडल हैं. इस बात से एक बात तो तय है कि अब भारत बदल रहा है. लड़कियां पढ़ाई के अलावा अब खेल में हिस्सा ले रही है और देश को मेडल दिलवा रहीं हैं. कुछ ऐसी ही कहनी बनारस के उस परिवार की भी जहां 5 बेटियों ने जन्म लिया था लेकिन आज सभी नेशनल लेवल की बास्केटबॉल खिलाड़ी है और कई टूर्नामेंट्स के साथ विदेशी टीमों को मात दे चुकी है.</p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://static.abplive.in/wp-content/uploads/sites/2/2018/09/01133905/SHIKHAR-SAMAGAM-SINGH-SISITERS-6.jpg"><img class="alignnone size-full wp-image-953993" src="https://ift.tt/2wzX57p" alt="" width="720" height="576" /></a></p> <p style="text-align: justify;">जी हां हम बात कर रहे हैं अकांशा, दिव्या, प्रशांति, प्रतिमा और प्रियंका की. इन 5 बहनों की कहानी भी कुछ ऐसी है जो आप अपने आसपास देखते हैं. इन बेटियों ने जब अपने घर में जन्म लिया था तो इनके माता- पिता इन्हें पढ़ा लिखाकर सरकारी नौकरी करवाना चाहते थे लेकिन शायद इनकी किस्तम को कुछ और ही मंजूर था. ये बेटियां जैसे ही 15 साल की हुई इन्होंने अपनी जिंदगी यानी की बास्केटबॉल को चुना और खेलना शुरू कर दिया. जिसका नतीजा ये हुआ कि बगल में स्पोर्ट्स अथॉरिटी ऑफ इंडिया के कोच जो पुरूषों की टीम को कोचिंग देते थे उन्हें भी एक समय के लिए ऐसा लगा कि ये लड़किया ये सब कैसे कर पाएंगी.</p> <p style="text-align: justify;">इन बेटियों के पिता चाहते थे कि ये सरकारी नौकरी करें लेकिन इनकी मां इनका हमेशा सपोर्ट करती थीं. इस खातिर उन्हें कई तानों से भी गुजरना पड़ता था जहां कई आस पड़ोस के लोग इन बहनों को शॉर्ट्स, टीशर्ट में देख  इनकी मां को ताना मारते थे तो वहीं ये भी कहते थे कि इन लड़कियों को क्या करवाया जा रहा है?  ये क्यों लड़कों के बीच में खेलती हैं? जिसका जवाब इनकी मां सिर्फ यही कहकर देती थीं कि, ये आप लोगों पर निर्भर करता है कि आप किसे लड़का और लड़की मानते हैं मैं ने इन्हें अब भी बच्ची समझती हूं जो अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन रात मेहनत कर रही हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://static.abplive.in/wp-content/uploads/sites/2/2018/09/01133920/SHIKHAR-SAMAGAM-SINGH-SISITERS-8.jpg"><img class="alignnone size-full wp-image-953995" src="https://ift.tt/2METtfe" alt="" width="720" height="576" /></a></p> <p style="text-align: justify;">इन बहनों की कहानी ठीक किसी बॉलीवुड फिल्म की तरह है. इन बहनों को 'सिंह सिस्टर्स' के नाम से जाना जाता है. बता दें कि अकांशा महिला बास्केटबॉल टीम की कप्तान रह चुकी हैं. प्रशांति को अर्जुना अवार्ड मिल चुका है. सिंह सिस्टर्स ने देश के लिए कई खिताब जीते हैं. बनारस की सिंह सिस्टर्स आज देश की शान हैं. प्रशांति भारत की पहली महिला बास्केटबॉल खिलाड़ी है जिन्हें अर्जुना अवार्ड से नवाजा जा चुका है.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पापा चाहते थे हम UPSC क्लियर करें</strong></p> <p style="text-align: justify;">प्रियंका ने बताया कि, 'पापा स्पोर्ट्स को कम पसंद करते थे. मां ज्यादा करती थीं. हमारा एक छोटा भाई भी है. हम पढ़ाई में काफी अच्छे थे लेकिन पापा चाहते थे कि एक बच्चा यूपीएससी में निकले. लेकिन ऐसा नहीं हुआ और हम पांचों ने बास्केटबॉल को चुना. आज पापा हमारी कामयाबी से काफी खुश हैं तो वहीं हमारी मां भी हमें काफी सपोर्ट करती हैं. हमें काफी खुशी महसूस होती है कि हमारा जन्म ऐसे परिवार में हुआ जिसने हमारे सपनों को समझा और उसे पाने में हमारी मदद कि.</p> <p style="text-align: justify;">बास्केटबॉल खेलने की शुरूआत सबसे पहले दिव्या ने की. जिसके बाद सभी इस खेल को खेलती गई. प्रशांति पिछले 15 साल से बास्केटबॉल खेल रहीं हैं.</p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://static.abplive.in/wp-content/uploads/sites/2/2018/09/01133941/SHIKHAR-SAMAGAM-SINGH-SISITERS-9.jpg"><img class="alignnone size-full wp-image-954001" src="https://ift.tt/2wCL1lV" alt="" width="720" height="576" /></a></p> <p style="text-align: justify;"><strong>क्रिकेटर इशांत शर्मा की पत्नी है प्रतिमा</strong></p> <p style="text-align: justify;">प्रतिमा क्रिकेटर इशांत शर्मा की पत्नी है. तो वहीं प्रशांति उनकी साली है. प्रशांति बताती है कि, ' बास्केटबॉल में हम इनती अच्छी थीं कि हमें कोई भी लड़की टक्कर नहीं दे पाती थीं तब हम लड़कों के साथ खेलती थी. बचपन में जब हम अपने सिर के बाल कटवाने के लिए जाते थे तो हमारे बाल लड़कों की तरह काट दिए जाते थे जिससे लड़कों को पता हीं नहीं चलता था कि हम लड़के हैं या लड़की. लेकन जब हम उनके बीच गए तो उन्हें झटका लगा और लड़के मैदान छोड़कर भाग गए.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>बास्केटबॉल पुरूष टीम को कोच कर चुकी है दिव्या</strong></p> <p style="text-align: justify;">दिव्या बताती हैं कि जब उन्होंने बास्केटबॉल की कोचिंग की शुरूआत कि तो उन्होंने लड़कियों और लड़कों में दो फर्क देखा. पहला कि वो जब भी किसी लड़की को किसी गलत गेम या काम के लिए डांट लगाती थीं तो सारी लड़कियां उस डांट को देख या सुनकर सुधर जाती थी. लेकन लड़कों के मामले में ये बिलकुल उलट था जहां एक लड़का कोई गलत काम करता था तो सारे लड़के गलती करने लगते थे. जिसे सुधारने के लिए उन्हें मार भी पड़ती थी.</p> <p style="text-align: justify;"><a href="https://static.abplive.in/wp-content/uploads/sites/2/2018/09/01133956/SHIKHAR-SAMAGAM-SINGH-SISITERS-16.jpg"><img class="alignnone size-full wp-image-954004" src="https://ift.tt/2PU3KCl" alt="" width="720" height="576" /></a></p> <p style="text-align: justify;"><strong>आकांशा कर चुकी है बास्केटबॉल लीग का आयोजन</strong></p> <p style="text-align: justify;">आकांशा दिल्ली में लीग आयोजन करवा चुकी हैं. आकांशा बताती हैं कि, ' एक बार उन्हें दिल्ली यूनिवर्सिटी से कोचिंग देने के लिए ऑफर था. उस समय मैं यूपी की बेस्ट प्लेयर थी. मैं इस खेल में कुछ करना चाहती थी इसे आगे बढ़ाने चाहती थी. जिसे लेकर मैंने एक लीग का आयोजन किया जहां सभी कॉलेज के खिलाड़ियों को शामिल किया गया. फंडिग नहीं मिली लेकिन ये लीग भी नहीं रूका और सारे खिलाड़ियों ने हिस्सा लिया.</p> <p style="text-align: justify;"><strong>पांचों बहनों पर बनने वाली थी फिल्म</strong></p> <p style="text-align: justify;">सिंह सिस्टर्स की इन उपलब्धियों पर फिल्म बनने वाली थी जिसका नाम '4पीएम ऑन द कोर्ट' था. लेकिन किसी कारण ये मुमकिन नहीं हो पाया. पांचों बहनों का मानना है कि अगर आगे चलकर ऐसा कुछ होता है तो इन बहनों को काफी खुशी होगी. बता दें कि प्रशांति कई फैसन कवर मैग्जिन पर भी आ चुकी हैं.</p> <p style="text-align: justify;">क्रिकेट और बास्केटबॉल का कनेक्शन</p> <p style="text-align: justify;">दिव्या बताती हैं कि, ' इशांत शर्मा ने उनकी मुलाकात एक टूर्नामेंट के दौरान हुई. हमारे कॉलेज में हमारे कई ऐसे दोस्त थे जो क्रिकेट खेलते थे. इशांत भी वहां आते थे. एक बार हमने इशांत को एक टूर्नामेंट में चीफ गेस्ट के तौर पर बुलाया था. जिसके बाद उनके और मेरे परिवार के बीच बात हुई और फिर बात आगे बढ़ी. दिव्या आगे बताती हैं कि इशांत काफी शर्मिले हैं और हम क्रिकेट तभी देखते हैं जब वो बॉलिंग करने के लिए आते हैं.</p> <p style="text-align: justify;">इंटरव्यू के दौरान तीनों बहनों ने कहा कि बास्केटबॉल के ग्लोबल खेल है जो काफी मशहूर है लेकिन भारत में अभी भी इस खेल को वो पहचान नहीं मिली है. उन्होंने आगे कहा कि टीम जीतती है तो कोई याद नहीं करता लेकिन अकेले कोई जीतता है तो सब याद करते हैं. इसलिए इस खेल को भारत में एक नया मुकाम बनाने में समय लगेगा.</p> <p style="text-align: justify;">सिंह सिस्टर्स का मानना है कि लड़किया लड़कों से कम नहीं बल्कि एक जवाब है, जो पढ़ाई पर जोर लगाते हैं उन्हें पता होना चाहिए कि खेल में भी बहुत कुछ किया जा सकता है और अपने देश का नाम रौशन किया जा सकता है. क्योंकि बेटियां किसी से कम नहीं.</p>

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India vs Pakistan, Men's Hockey Live Score: India Face Pakistan In Hockey Bronze Medal Match

Live updates of India vs Pakistan Mens Hockey Match, Asian Games 2018: The Indian men's hockey team will aim to end their Asiad campaign with a win.

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Asia Cup 2018: Virat Kohli Rested, Rohit Sharma To Lead India

Rohit Sharma will captain India in the Asia Cup 2018 in the absence of Virat Kohli, who was rested for the tournament.

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एशियाड: भारतीय पुरुष हॉकी टीम की कांस्य पदक पर नजर, पाकिस्तान से मुकाबला आज

पुरुष हॉकी का फाइनल खेलने से चूकी भारतीय टीम कांस्य पदक के लिए होने वाले मुकाबले में आज पाकिस्तान से भिड़ेगी। भारतीय टीम पिछले एशियाई खेलों में चैम्पियन रही थी, इसलिए इस बार वह कांस्य पदक के साथ स्वदेश लौटना चाहेगी। सेमीफाइनल में भारत को मलेशिया ने 2-2 से बराबरी के बाद पेनल्टी शूट आउट में 7-6 से हराया था।

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एशियाई खेल (ब्रिज): 60 साल के प्रणब बर्धन और 56 साल के शिभनाथ सरकार की जोड़ी ने जीता गोल्ड

जकार्ता: भारत के प्रणब बर्धन और शिभनाथ सरकार ने 18वें एशियाई खेलों के 14वें दिन शनिवार को पुरुषों की युगल स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। 60 साल के प्रणब और 56 साल के शिभनाथ सरकार की जोड़ी 384 अंक हासिल करते हुए स्वर्ण पदक पर कब्जा जमाया। 

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एशियाई खेल (मुक्केबाजी): अमित का गोल्डन पंच, भारत को 14वां गोल्ड मेडल

जकार्ता: भारत के युवा मुक्केबाज 22 साल के अमित पंघल ने 18वें एशियाई खेलों में उम्मीदों को पूरा करते हुए पुरुषों की 49 किलोग्राम भारवर्ग स्पर्धा का स्वर्ण पदक अपने नाम किया है। राष्ट्रमंडल खेलों में रजत जीतने वाले अमित ने खेलों के 14वें दिन शनिवार को रियो ओलम्पिक-2016 के रजत पदक विजेता उज्बेकिस्तान के हसनबॉय दुसामाटोव को बेहद रोचक और कड़े मुकाबले में 3-2 से मात देकर एशियाई खेलों में अपना पहला स्वर्ण पदक जीता। 

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एशिया कप 2018 के लिए टीम इंडिया का ऐलान, रोहित शर्मा को मिली टीम की कमान

विराट कोहली को संयुक्त अरब अमीरात (युएई) में 15 सितंबर से शुरू होने वाले एशिया कप के लिए आराम दिया गया है। विराट की गैरमौजूदगी में सलामी बल्लेबाज रोहित शर्मा को कप्तान बनाया गया है जबकि उनके जोड़ीदार शिखर धवन को उपकप्तान नियुक्त किया गया है। भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की सीनियर चयन समिति ने एक बैठक कर एशिया कप के लिए 16 सदस्यीय टीम का ऐलान किया।

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"What's The Point Of Medals If You've To Beg For Awards?": Manu Bhaker's Father Says In Report

Manu Bhaker's father Ram Kishan remains critical of the sports ministry and the nomination committee ofter the shooter was snubbed Khel ...